भाजपा नेता ने झारखंड में रची अपहरण व लूट की साजिश 

भाजपा नेता ताजदार आलम ने ही चौड़ा राजू गैंग से मिल कर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की भतीजी निशा कोड़ा का अपहरण कर नक़दी रुपये व गहने लूटने की साज़िश रची थी। भाजपा के इस नेता ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस ने ताजदार आलम के साथ वारदात में शामिल रहे चौड़ा राजू गैंग के दो सदस्यों की गिरफ्तारी भी की है। हालांकि पुलिस को इस केस से सम्बंधित कुछ बरामद नहीं हुआ है। चौड़ा राजू और गैंग के अन्य पांच सदस्य फरार हैं, पुलिस उनकी तलाश में छापामारी कर रही है।

क्या है मामला ?

निशा कोड़ा के साथ भाजपा नेता ताजदार आलम की 2017 से दोस्ती थी। ताजदार आलम ने पहले ही निशा से 35 लाख रुपये ऐंठ चुका था। साथ ही बीच-बीच में लाख-डेढ़ लाख रुपये निशा से लेता रहता था। 24 जुलाई को ताजदार आलम जमीन दिखाने के बहाने निशा को उन्हीं के स्कोडा कार से डोबो गांव ले गया। रास्ते में पड़ने वाले दोमुहानी पुल पार करते ही चार नकाबपोश बदमाश कार पर सवार हो गए। निशा कोड़ा के पुलिस को दिए सूचना के अनुसार उन बदमाशों ने उनसे पांच लाख रुपया नकद व तकरीबन 11 लाख रुपये की जेवरात लूटे। रात को कपाली के पास निशा को फेंक कर भाग गए थे। 

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ताजदार ने सिटी एसपी के सामने शाम को ही सरेंडर कर दिया। उसकी बतायी कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही थी। साथ ही पुलिस के सवालों का भी जवाब ताजदार नहीं दे पा रहा था। आखिर वो टूट गया और अंत में जुर्म कबूल कर लिया। उसने यह भी कुबूल किया कि वो चाहता था कि एक बार में ही निशा से 50 लाख रुपये ऐंठ ले। पुलिस ने बताया कि ताजदार आलम ने गैंगस्टर चौड़ा राजू से 60 फीसदी पर मामला तय हुआ था। कपाली के एक मकान में प्लान को अमली जामा पहनाने की रणनीति तैयार की गयी थी। ये लोग घटना को अंजाम देने तक बराबर फोन से एक दूसरे के संपर्क में थे। 

अलबत्ता, पहले कठुआ और उन्नाव की बर्बर घटनाओं के बाद अब झारखंड की इस घटना ने यह साबित किया है कि भाजपा नेताओं की दरिंदगी के सबसे वीभत्स रूप का सामना औरतों को करना पड़ रहा है। जो कि समाज के लिए खतरे की घंटी है! समाज यदि अब भी ना जागा तो उसके पास पछताने के लिए भविष्य में कुछ न बचेगा। 

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