एक रुपए में रजिस्ट्री गरीब महिलाओं के लिए था या करोडपति नेताओं के पत्नियों के लिए?

एक रुपए की रजिस्ट्री योजना गरीब महिलाओं के लिए था या करोडपति नेताओं के पत्नियों के लिए?

भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे अचानक अपनी तीसरी पारी राजनीति में अतिसक्रिय दीखते हैं। राजनीतिक हलकों में भी सांसद महोदय के बदले रवैये को लेकर चर्चा आम हो गयी हैं। मज़ेदार बात है कि दुबे जी किसी भी मुद्दे को लेकर कुछ भी टिप्पणी करते दिख जाते हैं।

उदाहरण के तौर पट सावन में कोरोना संक्रमण को लेकर बाबा मंदिर को बंद रखे जाने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया। जो कि जरूरी भी है – दुबे जी ने झारखंड सरकार को श्राप दे दिया। उनकी सरकार गिर जाएगी। लेकिन, टेरेरिस्ट विकास दुबे को लेकर श्राप तो छोडिये टिप्पणी तक नहीं निकली।

वहीँ, हालिया दौर में कॉरपोरेट दुनिया से सम्बन्ध बनाने वाले राजनीति चेहरों कि फ़ेहरिस्त तैयार की जाए, तो डॉ निशिकांत दुबे जी का नाम सबसे ऊपर आयेगा। यही वह कारण था, लोकसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार घोषित किए जाने पार्टी के भीतर भारी बवाल काटा गया था। पांच मार्च, 2009 जब दुबे उम्मीदवार के तौर पर जसीडीह स्टेशन पर उतरे, तब उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच मार-पीट तक हुई थी। उसमें निशिकांत दुबे के कपड़े फाड़ दिये गये थे।

3 करोड़ नकद देकर 20 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी 

लेकिन, इस बार वह ज़मीन मुद्दे को लेकर चर्चा में हैं। जो झारखंड की पिछली भाजपा कि रघुवर सरकार एक रूपए में रजिस्ट्री योजना की पोल खोलती है। ज्ञात हो कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम पर ज़मीन लेन-देन के गंभीर आरोप लगे हैं।

देवघर के बम्पास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की है। आरोप है कि, सांसद निशिकांत दुबे ने राजनीतिक प्रभाव से 20 करोड़ की प्रॉपर्टी केवल 3 करोड़ में अपनी पत्नी के नाम खरीदी है। देवघर के एलओकेसी धाम की रजिस्ट्री संख्या 770, 29 अगस्त 2019 को हुई है। ऐसा करने से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का घाटा हुआ है।

शिकायत के आवेदन के साथ रकम प्रप्ति की रसीद प्रस्तुत की गयी है। जिसमे उल्लेख है कि प्रॉपर्टी खरीदने तीन करोड़ नगद रुपये दिये गये। जो कि नियम के विरुद्ध है। क्योंकि, नोटबंदी के बाद से दो लाख से ज्यादा नकद देकर किसी भी चीज को खरीदने पर मनाही है। लेकिन सांसद की पत्नी अनामिका गौतम ने रुपये नकद देकर जमीन खरीदी है। 

सांसद निशिकांत दुबे का जवाब 

मामले को लेकर जब पत्रकारों ने सांसद निशिकांत दुबे से बात की। सांसद महोदय ने सीधा कहा कि इस सम्बन्ध में वे उनकी पत्नी से बात करें। जब नंबर उपलब्ध कराने की बात कही गयी तो उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का नंबर उनके पास नहीं है। 

मसलन, भाजपा के गोड्डा सांसद के अति सक्रियता के वास्तविक कारण जनता इसे ही मान रही हैं। एक हकीकत और जो सामने आ रही है वह यह कि – क्या एक रुपए की रजिस्ट्री योजना गरीब महिलाओं के लिए थी या फिर नेताओं के पत्नियों के लिए? 

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