मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मानसून सत्र समापन अभिभाषण में क्या कुछ रहा खास

झारखण्ड में मानसून सत्र के समापन अभिभाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने लोकतंत्र को तार-तार करने का किया प्रयास  

समापन अभिभाषण : महोदय, विपक्ष ने लोकतंत्र को तार–तार करने का प्रयास किया, लेकिन सारी ताकत जनता के हाथ में हैं. जनता इन्हें लगातर सबक सिखा रही है. ज्ञात हो, बंगाल चुनाव को इन्होंने भारत-पाकिस्तान की लड़ाई बना दी थी, लेकिन परिणाम हमारे सामने है. आज इनके द्वारा गैर-भाजपा शासित राज्यों को कैसे परेशान किया जा रहा है. माननीय चंदनकियारी जी ने सदन के बाहर घड़ियाली आंसू बहाए, विपक्ष का कार्य भी विपक्ष नहीं कर पा रही है. हमने भी विपक्ष में समय बिताया, लेकिन कभी हमारे किसी सदस्य ने टेबल पर चढ़ कर महिला कर्मी को कुर्सी से नहीं उठाया. लेकिन आपने बेहद ही संवेदनशीलता के साथ से  सदन को चलाया है. 

विगत वर्ष में हमारी सरकार ने जनता की सेवा की है. हमारे कई मंत्री एवं नेता सड़क पर उतर कर लोगों की मदद की. माननीय हाजी साहब हमारे बीच नहीं रहे, जगन्नाथ महतो जी लंबी लड़ाई लड़कर लौटे और जनसेवा के उद्देश्य से फिर से हमारे साथ हैं.

केन्द्र सरकार लगातर हाथ खीच रही है 

केन्द्र सरकार के पास राज्य का करोड़ों बकाया है, लेकिन केन्द्र हाथ खीच रहा है. देश का सबसे पिछड़ा राज्य होने के बावजूद हमारे कॉन्सोलिडेटेड फंड से केन्द्र पैसे काट लेती है जो कि गैर संवैधानिक है. केन्द्र सरकार कभी सीसीएल को कभी डीवीसी को देने के लिए हमारे फंड से पैसे काट रही है, जबकि हमारा लाखों करोड़ उन पर बकाया है. तभी मैंने कहा-अगर विपक्ष तैयार हो तो हम कड़े फैसले ले सकते हैं. लेकिन देश किसी परेशानी में पड़े, कोई समस्या उत्पन्न हो हम वैसे फैसले नहीं लेना चाहते. हम जिस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते है- आदिवासी, दलित, पिछड़ा, मजदूर, किसान, गरीब हमारे राजनीति के केन्द्र में रहते हैं. इसी क्रम में हम लोगों ने कुछ बदलाव किए हैं. 

भाषा 

सदन में नियोजन नीति को लेकर बातें हुई. नियोजन नीति में भाषा को समाहित करना क्या गैर-कानूनी है? हमें क्या भाषा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए? पूर्व की सरकारों ने न भाषा को संरक्षित किया, न भाषा को बढ़ावा दिया. आगामी 20-30 वर्षों में यहां से आदिवासी विलुप्त होने के कगार पर होंगे. आने वाले समय में अन्य राज्यों की भांति भाषाएं विलुप्त हो जाएंगी. 

हमारा देश अनेक भाषाओं का देश है, यही हमारी भारतीयता की पहचान है औऱ हमें गर्व है कि हम भाषा को संरक्षित कर रहे हैं. भाषा, संस्कृति, सभ्यता, जल जंगल जमीन भी हमारी सभ्यता और भाषा से जुड़ा है. इसे बचाना हमारा दायित्व है. अलग राज्य की स्थापना के लिए जिन लोगों ने कुर्बानी दी, जिस वजह से दी, उसे बचाने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है. अगर सरकारी भाषा में स्थानीय भाषा का वजूद बढ़ेगा तो यहां के लोगों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा. भाषा की दूरियां कई बार हमारी जनता को लाभ पाने में बाधा उत्पन्न करती है. 

कुपोषण

झारखण्ड राज्य कुपोषण को लेकर काफी बदनाम है. 43 प्रतिशत से अधिक बच्चे हमारे राज्य में कुपोषित हैं. पिछली सरकार बच्चों को खाने के लिए तीन अंडा देती थी, लेकिन फायदा नही दिखा. हमने राज्य हित में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 6 अंडे देने का प्रावघान किया है, ताकि हमारे बच्चों को बेहतर पोषण मिल सके. व्यवस्था तुरंत नहीं बदली जा सकती है, इसमें वक्त लगता है. तुरंत बदलाव करने का ख्याल देने वाले लोग आज हिन्दु-मुस्लिम करने में लगी है .

संसाधन  

राज्यों को अपने सीमित संसाधन में ही रास्ते ढूंढने होंगे. मौजूदा केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को कब अपंग कर दे कोई भरोसा नहीं है. जीएसटी का कंपनसेशन कितने राज्यों को सही ढंग से मिल पाता है इसकी पूरी जानकारी सभी को है. हमारे हक को काटा जाता है, जबकि हमारा आदिवासी दलित बाहुल्य क्षेत्र होने पर हमें प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी. इसलिए हम नई व्यवस्थाएं खड़ी करने का निर्णय ले रहे हैं. हमारे किसानों को, मजदूरों को कैसे अधिक सहायता मिल सके इस पर कार्य कर रहे हैं .

केसीसी

केसीसी में राज्य सरकार के लिए बहुत बड़ा बजट का प्रावधान है, लेकिन उसमें केन्द्र सरकार अपना मुहर लगा कर वाह-वाही लूटने का काम करती है. हमने अपने राज्य के किसानों को बिरसा किसान का नाम दिया है. इसमें 5 लाख नये लोगों को केसीसी कार्ड देने का प्रावधान किया है. जिसमें दो लाख लोगों को दिया जा चुका है. राज्य का 80 प्रतिशत क्षेत्र ग्रामीण है. ऐसे में ग्रामीण परंपरा को प्रोमोट किया जाए तो हमारे नागरिक अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं. 

कृषि-वनोपज

वनोपज के माध्यम से आज हम अपने ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की आय में वृद्धि करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन बीते 20 वर्षों में कभी इस दिशा में कार्य नहीं हुआ. लेकिन अब सिदो कान्हू वनोपज महासंघ के गठन का निर्माण किया गया है. जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय को बढ़ाया जाएगा. उसी प्रकार मौजूदा कृषि व्यवस्था में नए आयाम जुड़ रहे हैं. किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए 100 किसान पाठशाला का निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है. 

बिजली

इस बार बिजली बिल से जुड़ा कोई सवाल नही आया. क्योंकि लाखों लोगों का विलंब शुल्क माफ करने का फैसला लिया गया. इससे आमजनों को सुविधा हुई. गिरिडीह को सोलर सिटी बनाने का कार्य जारी है. गेतलसूद डैम पर सौर ऊर्जा का प्लांट तैयार किया जा रहा है. हमारी सरकार ने राज्य के हर उन पहलुओं को गंभीरता से लिया है जो राज्य के लिए चिंतनीय विषय रही है.

महिला सशक्तिकरण

राज्य की महिलाएं लाचारी में गरीबी वश हड़िय़ा दारू बेचती हैं- यह उनकी मजबूरी है. हमारी सरकार संकल्प के साथ आगे बढ़ी, आज 12 हजार से अधिक महिलाओं को हड़िय़ा दारू की बिक्री से मुक्त करने का कार्य हमने किया है और सिलसिला जारी है. हमने धोती – साड़ी लूुगी योजना चालू किया था. लेकिन पूर्व की सरकार ने इस योजना को बंद कर गरीब लोगों के तन से कपड़ा छीनने का काम किया. लेकिन हमारी सरकार ने इसे पुनः शुरू किया है और गरीबों के तन पर कपड़ा ढंकने का कार्य कर रही हैं. 

उद्योग

उद्योग नीति 2021 हमने लॉन्च किया है और मैं इस विषय पर स्वयं दिन-रात कार्य कर रहा हूँ. लॉन्च के दिन ही 10 हजार करोड़ के निवेश का प्राप्त हुआ है . इससे 20 हजार प्रत्यक्ष रूप से और लगभग 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.

राशन कार्ड

ग्रीन राशन कार्ड के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इस राज्य में वृद्धा पेंशन में लिमिट था. एक सीमा से अधिक लोगों को पेंशन नहीं दिया जा सकता है, लेकिन हमने अब पेंशन के लिमिटेशन समाप्त किया, जो अहर्ताधारी होगा उसे राज्य सरकार पेंशन देगी. युवाओं को पहले भी हमने बढ़ावा दिया है. पूर्व  में भी हमारी ही सरकार ने खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी थी और आज भी हमारी ही सरकार ने लगभग 39 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी. खिलाड़िय़ों को प्रोतसाहित भी किया जा रहा है.

जेपीएससी

राज्य अलग होने के बाद पहली बार जेपीएससी की नियमावली हमारी सरकार ने बनाई. जिसकी परीक्षा 19 को होने जा रही है. हम राज्य के विकास की ऐसी नींव तैयार कर रहे हैं जो  संकटों के दौर में भी नहीं हिलेगी. सभी विभागों में नियुक्ति नियमावली बहुत जल्द बनकर तैयार होगी. यह वर्ष नियुक्ति का वर्ष होगा और हमारी सरकार इसके लिए दिन रात कार्य कर रही है. सभी वर्ग के नौजवानों के लिए हमने रोजगार के आयाम खोल जा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को ट्रेक्टर, वाहन, स्कॉर्पियो, दुकान इत्यादि के लिए सरकार ऋण दे ऱही है। उस ऋण में  40% तक सरकार अनुदान दे रही है. बहुत सी चीजें हैं जो बताना एक बार में संभव नहीं है.

सदन के समापन पर मैं कहना चाहता हूं कि यह छोटा सत्र था. कुल 388 प्रश्न स्वीकृत हुए हैं. और 8 विधेयक पारित हुए हैं. शोर-शराबे के बीच आपने इस सदन को आखिरी पड़ाव तक पहुंचाया..आपका आभार प्रकट करते हुए, सभी माननीय सदस्यों को,  राज्य वासियों को सभी आगामी त्योहारों की अग्रिम बधाई देता हूं. जय हिन्द जय झारखण्ड जोहार।

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