झारखण्ड : हेमन्त सोरेन – एक झारखंडी सीएम के मायने

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन के रूप में एक सशक्त झारखंडी सीएम के मायने राज्य भली भांति समझ रहा है. सीएम हेमन्त के पीछे जनता लगातार एकजुट हो रही है.  

रांची : झारखण्ड राज्य में हेमन्त सोरेन के रूप में एक सशक्त, जूझारू झारखंडी सीएम के मायने राज्य की जनता समझ गई है. वह समझ चुकी है कि राज्य में पूर्व सत्ताओं के द्वारा फैलाई गई मकड़जाल को राज्य हित में काटने हेतु केवल यही एक कुशल व सशक्त शख़्सियत हैं, जननेता हैं.

नतीजतन, जैसे-जैसे सीएम हेमन्त का कार्यकाल आगे बढ़ रहा है राज्य व जनता को समस्याओं से मुक्ति मिल रही है. और राज्य की जनता सीएम हेमन्त के पीछे लगातार एकजुट होती जा रही है. आभार अभिव्यक्ति के रूप में इसका स्पष्ट उदाहरण देश देख रहा हैं. और यह सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. न मुख्यमंत्री थक रहे हैं और न ही जनता.  

रसोइया संयोजिका संघ का धरना विधायक सुदिव्य कुमार की अगुवाई में समाप्त 

ज्ञात हो, राज्य की राजधानी में, राजभवन के समक्ष पूर्व की सत्ता के गलत नीतियों का दंश झेल रहे रसोइया संयोजिका संघ अपनी समस्याओं के मद्देनजर धरना पर बैठे थे. लेकिन, मुख्यमंत्री व उनकी सरकार का संकल्प है कि राज्य की समस्याओं का समाधान अब सड़कों पर नहीं बल्कि मिल-बैठ कर शांतिपूर्वक होगा. 

मसलन, हेमन्त सरकार के अनुभवी विधायक सुदिवय कुमार की अगुवाई में, इनकी मागों के मद्देनजर सफल शांति वार्ता सम्पन्न हुई. जिसके उपरांत रसोइया-संयोजिका संघ द्वारा प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया. हेमन्त सरकार के शांति दूत विधायक सुदिव्य कुमार द्वारा उनकी जायज मांगों को जल्द पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया. 

ज्ञात हो, रसोइया-संयोजिका संघ व धरना पर बैठे कर्मी सरकार के शांति प्रस्ताव से काफी खुश नजर आए. उनके द्वारा हेमन्त सोरेन जैसे झारखंडी मानसिकता को सीएम के पद पर काबिज होने पर खुशी जताई गई. साथ ही जन हित में मुख्यमंत्री के स्पष्ट नीतियों को उनके द्वारा सराहा गया. उनकी बातों में एक झारखंडी सीएम के मायने साफ झलक रहा था. 

सहायक अध्यापकों को मिलेगा एक साथ तीन महीने का मानदेय 

हेमन्त सरकार में राज्य के पारा शिक्षकों की समस्यों का स्थाई समाधान निकाल जा चुका है. अब वह झारखण्ड प्रदेश के सहायक अध्यापक के रूप में प्रदेश में कार्यरत हैं. इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब सरकार उन्हें एक साथ तीन माह का मानदेय देने दिशा में बढ़ चली है. इस बाबत सरकार द्वारा सभी जिलों से इनकी सितंबर माह तक की ऐटेंडेंस रिपोर्ट मांगी गई है. 

ज्ञात हो राज्य में फेस्टिव सीजन की शुरुआत होने वाले है. ऐसे में दुर्गा पूजा के पूर्व तीन माह का एकमुस्त वेतन देने हेतु सरकार का फैसला इन्हें राहत दे सकती है. ज्ञात हो, सहायक अध्यापकों के मानदेय भुगतान के मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की सहमति मिल चुकी है. और झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद अग्रेतर कार्रवाई कर रहा है.

कोरोना संक्रमण में जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नियुक्ति

ज्ञात हो, कोरोना संक्रम से लड़ाई में पूरे झारखण्ड ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर एकजुटता दिखाई थी और इस संकट पर विजय हासिल किया था. राज्य के कर्मियों ने अपनी क्षमता से अधिक प्रदर्शन किया था. इस क्रम में कई कर्मियों के शहादत भी हुई थी. ऐसे कर्मियों के परिवार के प्रति हेमन्त सरकार द्वारा संवेदनशीलता दिखाई गई है. 

झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो द्वारा कोरोना संक्रमण में जान गवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की गई. कोरोना संक्रमण में अपने सुहाग खोने वाली 5 महिलाओं को विधानसभा के एलडीसी पद पर नियुक्ति मिली. सामाजिक सुरक्षा में ऐसी पहल राज्य वासियों को राज्य के प्रति अपनी भूमिका निभाने को प्रेरित करेगी. 

सचिवालय सेवा में अवर सचिव, उप सचिव व संयुक्त सचिव के पदों पर प्रोन्नति जल्द 

प्रोन्नति समिति बैठक में झारखण्ड सचिवालय प्रशाखा पदाधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव व संयुक्त सचिव की प्रोन्नति पर आम सहमति बन चुकी है. इसमें 68 से अधिक नामों पर विचार किया जा रहा है. राज्य सरकार से सहमति प्राप्त कर इस संबंध अधिसूचन जल्द जारी की जा सकती है. ज्ञात हो, वर्षों बाद हेमन्त सरकार में सचिवालय में अब तक लगभग 500 पदाधिकारियों को प्रोन्नति मिल चुकी है. और यह क्रम जारी है.

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