रांची. झारखंड सरकार एक लोक कल्याणकारी राज्य की भूमिका निभाते हुए सभी लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है. गरीबी रेखा की बाध्यता से राज्य के लाखों जरूरतमंद लोग इस सुरक्षा कवच से वंचित रह गए थे. नियमों की वजह से उन्हें लाभ देना मुश्किल हो रहा था. यह बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी पंचायत के प्रतिनिधियों व जनप्रतिनिधियों को लिखे गए संदेश पत्र में कहीं है.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत जरूरतमंदों को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत की है और इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की उम्र से अधिक के वृद्धजन, 18 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की निराश्रित महिलाएं जिसमें विधवा एकल एवं परित्यक्ता तीनों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के दिव्यांगजन एवं एचआईवी एड्स से पीड़ित सभी लोगों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
अपने संदेश पत्र में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए अब राशन कार्ड या गरीबी रेखा के नीचे होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है, साथ ही पेंशन भुगतान के निमित्त 100 करोड़ रुपए की चक्रीय निधि का भी प्रावधान सुनिश्चित किया गया है. इस योजना के तहत प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक पेंशन की राशि सभी लाभुकों के खाते में पहुंचाई जाएगी.
राज्य में अब तक 5200 से अधिक शिविर आयोजित, शत-प्रतिशत निष्पादन करने का लक्ष्य
45 दिनों तक राज्य में चले आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं. उनका निष्पादन सुनिश्चित किया गया है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने संदेश पत्र के माध्यम से जानकारी दी है कि पूरे राज्य में अब तक 5200 से अधिक शिविर आयोजित किए गए, जिसमें अब तक 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत निष्पादन करने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है.
उन्होंने पत्र के माध्यम से सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वह अपने गांव, टोले, मोहल्ले के सभी सुयोग्य लाभुकों को लाभ दिलाने में भूमिका निभाएं एवं इस योजना को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.