झारखण्ड : राज्य में 40% बच्चे कुपोषण का शिकार. मंत्री जोबा मांझी द्वारा राज्य में 12,600 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण-पुनर्निर्माण हेतु केंद्र से सहायता राशि उपलब्ध कराने की गुजारिश.
रांची : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वरा बताया जाए कि बच्चों एवं देश की महिलाओं के कल्याण में प्रमुखता से तीन नए मिशन, मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य पर कार्य कर रहा है, जिसमे मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के पोषण को सुनिश्चित करना है. मिशन शक्ति का उद्देश्य महिला सुरक्षा, पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए हो, और मिशन वात्सल्य के तहत बाल संरक्षण-कल्याण-विकास सुनिश्चित करना हो. मसलन, जिलों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित ‘2030 – सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल’ को हासिल करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
राज्य में 12,600 आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण-पुनर्निर्माण हेतु जोबा मांझी ने केंद्र से सहायता राशि उपलब्ध कराने की गुज़ारिश
ऐसे में हेमन्त सरकार में महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती जोबा मांझी द्वारा कहा जाना कि राज्य में 40% बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा राज्य में 3-6 साल के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी में सप्ताह में 6 अंडे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. उनके द्वारा केंद्र की तरफ से सहायता राशि में आई कमी की तरफ केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया जाना. साथ ही राज्य में पोषण सखी को दोबारा रखने तथा 12,600 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण-पुनर्निर्माण हेतु, केंद्र से सहायता राशि उपलब्ध कराने की गुज़ारिश, दर्शाता है कि हेमन्त सरकार राज्य की कुपोषण जैसी समस्या के प्रति गंभीर है.
कुपोषण मुक्ति की दिशा में साहिबगंज में हेमन्त सरकार में अत्याधुनिक डेयरी प्लांट की शुरुआत हो. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा दुग्ध उत्पादकों के सम्मान राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपए झारखण्ड मिल्क फेडरेशन को सौंपा जाए. साथ ही उनके द्वारा कहा जाए कि इस डेयरी प्लांट के चालू होने से राज्य के किसान-पशुपालकों-दुग्ध उत्पादकों की जिंदगी आर्थिक होगा, इनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी. राज्य के किसान भाई आत्मनिर्भर बनेंगे और राज्य वासियों को शुद्ध दूध उपलब्ध होगा. और राज्य को कुपोषण से मुक्ति मिल सकेगा. निश्चित रूप इसे झारखण्ड सरकार का कुपोषण मुक्ति के खिलाफ ईमानदार प्रयास माना जा सकता है. मसलन, केंद्र को मदद करना चाहिए.