संथाल तक ही सीमित रहने के मिथक को हेमन्त ने तोड़ दिया – औद्योगिक विकास और सरकारी योजनाएं पहुंची कोल्हान 

आदित्यपुर को औद्योगिक क्षेत्र का इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने, सूर्याबेड़ा गांव की तस्वीर बदलने और चाईबासा में रेलवे ओवरब्रिज सहित कई योजनाओं की सौगात लेकर कोल्हान पहुंच चुकी है हेमन्त सरकार 

रांची. झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगता रहा है कि सत्ता पर काबिज होने के लिए पार्टी का मुख्य जोर आदिवासी बहुल संथाल परगना इलाके पर ज्यादा होता है. और राज्य के अन्य प्रमंडलों को नजरअंदाज किया जाता है. लेकिन यह एक मिथक भर ही है, जिसे वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के ईमानदार मंशे ने तोड़ दिया है. उनके नेतृत्व में पहली बार हो जनजाति बहुल कोल्हान प्रमंडल जैसे तमाम प्रमंडलों में विकास की गाथा एक सामान लिखा जा रहा हैं. 

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री सोरेन न सिर्फ कोल्हान प्रमंडल को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने को लेकर लगातार प्रयासरत हैंं बल्कि वे क्षेत्र के सुदूर इलाकों तक सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचा रहे हैं. हेमन्त सरकार, प्रमंडल के अंतर्गत सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर में औद्योगिक क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में बड़ा काम कर कर ही रही है. पहली बार क्षेत्र के सूर्याबेड़ा और चाईबासा के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नसीब हो पा रहा हैं.

पूर्वी भारत में सबसे बड़ा निवेश का गेटवे बनेगा आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र.

दिसम्बर 2020 को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आदित्यपुर औद्यौगिक क्षेत्र को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में कलस्टर निर्मित आधारभूत संरचनाओं का उद्घाटन किया. सीएम के मुताबिक यह कलस्टर पूर्वी भारत में निवेश का सबसे बड़ा गेटवे तो साबित होगा ही, साथ ही खनिज के क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर चुके झारखंड को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी पहचान दिलाएगा. बता दें कि यह इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर एक विशेष औद्योगिक पार्क है. 

कोल्हान के लगभग 45000 लोगों को मिलेगा रोजगार और झारखंड में हो सकेगा 500 करोड़ का निवेश 

करीब 186 करोड़ लागत वाली इस परियोजना में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 82 एकड़ भूमि पर क्लस्टर का निर्माण हो रहा है. क्लस्टर में फ्लैटेड फस्ट्रोर, टेस्टिंग सेंटर, ट्रेड पवेलियन, ट्रक पार्किंंग, वेयर हाउस, स्कूल, शॉपिंग मॉल, हेल्थ सेंटर, हॉस्टल, रेस्टोरेंट, रोड, नाली, स्ट्रीट लाइट समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी. जब सभी उद्यमियों द्वारा यहां पर ईकाइयों को स्थापित कर दिया जाएगा, तो कोल्हान क्षेत्र में लगभग 20,000 प्रत्यक्ष एवं लगभग 25,000 अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हो सकेगा. और झारखंड में करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित होगा. 

आजादी के सात दशक बाद पहली बार सूर्याबेड़ा गांव तक हेमन्त ने पहुंचाया योजनाओं का लाभ 

हेमन्त सोरेन के प्रयासों से कोल्हान के मुसाबनी प्रखंड तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा गया हैं. ज्ञात हो, यह कदम आजादी के सात दशक के बाद उठ सका है. दरअसल, इस गांव में 52 परिवार लंबी अवधि से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित थे. जानकारी मिलते ही हेमन्त ने पूर्वी सिंहभूम डीसी को इस बाबत आवश्यक निर्देश दिया था. सीएम के निर्देश पर ही बीते 16 दिसंबर 2020 को डीसी ने सूर्याबेड़ा गांव में जनता दरबार लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू हुए थे. 

  • ग्रामीणों को प्रतिदिन 30 मानव दिवस का सृजन करते हुए मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध कराना. रोजगार के लिए सभी ग्रामीणों का मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाया गया है, ताकि सभी को अपनी पंचायत एवं गांव में ही रोजगार मिल सके. 
  • सिंचाई कूप, चापाकल, विधायक निधि से 1500 फीट पीसीसी पथ का निर्माण पूरा. 
  • 500 फीट का पीसीसी पथ भी 15वें वित्त आयोग से मिली स्वीकृति. 
  • मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण का भी लाभ. 
  • पेयजल की समस्या को देखते हुए डीप बोरिंग, चापाकल एवं सिंचाई कूप का हो रहा निर्माण.
  • दीदीबाड़ी योजना के अन्तर्गत उक्त गांव में सब्जी की खेती भी कराई जा रही है. 
  • करीब 60 फीसदी बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराते हुए उच्च शिक्षा से जोड़ा गया है. 

कोल्हान के विकास के लिए खनन नीति पर सुधार का हेमन्त का जोर

गुरूवार को कई योजनाओं के शिलान्यास के सिलसिले में सीएम हेमन्त सोरेन चाईबासा पहुंचे. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा से भरपूर कोल्हान क्षेत्र का विकास इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि पूर्व की खनन नीतियों में दोष था. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार का लाभ नहीं मिल सका. लेकिन उनकी सरकार नीति पर नये सिरे से अध्ययन कर रही हैं ताकि खनिज से यहां के लोगों को लाभ मिले. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कोल्हान के लोगों को कई योजनाओं की सौगात भी दी. 

  • पश्चिमी सिंहभूम के 15,600 किसानों का ऋण माफ किया जाएगा. इसके लिए लगभग 65 करोड़ राशि की गयी हैं निर्धारित.
  • पश्चिमी सिंहभूम के बंद पड़े माइंस को भी खोला जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है.
  • 250 करोड़ की लागत से चाईबासा बाईपास भी जल्द बनेगा. यह परियोजना केंद्र सरकार की ओर से होगी. हेमन्त ने कहा कि झारखंड ओड़िशा को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण भी जल्द किया जाएगा. जिसमें हल्दिया एक्सप्रेस नाम से सड़क तैयार होगा.
  • पश्चिमी सिंहभूम में स्टील उद्योग का भी निर्माण जल्द होगा. सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को बचाते हुए जल्द ही नए कारखाने खोले जाएंगे.
  • जर्जर सड़कों को किया जाएगा ठीक, चाईबासा का होगा सौंदर्यीकरण.

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