झारखण्ड : विश्व कप में 6 बेटियों का चयन CM की दूरदर्शिता का परिणाम

झारखण्ड : सीएम हेमन्त की दूरदर्शिता और राज्य की बेटियों पर भरोसा करने का परिणाम मिला राज्य को. अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल प्रतियोगिता में 6 बेटियों का चयन. अस्टम उरांव करेंगी देश का नेतृत्व…

रांची : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा मानुवादी व्यवस्था पर आधारित पितृसत्ता सोच से परे महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, न्यायिकशैक्षणिक उत्थान पर विशेष जोर दिया गया है. जो भारत के संविधान की मूल मंशा को मजबूती देती है. इसके सकारात्मक परिणाम झारखण्ड के धरातल पर दिखने लगे हैं. ज्ञात हो अंडर-17 फीफा विश्व कप प्रतियोगिता के लिए भारतीय महिला फुटबॉल टीम में झारखण्ड की 6 बेटियों ने अपनी जगह बना इतिहास रची है. 

झारखण्ड : विश्व कप में 6 बेटियों का चयन CM की दूरदर्शिता का परिणाम

निश्चित रूप से यह मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि राज्य की बेटियाँ हर दिशा में अपना जलवा बिखेर रही है. झंडे गाड़ रही है. ज्ञात हो, अंडर-17 फीफा विश्व कप की टीम में झारखण्ड की अस्टम उरांव, सुधा अंकिता तिर्की (गुमला), नीतू लिंडा, अंजली मुंडा, अनिता कुमारी (रांची), पूर्णिमा कुमारी (सिमडेगा) को शामिल किया गया है. झारखण्ड की खिलाड़ी अस्टम उरांव बतौर कैप्टन फीफा 17 विश्व कप भारतीय फुटबॉल टीम का नेतृत्व करेंगी.  

झारखण्ड की खिलाड़ी अस्टम उरांव बतौर कैप्टन फीफा 17 विश्व कप भारतीय फुटबॉल टीम का नेतृत्व करेंगी.  

सीएम हेमन्त के प्रोत्साहन व नीतियों का परिणाम – झारखण्ड की बेटी फीफा विश्व कप में बतौर कैप्टन करेगी देश का प्रतिनिधित्व 

झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन आपदा व अल्प संसाधन के बीच भी कुशल रणनीति बनाने के लिए जाने जाते हैं. ज्ञात हो, वर्ष 2020 में आनन-फानन में लॉकडॉन घोषित कर पूरा देश मे गतिविधियों को ठप कर दिया गया था. उस दौरान फीफा अंडर-17 के लिए भारतीय टीम में चयनित झारखण्ड की खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग छोड़ गोवा से वापस झारखण्ड लौटना पड़ा था. कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण खिलाड़ियों की तैयारी व खानपान में असर पड़ रहा था. 

सीएम द्वारा मामले को संज्ञान में लिया गया. फीफा प्रतियोगिता के लिए चयनित राज्य के सभी खिलाड़ियों को मेडिकल सुविधा प्रदान की गई और राजकीय अतिथि शाला उन्हें में रखा गया. विश्वकप टीम के मेन्यू के अनुसार उनके लिए डाइट की व्यवस्था की गई. उनके कैंप हेतु मोराबादी फुटबॉल स्टेडियम में ग्राउंड एवं दो कोच की व्यवस्था की गई. इसके बाद भारतीय टीम की प्रशिक्षण की सुविधा जमशेदपुर में सुनिश्चित की गई. 

फीफा विश्व कप के लिए भारतीय महिला टीम ने जमशेदपुर में 10 माह तक प्रशिक्षण प्राप्त किया

जमशेदपुर में वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम ने पूरे 10 माह तक प्रशिक्षण प्राप्त किया. टीम के खिलाड़ियों के लिए रहने की व्यवस्था, ग्राउन्ड, स्विमिंग पूल, जिम, यात्रा हेतु बस की सुविधा पूरे 10 माह के लिए सुनिश्चित की गई थी. भारतीय टीम में शामिल झारखण्ड की उन्हीं बेटियों ने आज राज्य का मान बढ़ा हमें गर्व महसूस कराया है. इन्होंने संक्रमण में भी साहस और धैर्य दिखाया. झारखण्ड की परिस्थितियों से लड़ने की यह पहचान आज देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. 

चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रूप में यूनिसेफ का भी मिला सहयोग

कहते हैं ना कि मंशा नेक हो तो पूरी धरा मदद को आगे आती है. सीएम व राज्य की बेटियों के नेक माशा को भी सहयोग मिला. बेटियों को सहयोग के रूप में खेल विभाग ने किट की व्यवस्था की तो यूनिसेफ ने इन्हें टी-शर्ट्स प्रदान किया गया. यूनिसेफ ने चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के तहत खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा. 

यूनिसेफ इन्हें बाल अधिकारों, किशोर-किशोरियों के मुद्दों, समुचित पोषण, माहवारी, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श आदि मुद्दों पर सरकार को दिए जाने वाले तकनीकी सहयोग के रूप में प्रशिक्षित किया. नतीजतन, आज झारखण्ड को गौरान्वित करने वाला ऐतिहासिक पल प्राप्त हुआ है. 

मसलन, फीफा अंडर -17 महिला फुटबॉल विश्वकप के लिए भारतीय टीम में चयनित सभी देश के खिलाड़ियों समेत झारखंडी खिलाड़ियों को जोहार. सीएम की नीतियाँ आगे भी ऐसे ही राज्य की प्रतिभाशाली महिलाओं को हिम्मत देती रहे. और राज्य की हमारी महिलायें ऐसे ही झारखण्ड का नाम देश-दुनिया में रौशन करती रहे. 

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