यूनिसेफ इंडिया के मंच से हेमंत सोरेन की टीकाकरण अपील को सराहना, उनपर जनता के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है

अफवाहों पर विराम लगाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्वयं आगे बढ़कर लगवाया टीका, स्थानीय भाषाओं में भी विज्ञापन दे कर भी कर रहे हैं अपील 

यूनिसेफ इंडिया के मंच पर हेमंत सोरेन की टीकाकरण अपील को सराहना, उनकी बढ़ती लोकप्रियता पर भी लगाती है मुहर 

रांची : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के मारक क्षमता को देखते हुए टीकाकरण महत्वपूर्ण हो चला है. झारखंड के मुख्यमंत्री का टीकाकरण पर जोर देना दर्शाता है कि वह जल्द राज्य को कोरोना महामारी से मुक्त कराना चाहते हैं. और वह मानते हैं कि इसके लिए यह जरूरी है कि ज्यादा संख्या में झारखंडी जनता को टीका लगे. चूँकि मोदी सत्ता पर से इन दिनों लोगों का विश्वास डिगा है. मसलन, टीकाकरण को लेकर लोगों में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां-अफवाहें घर चुकी है। नतीजतन, लोगों में टीकाकरण को लेकर संकोच की स्थिति बनी हुई है. मसलन, अफवाहों पर विराम लगाने के मद्देनजर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद पर आजमाते हुए स्वयं आगे बढ़कर टीका लगाया और एक मिसाल पेश की. 

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य के लोगों पर संकट आने से पहले उस संकट को हेमंत रूपी दीवार को पार करना होगा. बहरहाल, मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने महज चंद दिनों पहले टीकाकरण करवाया. और विक्ट्री का संकेत दे लोगों को निश्चित हो टीका लगवाने की अपील की। जो एक मुखिया के मायने की स्पष्ट व्याख्या हो सकती है. और यदि यूनिसेफ इंडिया अपने ट्विटर हैंडल पर उनकी अपील जगह दे. तो मुख्यमंत्री के ईमानदार पहल की महत्ता को आंकी जा सकती है. और एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के मंच पर सीएम की अपील को जगह मिलना, राज्य के लोगों के प्रति उनकी निष्ठा को भी प्रदर्शित कर सकता है. 

मसलन, मौजूदा दौर में, झारखंड में हेमंत सोरेन वह संज्ञा बन कर उभरे हैं जिस पर राज्य के सभी वर्ग की जनता का लोकतांत्रिक विश्वास कायम हुआ है. और मुख्यमंत्री को यह विरासत में नहीं मिली है. उन्होंने अथक प्रयास से इसे कमाया है. जनता उनके फैसलों पर विश्वास करती है. क्योंकि जनपक्ष में कोई कदम उठाने से पहले वह मामले को स्वयं परखने पर विश्वास रखते है. टीकाकरण के मामले भी ऐसा ही हुआ है. जिससे लोग अब अफवाहों ध्यान न दे टीकाकरण को आगे आ रहे हैं. ज्ञात हो, मुख्यमंत्री लोगों तक अपनी अपील को स्थानीय भाषाओं में विज्ञापन छपवा कर भी पहुँचाने से नहीं चूक रहे हैं.  

स्वंय लिया टीका और कहा, सुरक्षित और असरदार है, खुद भी लगाए और दूसरों को भी प्रेरित करें

कोविड-19 का पहला टीका लेने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से कहा कि कोरोना का यह टीका सुरक्षित औऱ असरदार है। यह कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सुरक्षा कवच का काम करता है। उन्होंने जनता से अपील भी की, कि लोग कोविड-19 का टीका जरूर लगवाएं. औऱ दूसरों को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें। ज्ञात हो उन्होंने 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों का नि:शुल्क टीकाकरण कराने का भी निर्णय़ लिया है। 

हेमंत की अपील को यूनिसेफ इंडिया ने सोशल मीडिया के अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल में दी जगह

मुख्यमंत्री के टीकाकरण के ईमानदार प्रयास को यूनिसेफ इंडिया ने आगे बढ़कर सराहा है. उसने सोशल मीडिया के अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बकायदा प्रमुखता के से जगह भी दी है. यूनिसेफ इंडिया ने ट्वीट में लिखा, “झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता से #COVID-19 वैक्सीन लेने की अपील की। “यह सुरक्षित है। मैं आज वैक्सीन लेकर इस अभियान का हिस्सा बना हूं। बहुत जल्द 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा सकता है। मैं आपको वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूं”। यूनिसेफ के मंच से हेमंत सोरेन की अपील उनकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए काफी है। 

अफवाहों पर विराम लगाने के लिए स्थानीय भाषा में भी जारी हुए हैं अपील के विज्ञापन

टीकाकरण के अफवाहों पर विराम लगाने के लिए हेमंत सरकार ने स्थानीय भाषा में विज्ञापन का भी सहारा लिया है. लोगों में जागरूकता लाने के लिए सरकार ने संथाली, कुरुख, खड़िया, मुंडारी सहित कई स्थानीय भाषाओं में विज्ञापन प्रसारित किया है. विज्ञापन में मुख्यमंत्री ने जनता को सन्देश दिया है कि बढ़ते संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दिन रात काम कर रही है. कोरोना वायरस टीकाकरण एक संजीवनी की तरह है. देश विदेश में करोड़ों लोगों ने अब तक टीका लगवाया कर खुद को सुरक्षित किया है। झारखंड में भी टीकाकरण अभियान पूरी गति पर है। ऐसे में लोगों से अपील है कि वे भी कोरोना महामारी को मात देने में सरकार की मदद करें. और टीकाकरण करवा अभियान का हिस्सा बने।

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