झारखण्ड : उत्पाद विभाग में नई नीति लागू होने के बाद राजस्व के बढ़ोतरी हुई है. जून 2022 में नई शराब नीति के लागू होने के दूसरे माह में 180 करोड़ का राजस्व आया है. पहले माह में 188 करोड़ राजस्व संग्रहण हुआ है.
रांची : झारखण्ड में, हेमन्त सरकार एक्साइज की 4 नई नीतियों को स्वीकृति मिलने से जहाँ एक तरफ नकली शराब के खतरे को कम किया है, वहीँ दूसरी तरफ राज्य के राजस्व को बढ़ा रहा है. क्योंकि, शराब की बोतल पर क्यूआर कोड होने से शराब का मैन्युफैक्चर कहां हुआ है और किस गोदाम से दुकान तक बोतल पहुंची है, जानकारी सर्वजन में उपलब्ध होने से शराब की कालाबाजारी और राजस्व की क्षति को रोकने व राजस्व के बढोतरी में कारगर साबित हुआ है.
नतीजतन, राज्य सरकार के उत्पाद विभाग द्वारा बताया गया है कि नई नीति लागू होने के बाद राजस्व के बढ़ोतरी हुई है. मई 2022 के दौरान राजस्व संग्रहण में 70% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी जो एक कीर्तिमान है. विभाग ने कहा कि राज्य को 79 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ. झारखण्ड उत्पाद नियमावली 2018 के अंतिम दो माह में मार्च 2022 में 156 करोड़ व अप्रैल 2022 में 152 करोड़ का राजस्व आया था. मार्च 2022 में 156 करोड़ व अप्रैल 2022 में 152 करोड़ का राजस्व आया था. वहीं झारखण्ड उत्पाद नियमावली 2017 के पहले माह में अगस्त 2017 में राजस्व महज 23 करोड़ रुपये आए थे.
MRP से अधिक कीमत पर बिक्री को लेकर लगातार कार्रवाई जारी
विभाग के द्वारा बताया गया है कि एमआरपी (MRP) से अधिक कीमत पर शराब बिक्री को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. एमआरपी से अधिक कीमत पर बिक्री व अन्य अनियमितताओं की शिकायत आने की वजह से प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा 140 कर्मियों को टर्मिनेट कर दिया गया है. वहीं विभागीय अधिकारियों ने रांची, बोकारो, चतरा और सरायकेला-खरसांवा में पांच एफआईआर दर्ज कर पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
उत्पाद विभाग द्वारा बताया गया है की मांग की कमी को दूर की जा रही. शराब की तस्करी रोकने व लिंकेज की समस्या दूर करने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम भी एक जुलाई से पायलट बेसिस पर रांची, जमशेदपुर, सरायकेला खरसांवा, धनबाद, बोकारो, खूटी, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला, गिरिडीह, पश्चिमी सिंहभूम, 11 जिलों में शुरू कर दी गई है. जेएसबीसीएल के द्वारा 16 जिलों के 611 दुकानों पर डिजिटल पेमेंट हेतु यूपीआइ युक्त पॉश मशीन की आपूर्ति की गई है.