झारखण्ड : युवाओं में संसदीय क्षमता का विकास व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने की दिशा में युवा सीएम का सराहनीय प्रयास 

युवा सीएम के प्रयासों से झारखण्ड में पहली बार संसदीय क्षमता के मद्देनजर, युवाओं को मिला ‘विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की प्रक्टिकल जानकारी’, खुल रहा है राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का द्वार…

विधानसभा में पहली बार आयोजित हुआ “झारखण्ड छात्र संसद”, विदेशों में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के साथ सिविल सेवा में जाने के लिए युवाओं कोहेमन्त  सरकार दे रही कई मौके 

रांची : झारखण्ड के युवा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भविष्य की पीढ़ी के मद्देनजर, राज्य के युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए कई संभव व यूनिक कदम उठा रहे हैं. वे झारखण्ड के छात्र-छात्राओं और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने में विश्वास तो रखते ही हैं. वे दिल्ली इच्छा है कि झाऱखण्ड के युवाओं में संसदीय ज्ञान व क्षमता का भी विकसित हो, ताकि वे राजनीति के क्षेत्र भी देशभर में राज्य के युवा अपना नाम दर्ज करा सके. 

नतीजतन, बीते तीन-चार माह के उनके अथक प्रयास से, राज्य गठन के बाद झारखण्ड के विधानसभा में पहली बार छात्र संसद का आयोजन किया गया. छात्र संसद का आयोजन कर सीएम ने भविष्य की राजनीति में झारखण्ड के युवाओं को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया. इसी तरह  सीएम हेमन्त सोरेन ने विदेशों में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के लिए, सिविल सेवा की तैयारी कर छात्र-छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग के साथ आर्थिक मदद देने मुहैया कराने का भी फैसला लिया है. 

पहली बार राज्य के युवाओं को विधायी प्रक्रियाओं को समझने का मिला अवसर

30 अक्टूबर, 2021, आयोजित प्रथम झारखण्ड छात्र संसद-2021 के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा – पहली बार राज्य के युवाओं को विधायी प्रक्रियाओं को समझने का अवसर मिला है जिससे उनमें संसदीय क्षमताका विकास होगा. विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की बेहतर जानकारी होना सभी के लिए महत्वपूर्ण है. चाहे वह राजनीतिज्ञ, शिक्षक या सामान्य व्यक्ति ही क्यों न हो. मजबूत समाज तथा मजबूत देश वही होता है जहां राजनीतिक, सामाजिक और संसदीय चेतनाएं व्यापक होती हैं. सीएम ने युवाओं पर भरोसा जता कहा था कि उन्हें विश्वास है कि आप अपने आस-पास के क्षेत्र में लोगों के अपने अनुभव को साथ साझा करेंगे.

गुणवत्तापूर्ण और बेहतर शिक्षा दिलाने में विश्वास रखते हैं युवा मुख्यमंत्री.

राज्य के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण और बेहतर शिक्षा दिलाने में विश्वास करने वाले युवा मुख्यमंत्री ने इनके लिए उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का द्वार खोला ही. साथ ही सिविल सेवा परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग और इसकी तैयारी के लिए आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की. इन कार्यों के लिए सीएम ने कुछ विशेष फैसले किये हैं. 

एसटी-एससी के लिए विदेशों में उच्च शिक्षा मिलना हुआ आसान

विदेशों में उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सीएम हेमन्त सोरेन ने “मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना” की शुरूआत कर दी है. योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के 10 बच्चों को यूनाइटेड किंगडम के चयनित संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कॉलरशिप दिया जा रहा है. हाल में 10 में 6 बच्चों को चयन कर उसे स्कॉलरशिप के साथ यूनाइटेड किंगडम भेजने की पहल हुई हैं. जल्द ही अन्य 4 बच्चों को भी भेजा जाएगा. 

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग

राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क पढ़ाई के लिए कोचिंग व्यवस्था शुरू की गयी है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के सभी जिला प्रशासन को ऐसा करने का निर्देश दिया है. निर्देश के बाद लातेहार ऐसा पहला जिला बन गया गया है, जिसने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे युवकों के लिए इंटीग्रेटेड कोचिंग कार्यक्रम उपलब्ध कराया है. कोडरमा में भी इस तरह का कोचिंग कार्यक्रम शुरू करने की योजना पर कार्य चल रहा है. इंटीग्रेटेड कोचिंग कार्यक्रम के तहत 100 से 130 युवाओं को सिविल सेवा परीक्षाएं की तैयारी करवाने के लिए निःशुल्क कोचिंग सेवा दी जा रही हैं. 

यूपीएससी पीटी परीक्षा पास करने पर 1 लाख की आर्थिक मदद, ताकि मुख्य परीक्षा में न आये बाधा

इसी तरह हेमन्त सोरेन सरकार ने प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (सिविल सेवा परीक्षा) की प्रारंभिक परीक्षा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सफल छात्रों को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है. ताकि ऐसे सफल छात्र-छात्राओं को पीटी के बाद मुख्य परीक्षा देने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े.

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