बीजेपी विधायक शाही के ट्वीट का जवाब देने खुद उतरे सरकारी कर्मी

झारखण्ड में कुछ अलग हुआ जिसका अंदेशा नहीं था बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को. सरकार के पक्ष में बीजेपी विधायक के ट्वीट का जवाब देने खुद उतरे सरकारी कर्मी व आम जनता मैदान में. विधायक जी की जमीन हिलती दिखी.  

रांची : आम तौर देखा जाता है कि जब किसी सत्ता पक्ष पर विपक्षीय दल का हमला होता है तो उसके कार्यकर्ता ही जवाब देने मैदान में उतरती है. लेकिन झारखण्ड में इस बार कुछ अलग मंजर दिखा. वैसे तो सरकारी कर्मी किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुल कर अपना मत नहीं रखते हैं. क्योंकि अक्सरहां वह सरकार की नीतियों नाराज ही रहते हैं. परन्तु झारखण्ड राज्य में स्थिति दूसरी हो चली है.जनता के रडार पर आए बीजेपी विधायक। शाही.

ज्ञात हो, आंगनबाड़ी कर्मी, सरकारी कर्मचारी, अब सहायक आचार्य पूर्व के पारा शिक्षक, पुलिस के जवान आदि सरकार के लिए स्वयं बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को जवाब देने खुल कर सामने आए. और बीजेपी विधायक के नासूर जख्मों को भीतर तक कुरेद दिया. जिसका अंदेशा कतई ही बीजेपी बिधायक भानु प्रताप शाही को नहीं रहा होगा. विधायक जी की पूरी जमीन हिलती दिखी. और बीजेपी का आईटी सेल या ट्रोल आर्मी चारों खाने चित दिखी.

बीजेपी विधायक भानु प्रताप ने सीएम का आभार जताते कर्मियों बताया था झूठ 

दरअसल, बीजेपी विधायक भानु प्रताप ने अपने ट्वीट में झारखण्ड के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने आ रहे विभिन्न समूहों पर टिप्पणी करते हुए थोड़ा बेलगाम हो गए. हालांकि वह सोरेन परिवार व्यक्तिगत टिप्पणी करते रहे हैं परन्तु हमेशा सीएम हेमन्त सोरेन उन्हें अनदेखा करते दिखे हैं. लेकिन इस बार झारखंडी सीएम व राज्य के स्वाभिमान पर हमला हुआ था. मसलन, राज्य के कर्मियों व जनता ने बीजेपी विधायक शाही को आड़े हाथों ले लिया.

शाही को जवाब देने का जिम्मा सम्भाला राज्य के सरकारी कर्मियों ने

शाही ने जब लिखा कि फूल-अबीर-गाड़ी भाडा-मिठाई का व्यवस्था करके मुख्यमंत्री अपना धन्यवाद करवा रहे हैं तो किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति या समूह को गलत लगना लाजमी था. मसलन, सरकार के तरफ से शाही को जवाब देने का जिम्मा सरकारी कर्मियों ने सम्भाल लिया. 

कर्मियों ने कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद जिन समूहों की समस्याओं का समाधान सीएम हेमन्त सोरेन की सरकार में हुआ. झारखंडी परंपारा के अनुसार निश्चित रूपों से वह समहू अपने सीएम का धन्यवाद ज्ञापन करेंगे. सभी लोग हमेशा पैसा या खाना के व्यवस्था पर ही नेता के पास नहीं पहुँचते हैं. 

इस दिन को बीजेपी विधायक शाही जरूर भूलना चाहेंगे 

जब कर्मियों ने जब अपना रिप्लाई देना शुरू किया तो बात दवा घोटाले, बाबा का भक्त, भाजपा नेता के द्वारा उत्तराखंड में बालिका का किया गया हत्या, मरांडी जी के सहयोगी पर लगे बलात्कार के आरोप, मोदी जी की रैली तक चली गई. उमेश जी ने लिखा कि कब कपिल मिश्रा, मनोज तिवारी, बाबूलाल जी को भाड़ा देकर उत्तराखंड भेज रहे हो. जहाँ भाजपा नेता के बेटा पर हत्या का आरोप है. मसलन, यह दिन निश्चित तौर पर बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही भूलना चाहेंगे. 

जनता ने दिखाई बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को सच का आईना 

  • शानू ने लिखा 1932 वाला भी भाड़ा वाला दिख रहा है? 
  • नितिन जी ने लिखा कि इन सारे तथाकथित भाड़े के आदमियों के जेब में सरकारी आई कार्ड होता है. थोड़ा समझ बुझ के चलिए क्योंकि आज भी आपने पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन करने का हिम्मत नहीं दिखाई है. 
  • मुकेश पासवान जी ने लिखा कि पेंशन की बात तो छोड़िये जनता के बीच खड़े होकर मँहगाई पर एक शब्द बोलने का हिम्मत नहीं है.
  • गुड्डू जी ने एक कदम और आगे जाते हुए लिख दिया कि आप महामहिम राज्यपाल महोदय का आभार प्रकट करने के लिए भीड़ जुटा लीजिये. आख़िरकर वे भी तो अपने संवैधानिक पद की मर्यादा को ताक पर रखकर आप सबके रोजी रोटी के लिए इतना कुछ करना चाह रहे हैं.
  • एक ने तो लिख दिया कि 2024 में जाने का तयारी कर लीजिये, आप और आपका पार्टी मुद्दा विहीन हो गया है.
  • सुनील कमार ने लिखा कि आपकी सरकार किस मुद्दे पर धन्यवाद लेती?
  • सुनील करमाली ने तो लिख दिया कि आप लोगों का जलन कम होने वाला नहीं है, भाजपा के लिए आप बौरो खिलाड़ी हैं.
  • एक ने लिखा कि आप भी आभार रैली निकलवा कर देखिये आखिर 108 करोड़ कब काम आयेगा. वे इशारा कर रहे थे स्वास्थ्य विभाग में शाही के खिलाफ चल रहे CBI जाँच की.
  • एक अन्य यूजर ने तो हद कर दिया लिखा कि दवा चोर झारखण्ड के गरीब का दवा बेचकर खाने वाले चोर 2024 में समझ में आयेगा.

बीजेपी विधायक की आरती में कमेंट की फेहरिस्त लंबी है जैसे –

  • कर्मचारी का दर्द क्या होता है यह आपको कहाँ पता है श्रीमान? राष्ट्र प्रेमी और त्यागी हो तो अपना वेतन और पेंशन त्याग कर सेवा कीजिये. 
  • विरोध करते वक्त कर्मचारियों एवं जनता को झूठा साबित मत कीजिये. इसका आपको आने वाले दिनों में बड़ा नुकसान होगा. 
  • आप एक ढंग से कह रहे हैं कि ये सभी पैसा पर बिकने वाले लोग हैं, ये सब पैसा लेकर ही किसी का सम्मान करते हैं .
  • यह एक ढंग से इनके अहंकार का भी प्रदर्शन है. अहंकार की पैसे के बल पर भीड़ जुटा लेंगे, अहंकार की पैसे के बल पर स्वागत करवा लेंगे, अहंकार की पैसे के बल पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कुछ भी स्थापित कर देंगे. 
  • वास्तव में बड़े आयोजनों में पार्टी पैसा खर्च करती है, कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक लाने के लिए गाड़ी खाने का इंतजाम करती है और इसे भाजपा से ज्यादा अच्छे तरीके से कौन समझता होगा .

जवाब से प्रतीत होता है कि झारखण्ड की जनता बीजेपी को सीख देने पर आमादा

भानु प्रताप के ट्वीट पर आये हुए रिप्लाई को देख कर प्रतीत होता है कि झारखण्ड राज्य की स्थिति दूसरी हो चली है. जहां जनता बीजेपी को सीख देने पर आमादा है. वैसे भी झारखंडी परंपरा के अनुसार झारखण्ड वासी मदद के हाथ को कभी नहीं भूलती है. शायद इस मर्म को बीजेपी नेता नहीं समझते हैं. 

मसलन, सरकार ने जिनके लिए काम किया है वे वास्तव में धन्यवाद देने के लिए झारखण्ड के सुदूर कोने से चलकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुँच रहे हैं. हाँ, सवाल किया जा सकता है कि, हेमन्त सोरेन इतनी तेजी से विभिन्न वर्गों के समस्याओं का समाधान क्यों कर रहे हैं? इससे वे राजनीतिक लाभ लेना चाह रहे हैं. परन्तु, इसमें क्या गलत है यदि कोई दल जन कार्य कर के वोट बैंक बना रहा है. वास्तव में राजनीतिक दल का यही तो वास्तविक परिभाषा है. जो काम करेगा जनता उसे सर पर उठाएगी ही. 

और भाजपा अगर वर्तमान स्थिति से इतनी दूर रहेगी, उसके बेलगाम नेता अंट-शंट बोलते रहेंगे तो उसे आने वाले चुनावों में और भी हानि हो सकती है. बहुत दिनों के बाद देश में ऐसा दिख है कि एक नेता की लड़ाई एक राजनीतिक पार्टी की लड़ाई राज्य की आम जनता एवं उसके कर्मचारी लड़ने को तैयार रहे हैं. कहीं इस विषय पर कर्मचारी संघ एवं आम जनता न्यायालय पहुँच गए तो शाही जी के लिए फजीहत बढ़ सकती है.

काश यह धन्यवाद ज्ञापन बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही भी ले पाते?

नागरिकों के हित के लिए जो काम करेगा उसकी जय जयकार होगी. विधायक जी आप पार्टी बदलते वक्त अपनी अंतरात्मा के आवाज को भी बदल लिए थे. आप भी वाशिंग मशीन से धुल गए लगता है. और अंत में राजपाल जी से लिफाफा खुलवा दो. हमारा मुख्यमंत्री और तेजी से काम करेगा. जलों नहीं.

झारखंडी जनता ने धन बल आधारित बीजेपी ट्रोल आर्मी को कर दिया चारों खाने चित 

चूंकि धन बाल के अभाव में आम तौर पे बीजेपी की ट्रौल आर्मी के सामने अन्य पार्टी के कार्यकर्ता टिक नहीं पाते हैं. किसी भी विषय पर जब BJP के नेता हमला करते हैं तो पूरे देश की उनकी ट्रौल आर्मी से उसे समर्थन मिलता है. परन्तु, हेमन्त सोरेन की सरकार के निर्णयों से खुश कर्मियों एवं सामान्य जनता ने आज झारखण्ड में बाजी पलट दी. और बीजेपी की ट्रोल आर्मी चारों खाने चित दिखी.

भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व तक को जरुर इस घटना से सबक मिलेगा. क्योंकि झामुमो का विरोध करने के क्रम में एक ढंग से बीजेपी ने उन सभी सरकारी कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कर्मियों, पुलिस कर्मियों, पारा शिक्षकों, सर्वजन पेंशन योजना से जिन्हें लाभ मिला है, जिन्हें CMEGP के तहत उद्योग लगाने के लिए मदद मिला है, 15 लाख परिवारों जिन्हें राज्य सरकार ने अपनी निधि से राशन कार्ड दिया सबको झूठा साबित करने का प्रयास किया है.

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