देश में शिक्षा क्रांति लाने वाले दो युवा सीएम रांची में मिले

शिक्षा : जहां स्कूल बंद हुए और बीजेपी के आलिशान कार्यालयों का निर्माण हुआ. वहीं केजरीवाल व हेमन्त सरकार में रुढ़िवादी शिक्षा व्यवस्था समाप्ति व आधुनिक शिक्षा के नीव का सच भी सामने है. 

रांची : सभी बीजेपी सत्ताओं का एक सच यह भी है कि देश भर में बहानों के अक्स में जहां स्कूल बंद हुए, तो वहीं भाजपा के आलिशान कार्यालयों का निर्माण हुआ है. शिक्षा बजट में भारी कटौती हुई. जानलेवा महंगाई के अक्स में देश के गरीब व माध्यम वर्ग जहाँ निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने को विवश हुए. तो दूसरी तरफवहीं केन्द्रीय नीतियों के ही अक्स में इन वर्गों पर शिक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ा. मसलन, देश में शिक्षा के मूलभूत अधिकार का हनन हुआ है.

देश में शिक्षा क्रांति लाने वाले दो युवा सीएम रांची में मिले

ऐसे विकट दौर में देश में, दिल्ली की केजरीवाल सरकार व झारखण्ड की हेमन्त सरकार ने सभी वर्गों के बच्चों को मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में गंभीरता दिखाई है. हालांकि बीजेपी के द्वारा इस प्रयास को मुफ्त की रेवड़ी कहा गया, लेकिन, न केवल देश व राज्य के उज्जवल भविष्य के मद्देनजर बल्कि इंसानियत के दृष्टिकोण से भी यह कितना निर्णायक कदम है समझा जा सकता है. क्योंकि,शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना किसी भी देश की पहली प्राथमिकता होती है.

दिल्ली-झारखण्ड रुढ़िवादी स्कूली शिक्षा प्रणाली को बदलने में निभा रहे निर्णायक भूमिका

ज्ञात हो, दोनों ही सरकारें रुढ़िवादी स्कूली शिक्षा प्रणाली को बदलने में निर्णायक भूमिका निभा रही है. केजरीवाल सरकार अतिरिक्त बजट के साथ कई अहम फैसले लिए, आधुनिक सुविधाओं के साथ नए स्कूलों का निर्माण हुआ और उसी समय समतुल्य नई कक्षाओं को भी जोड़ा गया. हेमन्त सरकार ने तो पूरी शिक्षा पद्धति को बदले पर जोर दिया. पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालय का उद्घाटन हुआ. होस्टल दुरुस्त हुए. मुफ्त कोचिंग व विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्ति के रास्ते खोले. 

देश में शिक्षा क्रांति लाने वाले दो युवा सीएम रांची में मिले

दोनों ही सरकारों ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे बच्चे सरलता मिले इस विषय पर जो दिया है. सीखने को आसान व आकर्षक बनाने हेतु सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पद्धति जैसे इंग्लिश मीडियम, स्मार्ट कक्षा, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, ई-मॉड्यूल के साथ लेबोरेट्री जैसे आयामों पर जोर दिया है. इसके लिए आवश्यक वित्तीय भी प्रदान की किये है. साथ ही इन स्कूलों में पीने का पानी, लड़कियों और लड़कों के शौचालय, बिजली कनेक्शन जैसे सुविधा पर गंभीरता दिखाई है.

जाहिर है, शिक्षा मानव जाति को समस्याओं से उबारती है और भविष्य उज्जवल बनाती है. इसलिए शिक्षा को सामन्ती व्यस्था बड़ा ख़तरा मानती है. क्योंकि शिक्षा भ्रम व आडम्बरवाद पर आधारित शोषण को समाप्त कर लोकतंत्र के आधार को मजबूती देती है. मसलन, दोनों राज्यों पर कभी ईडी तो कभी अध्यादेश के रूप में सामन्ती दबिश देखने को मिली है. मसलन, लोकतन्त संरक्षण के अक्स में दोनों लोकतंत्र के महानायकों का मिलन राँची में हुआ. और दोनों के विचार भी एक मत दिखे.

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