झारखण्ड: ओपन कास्ट कोयला खादान चालू होना मूल स्थानीय हित में

झारखण्ड : ओपन कास्ट कोयला खदानें स्थानियों को रोजगार मुहैया कराने में प्रमुख भूमिका निभाता है. ऐसे में इसे चालू करने की कल्पना सोरेन और सुदिव्य कुमार की कवायद मूल स्थानीय हित में.

रांची : झारखण्ड खनिज संपदा बाहुल्य क्षेत्र है. राज्य के कई जिलों के स्थानीय जनता की रोजी-रोटी इस पर निर्भर करता है. ओपन कास्ट कोयला खदानें स्थानियों को रोजगार मुहैया कराने में प्रमुख भूमिका निभाता है. लेकिन जब से केंद्र में मोदी सत्ता आई, पूंजीपति नेटवर्क के अक्स में एक तरफ कोयला लूट में वृद्धि हुई है तो दूसरी तरफ ओपन कास्ट और लोकल सेल बंद हुए हैं. नतीजतन, स्थानीय दरकिनार हुए, बेरोजगार हुए, आर्थिक स्थिति चरमराई और अवैध खनन में इजाफा हुआ. 

ओपन कास्ट स्थानीय हित में

हालांकि इस खनन के साथ भी पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियाँ जुड़ी है. लेकिन कुशल प्रबंधन के अक्स में ओपन कास्ट कोयला उत्पादन का प्रभावी एक तरीका हैं जिसके अक्स में रोजगार जैसे जनहित फायदे हैं. इन खदानों के संचालन से बड़ी संख्या में स्थानीयों को रोजगार मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और सरकार को राजस्व प्राप्त होता है. जिसका उपयोग  सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी आयामों के विकास में होता है.

कोयला ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है जिससे इसका फायदा बिजली उत्पादन, इस्पात जैसे अन्य स्थानीय उद्योगों के मजबूतीकरण और विकास में दिखता है. बतुर उर्जा स्रोतों यह कम कीमत में स्थानियों को उपलब्धता होता है. CSR फण्ड के अक्स तले कोयला खदानों के आसपास के क्षेत्रों में सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का विकास होता है. लेकिन केन्द्रीय नीतियों के अक्स यह सभी आशाएं धाराशाही हुए. और मूलवासियों को गरीबी के अंधाकार में धकेल दिए गए 

कल्पना सोरेन ने ओपन कास्ट कोयला खदान को शुरू करने को लेकर गंभीर 

गांडेय विधायक कल्पना सोरेन और गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने राज्य में में बंद पड़े ओपन कास्ट कोयला खदान को जिला प्रशासन के साथ तालमेल कर फिर से शुरू करने की कवायद तेज कर दी है. डीसी के नेतृत्व में बैठक हुई जिसमें डीएफओ ने जानकारी दी कि ओपन कास्ट कोयला खादान से कोयला उत्पादन शुरू करने में परेशानी नहीं है. बैठक में गांडेय विधायक ने उपायुक्त से कहा कि वो कोयला खदान से जुड़े हर मुद्दे की निगरानी करें.

सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के द्वारा राज्य पर्यावरण और वन विभाग को निर्देश दिया गया कि वह एक सप्ताह में सारे दस्तावेज सीसीएल प्रोजेक्ट ऑफिसर को सौंपे, जिससे उसकी हो समीक्षा और ओपन कास्ट कोयला उत्पादन कार्यु शुरू करने का पहल हो सके. मसलन, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन केवल महिला मुद्दों में मुखर नहीं दिखती हैं, वह आदिवासी-मूलवासी के हितों के सभी मामलों में गंभीर दिख चली हैं. झारखण्ड को ऐसे नेत्री की नितांत आवश्यकता थी.

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