झारखण्ड के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए हेमन्त सोरेन सरकार लगातार कर रही प्रयास. मदरसों के अनुदान व पारा शिक्षकों के लिए उठाए जा रहे हैं व्यापक कदम.
रांची : झाऱखण्ड में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा को बेहतर बनाने तथा विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सके, इसके लिए हेमन्त सरकार लगातार प्रयास कर रही है. प्रयास भी ऐसा, जिसमें संस्थानों को आर्थिक अनुदान मिल सके, ताकि किसी भी वर्गों के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो. इस दिशा में गुरूवार की कैबिनेट में मदरसों को लेकर एक बड़ा फैसला हुआ है. राज्य के 183 अराजकीय प्रस्वीकृति प्राप्त (वित्त सहित) मदरसों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कíमयों के अनुदान का रास्ता साफ हो गया है.
सरकार ने मदरसों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के अनुदान भुगतान के संबंध में बीते अगस्त 2020 को लिए एक निर्णय में संशोधन की स्वीकृति दी है. बता दें कि राज्य के स्वीकृति प्राप्त 183 मदरसों में मात्र 130 मदरसे ही 2020 के संकल्प की शर्तों को पूरा कर रहे थे. अन्य मदरसे शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण अनुदान से वंचित हो रहे थे. अब इस निर्णय के बाद इनको अनुदान का रास्ता साफ़ हो गया है. कुछ शर्तों को शिथिल कर दिया गया है एवं कुछ के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है.
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2017 में बंद कर थी मदरसों का अनुदान
दरअसल, वर्ष 2017 में कई मदरसों का अनुदान आवश्यक शर्ते व अर्हता पूरी नहीं करने के आधार पर बंद कर दिया गया था. इस बीच अनुदान से वंचित मदरसा लगातार अनुदान की मांग कर रहे थे. सत्ता में बदलाव होते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अनुदान से वंचित सभी मदरसों के मांगों को पूरा करने के लिए तीन अलग-अलग कमेटियां गठित की थी. कमेटी के रिपोर्ट पर सभी मदरसों की जांच कराकर अनुदान देने की अनुशंसा की. बता दें कि मदरसों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मियों का वेतन भुगतान राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान से होता है. ये 183 मदरसे संयुक्त बिहार से ही स्वीकृति प्राप्त और संचालित हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए यथोचित कदम उठाएगी सरकार
राज्य के अन्य शिक्षकों और पारा शिक्षकों की मांगों तथा समस्याओं को लेकर सरकार अब तेजी से काम कर रही है. इसका संकेत गुरूवार को उस समय दिखा, जब शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने मुख्यमंत्री ने उनके कार्यालय मुलाकात की. इस दौरान पारा शिक्षकों की मांगो पर विशेष रूप से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए यथोचित कदम उठाए जाएंगे. साथ ही शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने की दिशा में जो भी जरूरतें होंगी, उसे पूरा किया जाएगा.
पारा शिक्षकों के वेतनमान और स्थायीकरण से जोड़कर देखा जा रहा मुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री की मुलाकात
मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री के मुलाकात को इस दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है कि बीते दिनों ही मीडिया में यह खबर आयी थी कि सरकार स्थायीकरण और वेतनमान निर्धारण को बड़ा कदम उठाने जा रही है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ पारा शिक्षकों की बैठक में यह तय हुआ था कि बिहार के मॉडल को अपना कर झारखंड में पारा शिक्षकों को स्थायीकरण किया जाएगा. संभवतः सरकार के दो साल पूरे होने यानी 29 दिसंबर को घोषणा हो सकती है.