हेमन्त पहले सीएम जिन्होंने स्वास्थ्य-शिक्षा का महत्त्व समझा

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन एक मात्र ऐसे पूर्व सीएम हैं जिन्होंने इस गरीब प्रदेश का भविष्य शिक्षा और स्वास्थ्य में खोजने का प्रयास किया. सीएम चम्पाई उस सोच को आगे बढ़ा रहे.

रांची : आज विडंबना है कि राज्य के पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन सामंती साजिश के अक्स में जेल में बंद हैं. और राज्य का बौधिक दुर्भाग्य यह है कि राज्य के युवाओं की नियुक्ति न हो पाने का दोषी केन्द्रीय व्यवस्था और राज्य के सामंती नेताओं के बजाय लगभग 6 माह से जेल में बंद आदिवासी नेता हेमन्त सोरेन के मत्थे मढने का प्रयास होता देखा जा रहा है. जिससे यह समझा जा सकता है कि सामंती वयस्था उस आदिवासी नेता से नहीं बल्कि उसके सामाजिक न्याय की सोच से कितनी डरी हुई है.

हेमंत शिक्षा का महत्व समझे

सामाजिक न्याय का अक्स केवल एक बिंदु पर केन्द्रित नहीं हो सकता है. ज्ञात हो, पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड ने कोरोना के दौर में न केवल जनता की स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित की, देश को मदद करने की भी अमिट छवि गढ़ी. साथ ही केन्द्रीय आमानवीय नीतियों के बीच भी राज्य में स्वास्थ सेवा के विभिन्न विकल्पों के माध्यम से व्यवस्थित करने का प्रयास हुआ. आज इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में प्रोसुती सेवा पूर्व की तुलना में काफी बेहतर हुआ.

हेमन्त शासन में शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर में कई बुनियादी बदलाव 

उस सीएम के नेतृव में राज्य में शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बुनियादी बदलाव हुए. अलग झारखण्ड के इतिहास में पहल दृश्य है जहाँ गरीब छात्रों के होस्टलों का दुरुस्तीकरण हुआ. दो कमरों वाले स्कूलों की सामंती व्यवस्था के बीच सीएम एक्सीलेंस जैसे विद्यालय धरातल पर दिखे. राज्य ने पहली बार अपने गरीब प्रतिभावान बच्चों की विदेश में शिक्षा पाने के सपने को पूरा होता देखा. साथ राज्य भर में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की गिनती में इजाफा हुआ. और इस दिशा कई ठोस फैसले दिखे. मसलन, ऐसे नेता का साथ झारखण्ड नहीं छोड़ सकता.

लेकिन, इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह तमाम प्रयास जेल प्रकरण और लोकसभा चुनाव के अक्स में शिथिल हुए. लेकिन पुनः एक बार उस प्रयास की दिशा में वर्तमान सीएम चंपाई सोरेन आगे बढ़ते देखे जा रहे हैं. इस बाबत सीएम के द्वारा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा हुई. जिसमें स्वास्थ और शिक्षा से सम्बंधित विषय को लेकर सम्बंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए.

कोई गरीब व्यक्ति इलाज से वंचित ना रहे – सीएम चंपाई सोरेन

सीएम का कहना कि राज्य का कोई भी गरीब व्यक्ति इलाज से वंचित ना रहे, इस दिशा में  आयुष्मान कार्ड से वंचितों के लिए सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है. जिसके तहत वैसे सभी व्यक्ति, जिनका राशन कार्ड होगा, उन्हें 15 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा मिलेगी. सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों को बेहतर बनाया जाएगा जहाँ ग्रामीणों की प्राइमरी इलाज सुनिश्चित होगी. जहाँ कर्मियों की नियमित उपस्थिति होगी औरसंबंधित स्वास्थ्य कर्मी का नाम-मोबाइल नंबर ग्रामीण को उपलब्ध होगा.

राज्य के सभी सरकारी नर्सिंग स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थियों की वर्तमान क्षमता को बढ़ाया जाएगा. नर्सिंग स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलगा. साथ ही इन विद्यार्थियों के लिए बेहतर प्लेसमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित होगा. राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती के लिए मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने की जरूरत महसूस की है. इस दिशा में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने हेतु निवेशकों को आमंत्रित करने हेतु स्वास्थ्य विभाग कदम उठाएगी. 

समीक्षा बैठक में सीएम के द्वारा दिए गए अहम निर्देश

  • सभी अस्पतालों में एक ही भवन में ओपीडी और चिकित्सा जांच की सुविधा उपलब्ध हो.
  • सभी स्वास्थ्य उप केंद्र और अन्य अस्पतालों में बाउंड्री वॉल का निर्माण के साथ परिसर में वृक्षारोपण किया जाए. 
  • अस्पतालों में डायलिसिस यूनिटों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए.
  • रांची सदर अस्पताल में एमआरआई मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
  • अस्पतालों के आधारभूत संरचना की मरम्मत, पेयजल शौचालय और बिजली की व्यवस्था, प्रसव कक्ष, चिकित्सीय  उपकरण और दवा की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • वैसे स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल जहां आईसीयू बेड की व्यवस्था नहीं है, वहां आईसीयू बेड तथा टेली आईसीयू इनेबल्ड केयर क्रिटिकल केयर यूनिट को शुरू करने की पहल हो.
  • 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन बेहतर तरीके से हो.

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