ज़मीन लूट की मंशा से होने वाली ज़माबंदी सवालों के घेरे में

झारखण्ड में ज़मीन लूट का मतलब 

झारखंड की रघुबर सरकार व केंद्र की सरकार कानून के माध्यम से यहाँ की जनता की जमीनों को  देसी-विदेशी पूँजीपतियों को लुटाने के लिए हर संभव प्रयास कर चुकी है। इसके लिए राज्य में बने  कानून ‘वाजिब मुआवज़े का अधिकार, भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास में पारदर्शिता कानून-2013’ में संशोधन कर जनता व किसानों की भूमि को गैरजनवादी तरीकों से  छीनने का बन्दोबस्त कर चुकी है। इससे सम्बन्धित संशोधन अध्यादेश-2014’ तो 31 दिसम्बर 2014 को ही जारी भी कर दिया था लेकिन अन्तरविरोधों के कारण सदन से लेकर सड़कों तक इसका भारी विरोध हुआ था।

सरकार उपरोक्त संशोधनों के माध्यम से अति-ज़रूरी आपातकालीन परिस्थिति वाली धारा 40 को कायम रखते हुए अधिग्रहित भूमि यदि पाँच सालों के भीतर प्रयोग में नहीं लाई जाती है तो यह पहले मालिकों को दे दिए जाने का प्रावधान था अब सरकार के ‘‘भूमि बैंक’’ के पास चली जायेगी। सरकार अब अपनी मर्ज़ी से उन ज़मीनों का समय तय करेगी। अब सरकारी विभाग द्वारा गलत जानकारी, झूठे दस्तावेज़, आदि की कार्यवाही सिद्ध होने पर बड़े अफसरों को दोषी मानने के बजाय जिस  मुलाज़िम की गलती होगी केवल उसी पर कार्यवाही की जायेगी। 

मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि मूल अध्यादेश में संशोधन करके लोक सभा में पारित अध्यादेश में यह जोड़ा गया कि आदिवासियों की भूमि अधिग्रहित करने के लिए पंचायतों की सहमति ज़रूरी होगी। अब भूमि मालिक की सहमति ज़रूरी नहीं है मतलब अब केवल सरपंचों-पंचों को ख़रीद कर आसानी से आदिवासियों की भूमि अधिग्रहित की जा सकती है? साथ ही सरकार जमाबंदी को ऑनलाइन करने के बहाने कड़े नियम क़ानून जोड़ दिए, जिसे पूर्ण करना गरीब आदिवासी- मूलवासियों के लिए दूभर हो गया। 

इसी ज़मीन लूट मंशे से ओत-प्रोत इसका जीता-जागता उदाहरण राज्य के मुख्यमंत्री के विधानसभा सभा क्षेत्र में देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री जी जिन 86 बस्तियों के लोगों को मालिकाना हक दिलाने का झूठा वायदा कर अपनी राजनैतिक जीवन को आयाम दिया उन्हीं को पूरे कार्यकाल बारंबार ठग कर अपनी रोटी सेकी। यहाँ भी जमाबंदी की जमीनों पर दशकों से रह रहे परिवार कड़े नियम-क़ानून की वजह से आवेदन तक न कर पायी है। इसका फायदा उठा भाजपा छल और धोखेबाज़ी से यहाँ दशकों से रह रहे परिवारों को खदेड़ने की कोशिश लगातार कर रही है।

मसलन, इस ज़मीन लूट मामले में राज्य के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बदलाव यात्रा के दौरान सरकार को आड़े हाथों लिया, जैम कर साधे निशाना…

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