झारखण्ड : केवल कृत्रिम मुद्दों की आसरे गाल बजाता विपक्ष

झारखण्ड : शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, नियोजन निति, समानता, आरक्षण, बेरोजगारी, कृषि, आधी आबादी सशक्तिकरण जैसे असल मुद्दों से दूर, कृत्रिम मुद्दों के आसरे केवल गाल बजाता विपक्ष.

रांची : कृत्रिम मुद्दे सामाजिक विकास में विष से कमतर नहीं. राजनितिक लाभ के मद्देनजर यह मुद्दे जानबूझकर मीडिया और संगठित सामन्ती वर्गों के स्तापित ढांचों के माध्यम परोसा जाता है, सामाजिक वास्तविकता से दूर होता है. जो समाज में विभाजन, तनाव, ध्रुवीकरण, हिंसा, अविश्वास जैसे कारक पैदा कर सामाजिक ताना-बाना को कमजोर करता है. जिसका स्पष्ट लाभ पूंजी समर्थित राजनीति को मिलता है और बहुसंख्य जनता को अधिकारों से वंचित कर मुफलिसी में धकेलता है. और इनकार नही किया जा सकता कि यह सब झारखण्ड में विपक्ष के मुद्दों में दिखने को मिल रहा है.

गाल बजाता विपक्ष

झारखण्ड में मौजूदा विपक्ष आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर धनबल और केन्द्रीय प्रभाव में बाहरी नेता-मुख्यमंत्रियों की असरे सनसनी फैलाने का प्रयास करता देखा जा सकता है. लेकिन वह शिक्षा-स्वास्थ्य, एसटी धर्म कोड, इंफ्रास्ट्रक्चर, नियोजन निति, कृषि, आरक्षण, सामाजिक समानता, आधी आबादी सशक्तिकरण, बेरोजगारी, जैसे जनता से सरोकार रखता असल मुद्दों से दूर केवल आर्टिफीसियल या कृत्रिम मुद्दे और नेता खरीद-फरोख्त जैसे हथकंडों आसरे केवल गाल बजाता ही दिखता है. जिसे स्पष्ट तौर पर हर मोर्चे पर जनता नकारती दिखती है… यही असल सच है. 

झारखण्ड में महिला और सरकार सामान सोच और रणनीति तले विपक्ष चित 

झारखण्ड की आधी आबादी विपक्ष के सभी कृत्रिम या आर्टिफीसियल मुद्दों के विरुद्ध न केवल मोर्चा खोल रखीं है. एकजुट हो समाज में संवेदना का नवजागरण कर झारखण्ड को अलग रंग-रूप दे रहीं है. तो वहीं सीएम हेमन्त ठहराव के साथ जनसमस्याओं को सुलझाने की गति तेज करते दिख चले हैं. झारखण्ड की बहु-बेटियां अपने ताल में तो सीएम हेमन्त अपने ताल में राज्य की बेहतरी के दिशा में बराबरी से आगे बढ़ चले हैं. तमाम परिस्थितियों के बीच का मजेदार दृश्य यह है कि विपक्ष के कृत्रिम शोर-शराबे पर न जनता ध्यान दे रही और ना ही आधी-आबादी और सरकार.  

झारखण्ड के 1.76 लाख किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ

राज्य की आधी आबादी को राजनीति में दिए गए पृथक बराबरी महत्ता से सीएम हेमन्त को राज्य हित में कार्य करने के लिए प्रयाप्त वक्त मिल रहा है. आधी आबादी विपक्ष के कृत्रिम मुद्दों पर हमलावर है तो वहीँ सीएम समय का सदुपयोग कर किसान ऋण माफ़ी और नियुक्ति जैसे फैसलों को ज़मीन पर आसानी से उतार पा रहे हैं. ज्ञात हो, राज्य के 1,76,977 लाख किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ हो गए हैं. हेमन्त सरकार राज्य के किसानों के 400.66 करोड़ रुपए के कर्ज भर उन्हें दुखों से उबार लिया है. बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का भी अनावरण कर लिया गया है.

दूसरी तरफ राज्य के लगभग 1000 युवाओं के बीच नियुक्ति पत्र का भी वितरण कर लिया गया है. सीएम हेमन्त विदेश में उच्च शिक्षा के लिए युवाओं की संख्या बढ़ाने पर चिंतन-मंथन कर पा रहे हैं. सीएम ने मंच से स्पष्ट कहा कि अगर हम 25 बच्चों को विदेश में शिक्षा के लिए भेज सकते हैं तो 100 बच्चों को क्यों नहीं भेज सकते? इसमें नीति निर्धारण की आवश्यकता है, गंभीरता से विचार किया जाएगा. जनहित में लगातार कैबिनेट निर्णय भी लिये जा रहे हैं. मसलन, जिस नारी शक्ति को सामंती राजनीति ने तुच्छ समझा उसे ही सबल कर हेमन्त ने उसके लिए काल बना दिया है.

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