झारखण्ड : सीएम सोरेन के नेतृत्व में पहले 3064 प्रोफेसर, लेक्चरर, 50,000 शिक्षकों की नियुक्ति व जनजातीय विवि के मार्ग खुले, अब प्रोफेसर प्रोन्नति को बनी नियमावली. और शिक्षा को आधुनिक, गुणवत्तापूर्ण बनाने व सभी तक पहुंचाने पर जोर.
रांची : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन मानना है कि सत्ता आती-जाती रहती है. मसलन वह झारखण्ड की करोड़ों जनता के हित में हर संभव फैसले लेने का प्रयास कर रहे हैं. झारखण्ड की विडंबना रही है कि पूर्व की सरकारों द्वारा इस सच को जानते हुए भी जनहित में फैसले नहीं लिए गए. नतीजतन, राज्य की जनता आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार परक शिक्षा जैसे आयामों में लगातार पिछड़ती चली गई.
मौजद सीएम चाहते हैं कि उनके रहते राज्य की तमाम व्यवस्थाएं सुदृढ़ और जनता को सहूलियत देने वाली हो जाए. इसी महान उदेश्य हेतु उनके शासन में शिक्षा और उससे जुड़े रोजगार को प्रथामिकता मिली है. इसी का परिणाम है कि राज्य में 3046 प्रोफेसर, लेक्चरर एवं 50,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय बनने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया. और अब राज्य के प्रोफेसरों के चासंलर व वाइस चांसलर बनने को लेकर नियमावली बनाई गई है.
झारखण्ड के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शिक्षक प्रोफेसर को पहचान देने पर सीएम का विशेष जोर
- पहली बार झारखण्ड के कमजोर वर्ग के बच्चे छात्रवृत्ति पर उच्च शिक्षा के लिए जा रहे विदेश.
- रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली के विकास पर हेमन्त सोरेन का जोर, खुलेंगे स्किल यूनिवर्सिटी.
- 14 साल तक सत्ता सुख भोगने वाली बीजेपी ने प्रोफेसरों को भी केवल छला, हेमन्त शासन में उनके लिए बन रही है नियमावली. राज्य के प्रोफेसर बन सकेंगे वीसी व प्रोवीसी.
- सीएम सोरेन के अथक प्रयासों से रांची में खुलेगा अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी. जो देश की तीसरी यूनिवर्सिटी भी होगी.
- सुदृढ़ तरीके से रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली के विकास पर दिया जा रहा है जोर.
- झारखण्ड के युवाओं के लिए छात्रवृत्ति से लेकर तमाम क्षेत्रों का दायरा बढ़ा.
राज्य में विश्वविद्यालय मजबूतीकारण की दिशा में सरकार के मजबूत कदम
झारखण्ड सरकार, मानसून सत्र –2021 में सीएम के नेतृत्व में शिक्षा से जुड़े दो अहम विधेयकों को विधानसभा से पारित कराया गया. पहला झारखण्ड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक –2022 और दूसरा पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक –2022. इसमें जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक को राज्यपाल से अनुमति भी मिली है.
झारखण्ड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक -2022
इस विधेयक से राज्य में 3096 लेक्चरर और प्रोफेसर की नियुक्ति के द्वार खुलेंगे. राज्य के विश्वविद्यालयों को ज्यादा स्वायत्ता मिलेगी. विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को समय पर पदोन्नति और नियुक्ति सुनिश्चित होगी. विश्वविद्यालय को एक ईकाई (यूनिट) मानकर विषयवार रोस्टर के तहत नियुक्ति प्रक्रिया और उसमें आरक्षण के प्रावधान लागू किये जाएंगे.
पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक –2022
इस विदेयक को राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद पहली बार झारखण्ड और पूर्वी भारत में पहला जनजातीय विश्वविद्यालय खुलने का मार्ग प्रसस्त हुआ है. यह विश्वविद्यालय पूर्वी सिंहभूम प्रमंडल के जमशेदपुर जिले में खुलेगा. जो झारखण्ड प्रदेश समेत देश भर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
विवि खोलने का उद्देश्य राज्य में जनजातीय अध्ययन पर उच्च शिक्षा और अनुसंधान की सुविधाएं उपलब्ध कराना है. विश्वविद्यालय में जनजातीय भाषाओं जैसे कि संताली, हो, नागपुरी, कुड़ुख, मुंडारी, कुरमाली, खड़िया, आदि के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं यथा -चपरगनिया, खोरठा सहित अर्थशास्त्र, इतिहास, पुरातत्व विभाग, भूगोल,कानून, राजनीति विज्ञान आदि कई विषयों की पढ़ाई हो सकेगी.
50000 शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश, जल्द जारी होगा विज्ञापन
झारखण्ड के प्रारंभिक स्कूलों में 50000 सहायक आचार्य (शिक्षकों) की नियुक्ति का आदेश पहले ही हेमन्त सरकार ने दे दिया है. इसमें 20,825 पद इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य और 29,175 पद स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य का होगा. जल्द ही स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजेगा. जिसके पश्चात नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जाएगा.
हेमन्त सरकार में ही पहली बार प्रोफेसरों को मिलने जा रही खुशखबरी
राज्य गठन के बाद पहली बार सीएम हेमन्त सोरेन के निर्देश पर प्रोफेसरों के चासंलर और वाइस चासंलर बनने के लिए झारखण्ड विश्वविद्यालय शिक्षक सेवा, नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली बनकर तैयार हो गयी है. जल्द ही कैबिनेट में इसपर फैसला लिया जाएगा. झारखण्ड का दुर्भाग्य ही है कि 14 साल तक राज्य में सत्ता का सुख भोगने वाली बीजेपी द्वारा प्रोफेसरों के हित में कोई कदम नहीं उठाया गया. लेकिन सीएम सोरेन के कुशल नेतृत्व से यह संभव हुआ है.
झारखण्ड देश का ऐसा राज्य जहां शिक्षा को अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर
राज्य के लिए यह खुशी की खबर है कि सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृव में राज्य में गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली के विकास पर गंभीरता से जोर दिया गया है. झारखण्ड देश का ऐसा राज्य है जहां शिक्षा के स्तर को अधिक गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक बनाने व सभी वर्ग तह इसके पहुँच पर जोर दिया गया है.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना
यह योजना इसी उद्देश्य के साथ शुरू हुई है कि राज्य के कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली बच्चों को विदेशों में पढ़ाई के लिए सरकार के स्तर पर छात्रवृत्ति मिल सके. योजना का लाभ पहले केवल जनजातीय बच्चों को मिला, अब अनुसूचित जाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे को भी योजना का लाभ मिल रहा हैं. इसके लिए सीएम के विशेष प्रयास से ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा शेवनिंग मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति देने की भी बीते दिनों ही पहल हुई है.
झारखण्ड में खुल रहा स्किल यूनिवर्सिटी
राज्य में स्थापित विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मिलेऔर उनमें गुणवत्तापूर्ण कौशल का विकास हो, इसके लिए हेमन्त सरकार द्वारा कौशल विद्या उद्यमशीलता डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया गया है. मानसून सत्र में लाए गए इस विधेयक को भी राज्यपाल की अनुमति मिल गयी है. सीएम सोरेन का लक्ष्य है कि झारखण्ड के शिक्षित और प्रशिक्षित युवा को हर क्षेत्र में रोजगार का समान अवसर मिले.
राज्य में खुल रहा है अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी
झरखनकड़ राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त हो इस निमित सीएम हेमन्त सोरेन की पहल पर पहली बार राज्य का अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ MoU हुआ है. जिसके तहत देश के जाने-माने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तहत राज्य में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी खुलने के रास्ते खुले हैं. यह झारखण्ड के शिक्षा क्षेत्र के लिए खुसी की खबर है. ज्ञात हो, बेंगलुरू और भोपाल के बाद यह यूनिवर्सिटी रांची में बनेगी.
मसलन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के मौजूदा शासनकाल में झारखण्ड में शिक्षा क्षेत्र के नीव को मजबूती मिली रही है. राज्य के दबे कुचले गरीब आबादी को न केवल शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो रहा है. राज्य में गिनवत्तापूर्ण, रोजपरक व आधुनिक शिक्षा बढ़ावा मिल रहा है.