व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम हेमन्त सोरेन का उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश – सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं.
रांची : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शासनकाल में नियमित रूप से समीक्षा बैठक आयोजित हो रही है. इस कड़ी में सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव की उपस्थिति में राज्य के व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम की सभी उपायुक्तों के साथ 19 सितंबर 2022 को समीक्षा बैठक हुई. सीएम ने बैठक में सभी उपायुक्तों से स्पष्ट कहा कि राज्य के विकास को गति देने के साथ सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें.
योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल
सीएम ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल होता है. राज्य भर में विकास को गति देने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है. सभी लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिले, इसमें सभी उपायुक्तों को पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा. इसी के साथ कई अन्य जरूरी निर्देश भी दिए गए.
सुखाड़ से किसानों व मजदूरों को राहत देने हेतु गंभीरता से कार्य करें
वर्तमान परिस्थितियां राज्य मे सुखाड़ की ओर इशारा कर रही है. ऐसे में राज्य के ग्रामीण किसानों व मजदूरों का पलायन करने की संभावना बढ़ सकती है. इस निमित सरकार कई नई योजनाएं शुरू कर रही हैं. इन योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ मिले, इसकी रूपरेखा तैयार करें. राज्य के मजदूरों उन्हीं के इलाकों में रोजगार देने की योजनाओं को गति दें. इसके अलावा सुखाड़ के मद्देनजर सरकार के निर्देशों का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें.
संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव उपायुक्तों के साथ करेंगे नियमित बैठक
सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य के संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव जिलों के उपायुक्तों के साथ नियमित बैठक करेंगे. बैठक का माध्यम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही हो सकते हैं. विभागीय सचिव नियमित रूप से योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी लेंगे ताकि योजनाओं की जमीनी हकीकत का समीक्षा करेंगे.
व्यवस्था सुदृढीकरण समीक्षा – कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि तो कुछ में गति देने की जरूरत
जिलावर समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि हमने कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की है तो कई जिले पीछे भी हैं. धीमी गति वाले जिलों में विकास कार्य में तेजी लाने के लिए सभी जरूरी ठोस कदम उठाए जाने चाहिये. साथ ही विषम परिस्थितियों भी आपका निर्णय राज्यवासियों को लाभ पहुंचाने वाला होना चाहिए.
झारखण्ड के भौगोलिक परिवेश में उपायुक्तों के सामने योजनाओं को गति देने में कई चुनौतियां आती है. समय और परिस्थितियों के अनुकूल तत्काल निर्णय लेने होते हैं. ऐसे में सभी उपायुक्त सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं. सरकार की योजनाओं को लेकर जिलों में वर्कशॉप का आयोजन करें. विभागीय सचिव क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति का नियमित निरीक्षण करें.