झारखण्ड : भाजपा आइडियोलॉजी नहीं चाहती देश के बहुसंख्यक गरीब आबादी की भलाई. झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन की सर्वजन पेंशन के गुज़ारिश को ठुकराना इसका स्पष्ट उदाहरण. केवल झारखण्ड में 19 लाख आबादी पेंशन से रही है वंचित.
राँची : भजपा के मौजूदा मोदी काल की नीतियों ने महंगाई ने देश का दम निकाल दिया हो, गरीब – मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो, सारे गुना-गणित, जोड़-घटाव बैमानी हो चले हों, कमेरा खुद की व परिवार के ही खर्चे उठाने में आसमर्थ हो, तो ऐसे में जब झारखण्ड जैसे गरीब राज्य में कुपोषण गंभीर समस्या बन कर खड़ी हो, तो राज्य समेत देश के वृद्ध, विधवा, एकल महिला जैसे बेसहारों की वर्तमान स्थिति क्या हो चली होगी, अंदाजा लगाना भी भयावह है. वह भी तब बहुजन-आदिवासी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सर्वजन पेंशन की सलाह को मोदी सरकार द्वारा ठुकरा दी गई हो, तो ऐसे त्रासदी के दौर में देश की वर्तमान स्थिति समझी जा सकती है.
वर्तमान विकट परिस्थिति में महंगाई जैसे सुरसा के मुंह में समाते झारखण्ड की जनता को राहत पहुंचाने हेतु, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत हुई है. राज्य के सभी योग्य लाभूकों को योजना के अंतर्गत विशेष अभियान के तहत पेंशन से जोड़ने हेतु सराहनीय प्रयास हुआ है. मुख्यमंत्री द्वारा गुमला से स्वयं 8 जून को इस अबियाँ का शुभारंभ हुआ है. इसके प्रतिफल में जहां राज्य में संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं में लाभुकों की कुल संख्या 9,78,730 थी. वहीं अब योजना लागू होने से लाभुकों की कुल संख्या 13,76,225 हो गई है. मसलन, कुल 3,97,495 वंचित लाभुकों को पेंशन योजनाओं का लाभ मिला है.
हेमन्त सरकार द्वारा 15 लाख से अधिक नए लाभुकों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है
मतदाता सूची के आधार पर सरकार द्वारा अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में 15,03,486 लाभुक सर्वजन पेंशन योजना से आच्छादित नहीं हो पाए हैं. जैसे – बोकारो – 12527, चतरा – 20093, देवघर – 46868, धनबाद – 142045, दुमका – 37034, गढ़वा – 5660, गिरिडीह – 11666, गोड्डा – 55496, गुमला – 48628, हजारीबाग – 106363, जामताड़ा – 9776, खूंटी – 30689, कोडरमा – 24640, लातेहार – 24858, लोहरदगा – 7653, पलामू – 46610, पूर्वी सिंहभूम – 154414, रामगढ़ – 44476, रांची – 230098, साहेबगंज – 56274, सरायकेला व खरसावां – 36521, सिमडेगा – 32881 एवं पश्चिमी सिंहभूम – 65408 लाबूक शामिल हैं.
हेमन्त शासन में राज्य के सभी लाभुकों को पेंशन का लाभ देने हेतु शुरू हुआ विशेष अभियान
हेमन्त शासन में यदि सर्वजन पेंशन योजना के तहत योग्य लाभुकों को चिह्नित कर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से जोड़ने का कार्य शुरू हुआ है. तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्व की भाजपा शासन में लगभग 19 लाख वंचित गरीबों की स्थिति कैसी रही होगी. क्यों राज्य में पलायन, भूख से मौत, बेटियों की तस्करी जैसी तस्वीर देखने को मिली है. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं शहरी क्षेत्रों में अंचल अधिकारी द्वारा अब दल का गठन किया जा रहा है. मसलन, तमाम परिस्थितियों के बीच कहा जा सकता है कि भाजपा आइडियोलॉजी बहुसंख्यक गरीब आबादी की भलाई नहीं चाहती है. यदि चाहती तो उसके द्वारा महंगाई में राहत हेतु गरीबों के हक में ज़रुर ठोस कदम उठाये गए होते.