Skip to content
Jharkhand Khabar
  • News
  • Jharkhand
  • National
  • Viral Reports
  • Editorial
  • World Politics
  • Biography
    • Dishoom Guru Shibu Soren
    • Nirmal Mahto
  • News
  • Jharkhand
  • National
  • Viral Reports
  • Editorial
  • World Politics
  • Biography
    • Dishoom Guru Shibu Soren
    • Nirmal Mahto

झारखंड मुक्ति मोर्चा के आन्दोलन का परिणाम है अलग झारखंड

  TRENDING
मधुपुर उप चुनाव में भाड़े की भीड़ से सज रही है भाजपा की रैलियाँ ! April 10, 2021
मधुपुर उपचुनाव: भाजपा की नफरत की राजनीति का जवाब झामुमो विकास की राजनीति से देती April 9, 2021
मधुपुर उपचुनाव : दलबदलू जमात के बीच दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान April 9, 2021
सहयोगी और गठबंधन धर्म…इसे कहते हैं , महागठबंधन से सीखे भाजपा-आजसू! April 7, 2021
बंगाल में बीजेपी सत्ता नहीं आयी तो देश की नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह April 7, 2021
Next
Prev
Search
आन्दोलन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के आन्दोलन का परिणाम है अलग झारखंड

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on telegram
Share on whatsapp

झारखंड मुक्ति मोर्चा के शंघर्ष से भरे आन्दोलन का परिणाम है अलग झारखंड

शिबू सौरेन ने बिनोद बाबू के निधन के तुरंत बाद ही 27-28 जनवरी 1992 को धनबाद सराइढेला में रखे झामुमो केन्द्रीय समिति बैठक में, यह तय हुआ कि राँची मोराबादी मैदान से 15 मार्च को एक विशाल रैली निकाली जायेगी जिसका नाम शहीद रैली होगा। उस बैठक में यह तय हुआ कि सभी सदस्य अपने क्षेत्र के महान शहीदों के नाम की ज्योती, मशाल व बैनर लेकर पहुँचेंगे। मोराबादी मैदान में यह शहीद ज्योती जलाई जायेगी और यह ज्योती तब तक जलती रहेगी, जबतक झारखंड राज्य अलग नहीं हो जाता।

उस बैठक में यह भी फैसला लिया गया था कि दिनांक 21 मार्च को सम्पूर्ण झारखंड बन्द रहेगा और दिनांक 22 मार्च से 3 अप्रेल कुल तेरह दिन झारखंड में आर्थिक नाकेबन्दी रहेगी। इस आर्थिक नाकेबन्दी के तहत इस राज्य के खनिज पदार्थ, लकड़ी, सीमेंट आदि तमाम वस्तुओं को झारखण्ड से बाहर ले जाने पर रोक होगी। जो भी वार्त्ता होगी, दिल्ली में नहीं बल्कि झारखंड की धरती पर होगी। 15 मार्च को राँची के मोराबादी मैदान में ऐतिहासिक भीड़ जुटी, शहीद ज्योती जलाई गई। 21 मार्च से बंदी शुरू हुआ। झारखण्ड के आन्दोलन के इतिहास में ऐसा आन्दोलन अब तक नहीं हुआ था। सारे खनिज पदार्थो की नाकेबन्दी कर दी गई थी। ट्रकों का आवागमन, रेल गाड़ियां, खासकर मालगाड़ियों का चलना बन्द करा दिया गया। पूरे झारखंड के खदानों से खनिज की ढुलाई बंद हो गई, बालू, लकड़ी, सीमेंट तक की ढुलाई बंद रही। कोयला ढुलाई तो संपूर्ण रूप से बाधित रही। एक विचित्र सन्नाटा छा गया था झारखण्ड में।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस आन्दोलन में झारखंड की जनता के साथ- साथ अन्य दलों नें इसका समर्थन किया। इस दौरान हजारों कार्यकर्त्ताओं ने गिरफ्तारी दी। कई जगहों पर तोड़-फोड़, बमबाजी की घटनाएँ भी हुई। लाठीचार्ज हुए। पर यह आन्दोलन रूका नही और इसने एक जन आन्दोलन का रूप ले लिया। मसलन, इन गलियारों से हमारे लिए हमारे दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड निकाल कर लाये हैं, ऐसे ही इन्हें युग पुरुष नहीं कहा जाता है। जिस लडाई को इन्होंने छेड़ा था उसे मुकाम तक पहुँचाया इसलिए जब फासीवादी पूछते हैं कि इन्होंने क्या किया तो एक झारखंडी कलमकार को बहुत दुःख होता है।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on telegram
Share on whatsapp

Leave a Reply Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मधुपुर उपचुनाव:

मधुपुर उपचुनाव: भाजपा की नफरत की राजनीति का जवाब झामुमो विकास की राजनीति से देती

दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान

मधुपुर उपचुनाव : दलबदलू जमात के बीच दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान

सहयोगी और गठबंधन धर्म

सहयोगी और गठबंधन धर्म…इसे कहते हैं , महागठबंधन से सीखे भाजपा-आजसू!

नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह

बंगाल में बीजेपी सत्ता नहीं आयी तो देश की नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह

जेपीएससी नियमावली । खनन नहीं पर्यटन । खेल नीति ।

जेपीएससी नियमावली । खनन नहीं पर्यटन । खेल नीति । पहली बार कई काम महज 1 बरस में

पुरुषोत्तम राम

भाजपा रामराज में पुरुषोत्तम राम और सीता मैया की सेवा करते अनुज भारत

Previous Post

जेपी पटेल ने अपने पिता स्व. टेकलाल महतो से किया वादा तोड़ दिया  

Next Post

सरकार बहादुर के पास रोजगार के आँकड़े तक नहीं जबकि देश के युवा बेरोजगार हैं!

बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

भाजपा के बाबूलाल मरांडी का ट्वीट भी ब्लैकमेल व धमकी का ही एक रूप

खेल और खिलाड़ियों

भाजपा शासन में झारखंड में खेल और खिलाड़ियों को मिली सिर्फ बार्बादी

झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन

झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन की मौजूदगी जरूरी क्यों? भाग-1

बाबूलाल जी का स्वार्थी महत्वाकांक्षा

बाबूलाल का स्वार्थी महत्वाकांक्षा झारखण्डी जनता के लिए घातक

नक्सली सरेंडर अपील के मायने

होली की बधाई के बीच झारखंड में नक्सली सरेंडर अपील के मायने

Copyright 2021 - Jharkhandkhabar