झारखण्ड : शिक्षक नियुक्ति, मोडल स्कूल, स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट मीट निर्णय शिक्षा में आधुनिक बदलाव 

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन का शिक्षक नियुक्ति, मोडल स्कूल, स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट-टीचर मीट जैसे निर्णय शिक्षण व्यवस्था में लाएगा आधुनिक ठोस बदलाव. शिक्षक व अभिभावकों की जिम्मेदारी भी होगी तय. 

रांची : झारखण्ड में सीएम हेमन्त सोरेन का शिक्षा के अधिकार सुनिश्चितकरण के प्रति नेक सोच न केवल आकार ले रहा है, बेबी स्टेप में राज्य में भविष्य के शिक्षण प्रणाली की तस्वीर भी स्पष्ट कर रहा है. पहले स्टेप में मोडल स्कूल की नीव रखी गई व गरीबों के होस्टलों की दुरुस्तीकरण पर जोर दिया गया. दूसरे सतेप में शिक्षक नियुक्ति, स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट-टीचर मीट जैसे जरुरी पहलुओं काम किया जा रहा है. जो स्पष्ट रूप से आधुनिक व व्यवस्थित शिक्षण व्यवस्था की वकालत करती है

झारखण्ड : शिक्षक नियक्ति, मोडल स्कूल, स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट मीट निर्णय शिक्षा में आधुनिक बदलाव

स्कूल को एक्सीलेंस – झारखण्ड शिक्षण व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव 

झारखण्ड एससी, एसटी, ओबीसी व गरीब बाहुल्य राज्य के साथ नक्सल प्रभावित राज्य भी है. राज्य में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के आभाव कई उलझने है. जिसके अक्स में राज्य का हक छीन गया और गरीब व माध्यम वर्ग पर शिक्षा के लिए आर्थिक भार बढ़ा. ऐसे में सीएम का दो कोठरी वाली सरकारी स्कूलों की परम्परा ध्वस्त कर उत्कृष्ट विद्यालय का नीव रखना, होस्टलों का दुरुस्तीकरण, राज्य के सुखद भविष्य के मद्धेनजर सामन्ती राजनीति पर चरणबद्ध सटीक व अचूक वार है.

शिक्षक नियुक्ति, स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट-टीचर मीट का निर्णय दूसरा अचूक वार 

ज्ञात हो, पूर्व के सामन्ती शासन के अक्स में शिक्षकों के रिक्त पद को यथावत छोड़ झारखण्ड की शिक्षण व्यवस्था लचर की गई. शिक्षक समाज के शिल्पकार है. ऐसे में सीएम के द्वारा दूसरे स्टेप में माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्त करना, न केवल शिक्षा के रीढ़ को मजबूत करना है, सामंतवाद का कमर तोडना भी है. साथ ही सीएम का स्कूल ग्रेडिंग व पेरेंट-टीचर मीट का निर्णय न केवल शिक्षण व्यवस्था में आधुनिक बदलाव लाएगा. शिक्षक व अभिभावकों की जिम्मेदारी भी तय करेगा.

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