झारखण्ड : हेमन्त सरकार आम लोगों के प्रति संवेदनशील – 8 केस स्टडी साबित करते हैं तथ्य 

झारखण्ड : हेमन्त सरकार आम लोगों के प्रति संवेदनशील – कई कोरोना काल से लेकर वर्तमान तक कई ऐसे तथ्य मौजूद हैं जो हेमन्त सरकार की आम जन के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित करती है. जिसकी पूर्व की सरकारों में अभाव रहा…

राँची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन हमेशा दोहराते रहे हैं कि झारखण्ड सरकार गरीब, जरूरतमंद, असहाय के प्रति संवेदनशील है. 2 वर्षों के कार्यकाल में मुख्यमंत्री द्वारा लिये गए कई निर्णय तथ्य को साबित करते है, इंटरनेट जैसे माध्यम – फेसबुक और ट्विटर को जनभागीदारी में सशक्त जरिया बनाया जाना भी सरकार की संवेदनशीलता का एक रूप है. हेमन्त सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से लेकर वर्तमान दिनों तक सोशल मीडिया जैसे माध्यम का सदुपयोग जन समस्याओं के निराकरण में किया हैं. कई मामलों में सीएम द्वारा स्वतः संज्ञान भी लिया गया हैं, समस्याओं के त्वरित समाधान भी निकलते रहे हैं. प्रस्तुत है ऐसे 7 केस जो ‘झारखण्ड सरकार की संवेदनशीलता की पुष्टि करते हैं. 

Table of Contents

केस नंबर 1 – 12 अप्रैल, त्रिकुट रोपवे हादसा और लोहरदगा हिंसा के मृतकों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद, घायलों को चिकित्सकीय सुविधा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा त्रिकुट रोपवे हादसा और लोहरदगा हिंसा के मामलों में घोषणा किया गया है कि मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा 5-5 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी. और इन दो घटनाओं के घायलों को सरकार चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करेगी.

केस नंबर 2 – 7 अप्रैल 2022, दिवंगत रूपेश पांडेय की मां को मिली नौकरी व 5 लाख की आर्थिक मदद

हजारीबाग के बरही क्षेत्र में घटी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायल युवा, रूपेश पांडेय की इलाज के दौरान मौत हो गयी. विपक्ष भाजपा ने राजनीति रोटी सेंकने का भरपूर प्रयास किया. लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा मामले को संवेदनशील से निपटाया गया. एक तरफ फास्ट ट्रैक कोर्ट से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया. तो दूसरी तरफ संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दिवंगत रूपेश पांडेय की मां को नियुक्ति पत्र और 5 लाख रुपये की सहायता राशि भी प्रदान किया गया.

केस नंबर 3 : 11 अप्रैल 2022, बेटे को पीठ पर बांध कर ड्यूटी करने वाली कॉस्टेबल को मिला आवास 

खूंटी – झारखण्ड पुलिस में कार्यरत महिला कॉस्टेबल मुक्ति पूर्ति को अपने बच्चे को पीठ पर बांध कर ड्यूटी करन पड़ रहा था. सीएम के संज्ञान में मामला आया. उन्होंन जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि महिला कॉस्टेबल को तत्काल सहायता पहुंचाया जाए. जिला प्रशासन हरकत में आया. सोमवार को खूंटी जिला प्रशासन द्वारा उस महिला कॉस्टेबल को पोस्टिंग के समीप सरकारी आवास मुहैया हुआ. 

केस नंबर 4 : 23 मार्च 2022, युद्ध क्षेत्र यूक्रेन से वापस घर लौटे झारखण्डी छात्रों से मिल कर दी हिम्मत, निजी खर्च से आने वालों को वापस मिली राशि. 

बीते दिनों यूक्रेन की बिगड़ती हालत के बाद वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे झारखण्डी बच्चे जब घर लौटे, तो सीएम ने सभी से मुलाकात की. सभी छात्रों की परेशानी को सुना और कहा, अधूरे पढाई को छोड़कर वापस लौटे बच्चों के भविष्य को लेकर सरकार गंभीरता से पहल करेगी. मुख्यमंत्री ने घोषणा कि इस सिलसिले में जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी. इससे पहले मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि यूक्रेन से वापस लौटने वालों के टिकट का खर्च सरकार उठायेगी.

केस नंबर 5 – 3 फरवरी 2021, सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले को प्रोत्साहन राशि जैसे अनूठा कदम  

राज्य में सड़क हादसे में घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाने पर प्रोत्साहन राशि देने की शुरुआत, निश्चित रूप से सरकार की जीवन रक्षा में मानवीय पहल है. सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचा मानवता को जीवित रखने की परम्परा को सम्मान व प्रोत्साहन के रूप में झारखण्ड सरकार द्वारा 2500 रुपये की राशि दिया जाता है. इसके लिए राज्य सरकार ने झारखण्ड गुड स्मारटियन पॉलिसी की स्वीकृति दी है.  ज्ञात हो, ऐसे मामलों में आमतौर पर लोग कानूनी पचड़ों के कारण घायलों को अस्पताल पहुंचाने में हिचकते हैं. यह अनूठी पहल मुख्यमंत्री व सरकार की संवेदनशील को दर्शाता है. 

केस नंबर 6 : 14 मई 2021, अनाथ बच्चों की परवरिश का जिम्मा उठाने जैसे संवेदनशील कार्य 

कोरोना त्रासदी में, राज्य में अपने अभभावक खोने वाले बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने का जिम्मा भी हेमन्त सरकार द्वारा उठाया गया है. ज्ञात हो, सभी जिला प्रशासन द्वारा चाइल्ड केयर हेल्पलाइन जारी किया गया. जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा निगरानी की जाने वाली चाइल्ड केयर हेल्पलाइन में ऐसे मामलों को देखने और तत्काल सहायता प्रदान करने हेतु एक समर्पित टीम गठित की गई. अनाथ बच्चों की सूचना प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर के द्वारा मांगी गयी. 

केस नंबर 7 : 10 मई 2020, तंगहाली की जिंदगी जीने वाले रिक्शा चालक राजकुमार रविदास को सरकार द्वारा रिक्शा, नकद रुपए और मास्क मिला  

रिक्शा चला कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले राजकुमार रविदास की रिक्शा चोरी हो गयी थी. उसके समक्ष जीविकोपार्जन की समस्या आ खड़ी हुई थी. मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आया. उन्होंने रविदास को अपने आवास पर बुलाकर न केवल हिम्मत दी, अपने हाथों से रिक्शा, नकद राशि और मास्क प्रदान किया. ज्ञात हो, राज्य में कई ऐसी योजनाएँ चल रही है जो अभाव और तंगहाली की जिंदगी जी रहे राजकुमार रविदास जैसे लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है. तमाम प्रयास हेमन्त सरकार की संवेदनशील को ही दर्शाता है. 

केस नंबर 8 : 15 जनवरी 2020, 60 वर्षीय शत्रुघ्न साव की जांघ की हड्डी टूट चुकी थी. उसका न केवल इलाज हुआ बल्कि उसे पैतृक घऱ भी पहुचाया गया

बिहार के एकंगरसराय निवासी 60 वर्षीय शत्रुघ्न साव की बाएं पैर की जांघ की हड्डी सड़क दुर्घटना में टूट गयी थी. इलाज के लिए उसे कोडरमा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ज्ञात हो, मामले में प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गई थी. सही समय पर उसका इलाज शुरू नहीं हो पाया था. मामला सीएम के संज्ञान में आया, उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों को मरीजों के इलाज सम्बन्धी कड़े निर्देश दिए. सीएम के निर्देश पर उस वृद्ध को रिम्स लाया गया, जहां उसका बेहतर इलाज सुनिश्चित हुआ. और स्वस्थ होने के बाद उसे बिहार, उनके पैतृक निवास पहुंचाया गया.

Leave a Comment