भाजपा सत्ता भरष्टाचार : जिस दिन मनीलाउंड्रिंग से प्रेम-पुनीत के बैंक ऑफ बड़ौदा, गोरक्षणी शाखा, सासाराम से भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस और डबल इंजन वाली सरकार के पूर्व सीएम के उपयोग के लिये इनोवा JH01DV 1101 ख़रीदी गई उस दिन, उस बैंक खाता से कुल 3 इनोवा ख़रीदी गई. बाक़ी दो इनोवा कहाँ हैं?
देश में एक खास आइडियोलॉजी को कायम रखने हेतु केंद्र में फ़ासिस्ट सत्ता लाई है. ज्ञात हो, 2014 चुनाव के दौर में देश में बहुसंख्यक गरीबी आबादी को लोकतांत्रिक अधिकार मुहैया कराने के मद्देनजर लम्बे-चौड़े दावे हुए थे. लेकिन केंद्र में भाजपा सत्ता आने के बाद दावों से उल्टे देश में महँगाई, बेरोज़गारी, छँटनी और सरकारी तथा कॉरपोरेट लूट-खसोट में भारी इजाफा हुआ है. जन-जीवन त्रासदी के दौर से गुरजर रहा है.
विकट परिस्थितियों के बीच देश में पनप रहे उस सरकार के प्रति अविश्वास को काबू हेतु, उस आइडियोलॉजी द्वाराजनता का ध्यान बहकाने हेतु सुनियोजित एजेंडे पर विभिन्न कार्य हो रहे हैं, देश की अखंडता को खंडित करने हेतु ऐतिहासिक साक्ष्य को तोड़ने-मरोड़ने, सम्प्रदियिक हिंसा जैसे कई हथकण्डे अपनाये जा रहे हैं. बहुसंख्यक आबादी के हित में काम कर रहे गैर भाजपा शासित राज्यों में बहुजन नेता, जो इनके राहों में रोड़े बन रहे है उन्हें व्यक्तिगत तौर पर देश के संस्थानों द्वारा हमले भी होते भी देखा जा सकता हैं.
ज्ञात हो, इस तथ्य का स्पष्ट उदाहरण सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के अचानक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र को लिखा एक पत्र जारी किया जाना हो सकता है. जिसमें कई गम्भीर आरोप लगाते हुए न्यायमूर्तियों द्वारा न्यायपालिका को कमज़ोर करने के आरोप लगाये गए थे.
इनोवा JH01DV 1101 ख़रीद के दिन उस बैंक खाता से कुल 3 इनोवा ख़रीदी गई थी. बाक़ी दो इनोवा कहाँ हैं?
ज्ञात हो, झारखण्ड के बुद्धिजीवी, भाजपा के पूर्व मंत्री द्वारा ट्वीट कर ईडी पर विभिन्न सवाल उठाये गए हैं. पहला – जिस दिन मनीलाउंड्रिंग से प्रेम-पुनीत के बैंक ऑफ बड़ौदा, गोरक्षणी शाखा, सासाराम से भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस और डबल इंजन वाली सरकार के सीएम के उपयोग के लिये इनोवा JH01DV 1101 ख़रीदी गई उस दिन, उस बैंक खाता से कुल 3 इनोवा ख़रीदी गई थी. बाक़ी दो इनोवा कहाँ हैं? टाटा, राँची या मुंबई?
दूसरा – झारखण्ड में ताज़ा घोटाला के केन्द्र बिन्दु प्रेम प्रकाश ने #ED के सामने न मुँह खोला और न उसका मोबाईल ही जप्त हो पाया.पर #ED ने अप्रत्यक्ष रूप से उसके मोबाईल का #Digital #Detail निकालकर अहमदाबाद के #Forensic #Lab में भेज दिया है. ये आँकड़े #ED #Delhi के पास हैं. शीघ्र कार्रवाई तो हो.
तीसरा – पूजा सिंघल सहित झारखण्ड के दर्जन भर घोटालों की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED), राँची के उपनिदेशक का तबादला कर दिया गया. मनरेगा से शुरू हुई जाँच खान विभाग तक पहुँच गई थी, क्रिकेट स्टेडियम की जाँच भी प्रगति पर थी. #ED के दिल्ली वाले दिमाग़ी लाल त्वरित नतीजे चाहते होंगे या कुछ और!
मसलन, तमाम कार्यप्रणाली से स्पष्ट होता है कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के बहुसंख्यक ग़रीब मूल आबादी के तरफ बढ़ते कदम को थामने, भाजपा सत्ता के सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध हो रहे कार्रवाई की दिशा भटकाने हेतु, खास मंशा के तहत, भारत के ईडी जैसे संस्थान का केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में दुरुपयोग कर, इतिहास के मूल लकीरों की भांति हेमन्त सोरेन जैसे बहुजन-आदिवासी जन नेता के छवि को धूमिल करने का प्रयास भर प्रतीत होता है.