शिक्षा-रोज़गार-चिकित्सा तक मुहैया न करा पाने वाली सरकार की जरूरत क्यों ?

शिक्षा-रोज़गार-चिकित्सा तक झारखंड की जनता को मुहैया न करा पाने वाली सरकार की जरूरत क्यों ?

झारखंड की रघुबर सरकार देश की संविधान को लेकर लंबी-चौड़ी बातें करते दिख जाते हैं, यकीन नहीं तो फिर से एक बार आज़ादी दिवस के भाषण सुन लीजिएगा। अनुच्छेद 14 कहता है कि ‘सभी को समान नागरिक अधिकार’ मिलना सुनिश्चित होना चाहिए और अनुच्छेद 21 कहता है कि ‘मानवीय गरिमा के साथ जीने का अधिकार’ सभी भारतीय को है। लेकिन सच्चाई यह है कि ये अधिकार देश की एक बड़ी आबादी जो ग़रीब हैं, के असल जीवन से कोसों दूर हैं। कम से कम झारखंड में तो ऐसा ही है। क्योंकि न तो यहाँ एक समान शिक्षा-व्यवस्था लागू है और न ही यहाँ की जनता को पक्के रोज़गार की कोई गारंटी है। जबकि हर काम करने योग्य स्त्री-पुरूष को रोज़गार का अधिकार मिलना ही सही मायने में उसका ‘जीने का अधिकार’ है।

सरकार ने पहली बार माना था कि मनरेगा में रोज़गार की गारंटी देना उसकी ज़िम्मेदारी है किंतु यह योजना भी यहाँ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। यदि यह सरकार जनता को शिक्षा-रोज़गार-चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएँ तक जनता को मुहैया नहीं करा पाती तो फिर राज्य में इस सरकार की जरूरत किस लिए है? पूँजीपतियों को तो संसाधन से लेकर तमाम सुविधाएँ खैरात में लूटा देती है लेकिन राज्य के आम ग़रीब को व्यवस्था का शिकार बनाकर गर्त में धकेल दी है! यह आसानी से समझा जा सकता है कि रोज़गार के लिए तीन चीज़ें चाहिए (1) काम करने योग्य हाथ (2) विकास की संभावनाएँ (3) प्राकृतिक संसाधन। क्या यहाँ इन तीनों चीज़ों की कमी है? -बिलकुल नहीं, सवाल केवल इस सरकार की नीयत का है। 

बहरहाल, झारखंड के लाखों युवाओं को रोज़गार के अवसर मुहैया कराने का वायदा करने वाली रघुबर सरकार अब इनके भविष्य को अंधकार में धकेल कर नौकरियाँ बाहरियों दे रही है। जब राज्य की युवा आवाज़ उठती है ये उन्हें फिर से नौकरी देने का वायदा कर देती है। फिर जातिवाद व आरक्षण का धुआँ तले उनके सपनों को भ्रम जाल के कोहरे में फंसा देती है। इसके बाद भी यदि युवा आवाज़ उठाते हैं तो उन्हें गाय की पूँछ पकड़वा देती है और खुद शतुरमुर्ग की तरह “सरस्वती नदी” में अपनी गर्दन घुसा गीता का पाठ करने लगती है! मसलन, आगामी चुनाव को देखते हुए यह आशा ही किया जा सकता है कि यहाँ की युवा इनके भ्रम जाल को तोड़ते हुए सही निर्णय लेगी और अपने भविष्य को प्रकाश की ओर ले कर जायेंगे।

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