प्रियंका गाँधी – मेरी बहन कल्पना सोरेन शेरनी है. आदिवासी समाज में शक्ति है. पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन को जेल भेजे जाने के बाद उनकी आवाज बन जनता की लड़ाई लड़ रही है.
रांची : बीजेपी वाले कहते हैं कि वो आएँगे तो संविधान बदल देंगे. क्यूँकि इनकी विचारधारा में दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, गरीब, युवा, महिला, मज़दूर, किसान के लिए कोई मानवीय स्थान नहीं है. देश को खाना किसान देते हैं, बड़ी-बड़ी इमारतें मज़दूर बनाते हैं. देश के भविष्य को पोषण हमारी माताएँ-बहनें देती है. लेकिन केवल गाल बजाने वालों के नीतियों के अक्स में सभी के लिए देश असुरक्षित हो चला है. तमाम शब्द झारखण्ड की नारी शक्ति प्रतीक कल्पना सोरेन के पहचान को परिभाषित करने वाले हो चले हैं.

वहीँ झारखण्ड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में दूसरी नारी शक्ति प्रतीक कहती हैं -कल्पना सोरेन मेरी प्यारी बहन हैं. वह शेरनी है. उनसे मिलकर ख़ुशी और गर्व होता हूँ. केंद्र सरकार न आदिवासियों को समझती है और न इनके लिए सही नीतियां बनाती है. चुनावी जीत हेतु पूर्व आदिवासी सीएम हेमन्त सोरेन को साजिशन जेल में डालता है. ऐसे में आदिवासी समाज की शक्ति के रूप में, कल्पना सोरेन अपने पति और झारखंडी जनता के नायिका के रूप में उभार एक सुखद लोकतांत्रिक भविष्य लिए है.
यह लोकसभा चुनाव बीजेपी बनाम जनता – कल्पना सोरेन
संथाल की ऐतिहासिक धरती गोड्डा में प्रियंका गांधी के अभिवादन में कहे कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस से INDIA गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव जैसे स्थानीय नेता को दिल्ली भेजे, यह राज्य के भविष्य के लिए जरुरी है. जो भाजपा जनता के डर से चुनाव के हर चरण में अपना नारा बदल ले, पूर्व सीएम को साजिश के तहत जेल में डाल दे, वह बहरूपिया ही हो सकता है. ऐसे में झारखण्ड-देश के विकास के लिए एक ठोस प्रत्याशी, जिसने जनहित रक्षा में पीठ पर लाठी खाई, बेहतर विकल्प है.
दो-टूक कहे कि गोड्डा से बीजेपी के प्रत्याशी बड़बोले हैं. जो व्यक्ति एक महिला विधायक, झारखण्ड के मंत्री, एक जनप्रतिनिधि और झारखण्ड के मूल भावनाओं की इज्जत नहीं कर सकता वह गोड्डा के प्रतिनिधित्व के लिए कभी बेहतर विकल्प नहीं हो सकता. वहीं राज्य-विधानसभा के प्रखर आवाज प्रदीप यादव पूरे दमखम और जोश के साथ झारखण्ड के मुद्दों को संसद में भी उठाएंगे. झारखण्ड के जरुरी मूल मांगों के संरक्षण के लिए ऐसे आवाज की राज्य को जरुरत है.
ज्ञात हो, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, युवा, महिला, किसान, मजदूर के हक-अधिकारों की रक्षा हेतु, पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना आदिवासी धर्म कोड, 1932 वर्ष आधारित खतियान जैसे जरुरी मांगों की पूर्ति के लिए और पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन को न्याय दिलाने के लिए INDIA गठबंधन के प्रत्याशियों को प्रचंड बहुमत के साथ संसद भेजने की आवशयकता है. क्यूंकि केवल INDIA गठबंधन की सरकार ही झारखण्डी जन भावनाओं से जुड़े मूल मुद्दों न्याय दे सकती है.