अब तो झारखंड में शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है जब बेटियों के साथ अत्याचार, छेड़छाड़ बलात्कार, व हत्याएँ जैसी घटनाएँ न घटती हो। कभी कोई महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती है, कभी उनकी इस्मिता से खिलवाड़ होती है। अभी 22 मई को सिमडेगा जिले में ही बानो पुलिस ने पांगुर जंगल से एक महिला का अधजला शव बरामद किया था। पुलिस के अनुसार, महिला की हत्या कर साक्ष्य छिपाने की नीयत से उसका शव को जला दिया गया था।
महिला थाना पुलिस ने नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया। इस लड़के पर आरोप है कि 21 मई को बंबलेकेरा ठेठइटांगर निवासी एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया बताया गया। इसके बाद कोलेबिरा पुलिस ने बरसलोया पंचायत के पूर्णापानी ग्राम के समीप जंगल से एक अज्ञात महिला का शव बरामद किया। पुलिस के अनुसार, अज्ञात महिला की उम्र लगभग 35 वर्ष है और मृतका के सिर पर धारदार हथियार से हमले किये जाने के निशान निशान मिले हैं।
इन मामलों से अभी सिमडेगा संभला भी नहीं था कि कुरडेग प्रखंड के खिंडा पंचायत के कुसियार पानी गांव में शादी में पहुंची एक 11 साल को लड़की को अपहरण कर दुष्कर्म किया गया। बुधवार सुबह तीन बजे कुसियार पानी गांव के ही दो लोगों ने लड़की के मुंह में कपड़ा बांधकर जबरन जंगल ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया। बाद में उन युवकों ने उसे गांव के करीब छोड़कर भाग गये।
बहरहाल, उपरोक्त सभी रिपोर्ट सिमडेगा जिले के है फिर भी झारखंड सरकार स्त्री-विरोधी अपराधों को रोकने में पूरी तरह विफल है। सरकार इन घटनाओं को रोकने के लिए प्रेस कोंफ्रेंस करने के बजाय आगामी चुनाव को देखते हुए अपना चेहरा चमकाने हेतु योग दिवस का आयोजन करने में दिलचस्पी दिखा रही है। सरकार चाहे तो इन तामझाम से परे बेटियों संग होने वाली दुर्घटनाओं रोक लगा सकती है लेकिन ऐसा कर नहीं रही!