झारखण्ड : हेमन्त शासन में KCC बना रहा किसानों की राह आसान 

झारखण्ड : ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में हेमन्त शासन में KCC किसानों की राह बना रही है आसान. 2023 तक राज्य के 25.5 लाख किसानों को KCC प्रदान करने का लक्ष्य. 

हेमन्त शासन में KCC बना रही किसानों की राह आसान

रांची : झारखण्ड राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में हेमन्त सरकार का विशेष तौर पर ग्रामीण अर्थव्ययवस्था पर जोर है. मुख्यमंत्री का मानना है झारखण्ड एक गरीब बाहुल्य राज्य है. साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी बाहुल्य राज्य भी है. ऐसे में राज्य की मूल जनता को बैंको का भी सपोर्ट नहीं मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो पाता है. नतीजतन, जनता को गरीबी में अन्य विकल्पों को चुनना पड़ता है. जिसका फायदा नक्सल भी उठाने में कामयाब होते हैं.

ज्ञात हो, झारखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि एवं वनोत्पाद पर आधारित है. ऐसे में राज्य के गरीब किसानों को बैंक का सपोर्ट नहीं मिलने से उन्हें जीविका उपार्जन में कठिनाइयाँ होती है. राज्य में पलायन, मानव तस्करी, नक्सल जैसी सस्याओं को बल मिलता है. मसलन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किसानों को KCC की सुविधा मुहैया कराने का फैसला लिया गया है. और सरकार इस उदेश्य पूर्ति हेतु अपने लक्ष्य की ओर गंभीरता से बढ़ती भी दिखी है. 

हेमन्त शासन में कैसे KCC किसानों का राह बना रही है आसान 

KCC, किसान क्रेडिट कार्ड के माद्यम से राज्य के किसानों को 7% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होता है. समय सीमा में ऋण वापस करने पर 3% ब्याज दर का भार भारत सरकार द्वारा उठाया जाता है.  राज्य सरकार भी अपने मद से अतिरिक्त 3% ब्याज दर का भार उठाती है. नतीजतन राज्य के किसानों को केवल 1% ब्याज दर पर ऋण मुहैया होती है. राज्य सरकार द्वारा अभियान के तहत अब तक 8,96,108 किसानों का KCC आवेदन पंचायत स्तर पर सृजित किया गया. 

मार्च 2023 तक 25.5 लाख किसानों को KCC प्रदान करने का लक्ष्य 

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अप्रैल 2022 में 17.76 लाख, सितंबर 2022 में 19.5 लाख और दिसंबर 2022 तक 22.5 लाख किसानों को केसीसी प्रदान किया गया. उत्साहवर्धक आंकड़ों को देखते हुए सरकार द्वारा मार्च 2023 तक 25.5लाख किसानों को केसीसी प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. और सरकार द्वारा इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर KCC अभियान में लाई जा रही है तेजी  

राज्य में KCC अभियान में तेजी लाने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा जल्द सरकार आपके द्वार कार्यक्रम फिर से शुरू करने का ऐलान हुआ है. इस कार्यक्रम के तहत छुटे हुए किसानों को उनके क्षेत्र में ही केसीसी का लाभ दिया जाएगा. फिलहाल घर-घर अभियान चलाकर, केसीसी शिविर लगाकर राज्य के वंचित किसानों को KCC का लाभ दिया जा रहा है.  

राज्य के सभी प्रखंडों में 23 जून 2022 को किसान क्रेडिट कार्ड वितरण हेतु मेगा कैंप लगाया गया.  इससे पहले भी 08 जून 2022 को राज्य के सभी जिलों में यह मेगा कैम्प  लगाया गया था. कृषक मित्र, एटीएम, बीटीएम एवं वीएलडब्लू टोला-मुहालों में घूम कर किसानों से KCC फॉर्म भरवा रहें हैं. नतीजतन, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आवेयन की संख्या में वृद्धि दर्ज हुई है. 

मुख्यमंत्री के प्रयास का दिख रहे हैं सकारात्मक फल 

हेमन्त शासन में झारखण्ड में किसानों को KCC मुहैया कराने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर चलया जा रहा है. और यह प्रयास राज्य के किसानों के लिए वरदान भी साबित हो रहा है. आंकड़ों के अनुसार  15 सितंबर 2022 तक केसीसी धारकों की संख्या 19,18,511 तक पहुँच गई. सितंबर 2021 के बाद 5,34,331 नए केसीसी स्वीकृति हुए. 

KCC के माध्यम से राज्य के किसानों की ऋण मुहैया के आँकड़े 

झारखण्ड राज्य में मौजूदा हेमन्त सरकार में KCC के तहत जून 2021 में 420.74 करोड़, अगस्त 2021 में 581.53 करोड़, अक्टूबर 2021 में 685.16 करोड़, दिसंबर 2021 में 914.2 करोड़ एवं अप्रैल 2022 में 1313.36 करोड़ की ऋण राशि बैंक द्वारा स्वीकृत की गई है. जिससे राज्य के किसानों की खेती की राह आसान हुई है. उन्हें महाजनी प्रथा, साहूकारों के चंगुल से मुक्ति मिली है. जबकि राज्य गठन से लेकर 2019 तक मात्र 409 करोड़ रुपए ही किसानों को वितरित हुए थे. वर्तमान यह आंकड़ा पूर्व के सत्ताओं की मंशा का पर्दाफास करती है. और कहा जा सकता है कि हेमन्त शासन में KCC किसानों की राह बना रही आसान.

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