दीपक प्रकाश जी! केंद्र ने मनरेगा व पोषण सखियों का फंड रोका, कुछ तो बोलिए, आवास योजना में तो हेमन्त सरकार ही दे रही अतिरिक्त 50,000 रुपये

झारखण्ड : पीएम आवास योजना में भाजपा नेता के भ्रष्टाचार का आरोप बेबुनियाद, आवास योजना में हेमन्त सरकार के जनहित फैसले से वोट बैंक डिगने का भाजपा को सता रहा डर. सवाल -केंद्र द्वारा मनरेगा व पोषण सखियों का रोके गए फंड को लेकर दीपक प्रकाश जी के बयानों में क्यों नहीं दिखता दर्द?

रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश फिर हेमन्त सरकार झूठा आरोप लगाने से नहीं चुक रहे. इस बार बहाना प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार को बनाया है. दीपक प्रकाश कह रहे है कि हेमन्त सरकार में ग़रीबों से आवास योजना में वसूली हो रही है. ज्ञात हो, पीएम आवास योजना को बहाना इसलिए बनाया गया है कि बजट 2022-23 में हेमन्त सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसले से भाजपा नेताओं को ग़रीबों के वोट डिगने का डर सता रहा है. साथ ही पिछले 3 माह से मनरेगा की राशि और 4 साल से पोषण सखियों की राशि देना बंद कर दिया है, भाजपा द्वारा इस अधिकार को छिपाने का प्रयास हो रहा हैं.

दीपक प्रकाश का आरोप इसलिए भी बेबुनियाद है क्योंकि हेमन्त सरकार में ग़रीबों को आवास देने का काम प्रमुखता से हो रहा है. ऐसे में दीपक प्रकाश को मनरेगा मजदूरों और पोषण सखियों के मानदेय की चिंता होने के बजाय नकारात्मक व भ्रम की राजनीति करने का सच समझा जा सकता है. ज्ञात हो, मोदी सरकार ने पिछले 3 माह से मनरेगा की मजदूरी राशि और 4 साल से पोषण सखियों की राशि देना बंद कर दिया है. ऐसे में हेमन्त सरकार में गरीबों को आवास योजना के तहत एक अतिरिक्त कमरे हेतु राज्य मद से 50,000 रुपये अतिरिक्त राशि देने और पोषण सखियों के मानदेय के लिए 38 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने से झारखण्ड भाजपा का आरोप के पीछे का डर साफ़ समझा जा सकता है. 

प्रति मकान 50,000 रुपये की अतिरिक्त राशि देने का फैसला

बजट 2022 में हेमन्त सरकार द्वारा पीएम आवास योजना में बड़ा फैसला लिया गया है. आगामी वित्त वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में बनने वाले मकानों में एक अतिरिक्त कमरा जोड़ने के लिए हेमन्त सरकार प्रति मकान 50 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि लाभार्थियों को देगी. 

कोरोना संक्रमण में प्रतिबद्धता के साथ ग़रीबों को दिया गया आवास 

प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति को देखें, तो कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर लगे लॉकडाउन के दौरान झारखण्ड ने प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण में अच्छी प्रगति करते हुए देश में ओवर आल 94.82 अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया था. कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में भी गरीब लाभुकों को अधिक घर मिल सके, इसी निमित हेमन्त सरकार ने काम किया. 

सितम्बर 2021 की स्थिति को देखे, तो झारखण्ड में 46 हजार भूमिहीनों को आवास दिया गया. नगर विकास निदेशालय के एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने स्लम एरिया को चिन्हित कर इन इलाकों में करीब 16 हजार आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में अब तक 1.57 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं. उसमें से 77 हजार आवास पूरे हो चुके हैं, 50 हजार आवास के निर्माण कार्य भी गति से चल रहा है.

केंद्र ने मनरेगा का फंड तीन माह से रोका, इसपर दीपक प्रकाश को न बोलना दिखाता है कि उन्हें झारखंडियों की कोई चिंता नहीं

नतीजतन, हेमन्त सरकार की पीएम आवास में उपलब्धियों में भाजपा नेता को अनुपलब्धि दिख रही है. दीपक प्रकाश के आरोप में केंद्र द्वारा मनरेगा फंड को रोके जाने की बात जनता से छिपाने की मंशा साफ़ झलकती है. बता दें कि करीब 3 महीने से मनेरगा मजदूरों को बकाया भुगतान नहीं हुआ है. योजनाओं में काम करके भी मजदूर मजदूरी की आस में बैठे हैं. केंद्र सरकार से बार-बार आग्रह किये जाने के बावजूद  केंद्र ऐसे गंभीर मामले को अनसुना कर रहा है. 

मजदूरों की मजदूरी नहीं मिलने की वजह से मजदूर मनरेगा कार्य को छोड़ कर दूसरे कामों में जा रहे थे. हालांकि राज्य के लगातार मांग पर बीते दिनों केंद्र ने फंड जारी की है. लेकिन भाजपा नेता ने कभी भी मोदी सरकार से इस गंभीर समस्या पर बात नहीं की. ट्विट तक नहीं दिखा, बल्कि जनता को मुद्दे से भटकाना का प्रयास किया .

मोदी सरकार ने 2017 से ही पोषण सखियों का रोका फंड, हेमन्त सरकार ने अपनी बहनों के लिए 38 करोड़ का किया प्रावधान 

यही नहीं राज्य के छह जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रही पोषण सखी को पिछले 11 माह से मानदेय राशि नहीं मिली है. इसका कारण है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2017 से ही पोषण सखियों के फंड पर रोक लगा दी है. क्या कोई भाजपा नेता को इसकी चिंता है? काया कभी उनके बयानों में झारखंडी बहनों का दर्द छलका. ज्ञात हो, हेमन्त सरकार द्वारा पोषण सखियों के मानदेय के लिए राज्य मद से 38 करोड़ रुपये की राशि जारी किया गया है. अनुपूरक बजट में सरकार द्वारा 38 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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