दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने का श्रेय पियूष गोयल का भाजपा को देने का प्रयास

बात शुरू करते हैं दूसरे राज्यों में फंसे लोगों से। यह री-ट्विट झारखंड के मंत्री मिथलेश ठाकुर का है, जिसे झारखंड के मुख्यमंत्री द्वारा ट्विट किया गया था। केंद्र द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ पक्षपात कर यूपी को मदद पहुँचाने के बाद लिखी गयी थी। ट्विट में पक्षपात का दर्द और झारखंड की वेदना साफ झलकती है। और भाजपा के चरित्र, शैली और विचारधारा को समझने के लिए पर्याप्त भी है।

@MithileshJMM, Apr 18ऐसी दोहरी नीति क्यों ?

झारखंडी प्रवासी छात्र/मज़दूर लंबे क्वारंटीन के बाद भी घर से दूर रहने को विवश हैं, जबकि योगी सरकार सैकड़ों बसें भेजकर हजारों को मंगवा रही है। MoHA का गाइडलाइन सिर्फ हमारे लिया था क्या ??माननीय प्रधानमंत्री कृपया Folded hands @HemantSorenJMM, @narendramodi, @PMOIndia”

हालाँकि, उस समय भाजपा इस पक्षपातपूर्ण मुद्दे पर बहुत बदनाम थी। देश के लगभग सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र की इस सच्चाई को जनता के सामने लाया था। उस समय, यह मुद्दा लगभग सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ट्रेंड हुआ था। केंद्र बेकफूट पर आ चुकी थी।

हेमंत सोरेन को बदनाम करने के लिए लिया गया गोदी मीडिया का सहारा 

पूर्वाग्रह से बचाव के लिए एक परिचित शैली में काउंटर किया गया। गोदी मीडिया की मदद से झारखंड के मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की गई। लेकिन झारखंड के सतर्क लोगों ने समय में पूरे प्रकरण को उजागर कर दिया। रवीश कुमार जैसे देश के प्रमुख पत्रकारों ने गोदी मीडिया का उपयोग करने वाले पार्टी का पर्दाफाश किया है। हेमंत सोरेन ने 25 अप्रैल को ट्वीट किया और अपनी पीड़ा साझा की। जिसे उनकी ट्विटर वॉल पर पढ़ा जा सकता है।

हेमंत सोरेन का ने प्रधान मंत्री से आग्रह  

Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें -Apr 27 –आदरणीय प्रधानमंत्री जी से मेरा आग्रह है कि वह गृह मंत्रालय को निर्देशित करें कि अन्य राज्यों में फंसे छात्रों और मज़दूरों को वापस लाने के लिए relaxation order निर्गत करें ताकि केंद्र सरकार के सहयोग से हम वैधानिक रूप से यह कार्यवाई कर सकें।

इसके अलावा, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बारे में आग्रह किया। उन्होंने गृह मंत्रालय को छूट का आदेश जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और मजदूरों को वापस लाया जा सके।

उस वक़्त भाजपा नेता झारखण्ड में क्या कर रहे थे?

उस वक़्त, झारखंड के भाजपा नेताओं की – रसूख का इस्तेमाल कर लॉकडाउन के नियम तोड़ने. सांसद दिल्ली में फंसे प्रवासी मज़दूरों की मदद करना छोड़ वापिस झारखंड लौटना. किसी और नेताओं के पहल पर अपनी नाम चिपकाना. या फिर ओछी राजनीति करना. यही मीडिया की सुर्खियाँ हुआ करती थी. 

रेल परिचालन शुरू करने के लिए PiyushGoyal से आग्रह 

@HemantSorenJMM – Apr 29 – रेल मंत्री . @PiyushGoyal जी (पियुष गोयल)से बात हुई जहां मैंने उनसे आग्रह किया है की रेल परिचालन शुरू करें ताकि हम जल्द से जल्द सभी राज्यों में फँसे छात्रों समेत 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को सोशल डिस्टन्सिंग के नियमों का पालन कर – राज्य सकुशल वापस ले आएँ।

हेमंत सोरेन ने 29 अप्रैल को, ट्विट व पत्र लिख कर विशेष रेल परिचालन शुरू करने का आग्रह किया। ताकि भी राज्यों में फँसे छात्रों समेत 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा सके। ज्ञात ही, उस वक़्त भाजपा नेता भानु प्रताप शाही झारखंडियों की मदद करने के बजाय राजनीति कर रहे थे। उन्होंने ट्विट किया था कि हेमंत सोरेन नौटंकी कर रहे है। लेकिन, किसी भी भाजपा नेता ने ट्विट कर झारखंडियों की हिम्मत नहीं बंधाये कि वह उनके साथ हैं। 

Zee New Bihar का ट्विट 

जी न्यूज़ बिहार ने ट्विट कर जानकारी दी कि हेमंत सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूरों और छात्रों को वापस लाने की कवायद तेज कर दी है। लॉकडाउन में प्रभावित लोगों को तोहफा मिलेगा.

@ZeeBiharNews -Apr 30 – राँची : दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूरों और छात्रों को वापस लाने की कवायद शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM ने कहा- सरकार तेजी से काम कर रही है. लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को तोहफ़ा मिलेगा.

हेमंत सोरेन का 2 ट्विट इस सम्बन्ध में 1 मई को आया 

@HemantSorenJMM -May 1साथियों, लॉकडाउन की कारण जहाँ जो लोग थे वहीं फंसे रह गए थे। लाखों की तादाद में झारखण्डी श्रमिक भाई-बहन, छात्र-छात्राएं, मरीज़ तथा अन्य लोगों की सकुशल वापसी के लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।

आपसे आग्रह है धैर्य रखें, आपकी सरकार जल्द आप तक पहुँचेगी। स्वस्थ रहें।

@HemantSorenJMM – May 1 – अंततः केंद्र सरकार ने श्रमिकों को भी वापस लाने की हमारी माँग मानी और हमने तुरंत झारखण्डवासियों को सकुशल वापस लाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया।

जैसे अन्य राज्यों में पढ़ रहे छात्र हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं ठीक उसी तरह झारखंडी श्रमिक भी उतने ही अहम हैं। हर एक झारखंडी की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसको लेकर आपकी सरकार बेहद संजीदा है।

झारखंड पहुंचने पर लोगों की सरकार के प्रति संवेदना

2 मई से फंसे लोगों की झारखंड पहुँचने पर सरकार के प्रति उनकी संवेदना। 

https://twitter.com/i/status/1259066074135293952

पियुष गोयल ने सारा श्रेय अपने सोये हुए नेताओं को दिया

ऐसे में जाहिर है, हेमंत सोरेन की यह उपलब्धि आसानी से भाजपा को पचने वाली नहीं थी। हमेशा गोदी-मिडिया के माध्यम से सुर्ख़ियों में रहने वाली भाजपा को इस बार मुंह की खानी पड़ी थी। तो उन्होंने अपनी साख बचाने के लिए सीधा रास्ता चुना। रेलमंत्री पियुष गोयल ने अपने विचारधारा का परिचय देते हुए सारा श्रेय अपने सोये हुए नेताओं को दे दिया। 

जब इसे भी जनता ने नकारते हुए ट्रोल करना शुरू किया तो उन्होंने नया पाशा फेंक दिया। अबकी बार केंद्र ने सारे नियम को ताक पर रखते हुए ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी। लेकिन, नियम बनाया कि टिकट की बुकिंग ऑनलाइन होगी। अब गरीब मजदूरों के समक्ष नयी समस्या कड़ी हो गयी है। उन्हें इंटरनेट का ज्ञान ही नहीं है तो कैसे बुकिंग करेंगे। अंततः बिचौलियों की बल्ले-बल्ले हो गयी है।

झारखंड के विभिन्न पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया     

जब झारखंड के कई पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया तो, तो काउंटर में रेल मंत्री पियुष गोयल ने झारखंड के मुख्यमंत्री पर नया इल्जाम लगा दिया। स्वयं पियुस गोयल ने ट्विट किया- रेलवे रोज़ाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चला कर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिये तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे प.बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, व झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नही दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है।

जवाब में हेमंत सोरेन का ट्विट 

@HemantSorenJMM -10h (हेमंत सोरेन) – माननीय रेल मंत्री (पियुष गोयल) जी, ऐसा प्रतीत हो रहा है की आपके विभाग द्वारा आप तक सही जानकारी नहीं पहुँचायी गयी है। हमने अब तक 110 ट्रेनों की NOC दे दी है और 50 ट्रेनों में लगभग 60 हज़ार से ज़्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं। मैंने जहां देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने की गुहार लगायी थी, अब पुनः आपसे ज़्यादा से ज़्यादा ट्रेनें झारखण्ड के लिए चलाने की आग्रह करता हूँ। 

अभी हर रोज़ मात्र 4-6 ट्रेनें झारखण्ड आ रही हैं जो हमारे लगभग 7 लाख श्रमिक झारखंडियों को जल्द वापस लाने हेतु पर्याप्त नहीं हैं। आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए झारखंडियों की सहायता करेंगे।

उदाहरण के लिए, एक तरफ, आज, भारत बीमारियों की संख्या के मामले में चीन से आगे है। वहां, मोदी जी द्वारा कोई ठोस कदम उठाने के बजाय, केंद्र श्रमिकों से ही हर्जाना भरवाने की तैयारी कर रहा है। श्रम अधिकारों में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है। और कोरोना के साथ रहने की सलाह देकर अपना पल्ला झाड रहा है। यदि कोई राज्य दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की परवाह करता है, तो उसे बदनाम करने से भी नहीं चुक रहा।  ऐसे में लोगों को तय करना चाहिए कि भाजपा किस विचारधारा का अनुसरण कर रही है।

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