आगामी 2019 चुनाव : आगामी 2019 चुनाव को लेकर सत्ता के गलियारों में मची हलचल साफ़ दर्शा रही है कि जनता के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का दृढ निश्चय कर लिया है। देश और भाजपा शासित राज्यों की वर्तमान स्थिति इनके झूठे विकास के वादों की पोल खोलती है, इनके शासन में बेरोजगारी, बदहाल शिक्षा व्यवस्था, धर्म के नाम पर हिंसा, मोब लीन्चिंग, बेपटरी सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था जैसे तमाम उपलब्धियों से देश और देशवासियों की हालत बद से बदतर हो चुकी है।
ऐसी दर्दनाक स्थिति से निजात पाने के लिए देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ एकजुट होकर भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देने को कटिबद्ध हो चुके हैं। इसी महत्वपूर्ण मिशन का पहल करते हुए उत्तर प्रदेश की भूतपूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ने झारखंड के सबसे मजबूत राजनीतिक दल झामुमो से कन्धा मिलाकर अपना खुला समर्थन जाहिर किया है।
गौर करने वाली बात है कि एक ओर झारखंड की कुछ और पार्टियाँ सत्ता सुख के मोह में बिखरकर विपक्षी एकता को खोखला कर रहे है, ऐसे में बसपा और तृणमूल कांग्रेस जैसी मजबूत पार्टियों द्वारा किया गया गठबंधन युवा प्रतिपक्ष नेता हेमंत सोरेन और उनके नेतृत्व में अग्रसर झामुमो की सख्सियत बयान करती है। आगामी 2019 चुनाव के झामुमो, बसपा और TMC (तृणमूल कांग्रेस) के गठबंधन ने फिलहाल राजनीतिक खेमे में हड़कम्प मचाकर, झारखंड में होने जा रहे क्रन्तिकारी बदलाव के आसार को और भी प्रबल बना दिया है।
बहरहाल ये कहा जाना बिलकुल अनुचित नहीं होगा इस गठबंधन की तिकड़ी ( वझामुमो, बसपा और TMC ) ने न केवल राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार के चुनाव की राह कठिन कर दी है बल्कि झारखंड के अन्य मदारी दलों का मनोबल कमजोर कर झामुमो की प्रबल दावेदारी को और भी बुलंद कर दिया है। झारखंड के राजनीति की इस बदलती हवा से यहाँ की जनता को भी किसी युगांतकारी बदलाव की उम्मीदें दिख रही हैं।