स्वस्थ झारखण्ड की झलक क्या दिखती है झामुमो के घोषणा पत्र में
भारत में डॉक्टर और अस्पतालों के बेड अन्य देशों की तुलना में कम है, जबकि बड़ी तादाद में भारत के ही छात्र दुनिया के बारह विकसित देशों में डाक्टर की पढ़ाई करते रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा को ले कर दुनिया के देश अपने नागरिकों के इलाज़ के लिए जो बजट बनाते है उसमे भारत का स्थान न केवल 122 वां है, बल्कि बाकियो की तुलना में महज 12 फ़ीसदी है। बीमारी ना हो इसके लिए बीमारी की वजहों पर रोक लगाने के लिये भारत का नंबर दुनिया सौ देशों में आता ही नहीं है। कोई भी समझ सकता है कि भारत में मौत कितनी सस्ती है।
इन परिस्थितियों में जब झारखंड में सबसे अधिक कुपोषित माँ-बच्चे की संख्या होने का सवाल है, अस्पतालों में मरीज़ आज भी उन्ही हालात में पडे हैं, जैसे झारखंड अलग होने से पहले थे -जैसे बेड की कमी तब भी थी, कमी आज भी है। ब्लड प्लेटलेट्स की भागम भाग की जो मुश्किल तब थी वह आज भी है, यहाँ तक कि दवाई से लेकर अम्बुलेम्स की उपलब्धता तक के जद्दोजहद वैसी ही हैं, तो इस विधानसभा चुनाव में झामुमो के घोषणा पत्र में झाँकना जरूरी हो जाता है कि इनके पिटारे में स्वस्थ झारखंड को लेकर क्या है:
स्वस्थ झारखण्ड की लकीर
- कुपोषण से लड़ने के विषय में झामुमो का कहना है कि वे राज्य में 50 लाख परिवारों के लिए पोषण वाटिका का निर्माण करेंगे, जिसके मदद से इनके लिए वर्ष भर की सब्जी एवं फल की आपूर्ति की जायेगी। जिन परिवारों के पास अपनी जमीन नहीं है उन्हें इसके लिए सामुदायिक/सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
- झारखण्ड राज्य में ये ‘स्वास्थ्य सेवा का अधिकार’ पारित कर निजी अस्पतालों में भी गरीब लोगों का इलाज सुनिश्चित करेंगे।
- सरकार गठन के एक साल के भीतर राज्य के तमाम सदर अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व फ़र्स्ट रेफरल यूनिट (FRU) में डॉक्टरों के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर तमाम खाली पदें भरेंगे ।
- झारखंडवासियों के घर तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए राज्य भर में 100 चलंत चिकित्सा यान (Mobile Medical Unit) की व्यवस्था करेंगे।
- मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2-2 छिड़काव मशीन की व्यवस्था करेंगे।
- प्रत्येक 5,000 परिवार पर कम-से-कम एक एम्बुलेंस एवं प्रत्येक 1,000 परिवार पर कम-से-कम एक ममता वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इन वाहनों की बुकिंग निःशुल्क व ऑनलाइन करवाने की सुविधा होगी। साथ ही राज्य में तीन बड़े उच्चस्तरीय आधुनिक अस्पतालों का निर्माण भी करेंगे ताकि झारखंड वासियों को इलाज़ के लिया अन्य राज पर आश्रित न होना पड़े।