हेमन्त सत्ता में ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रहा मजबूत -मछली उत्पादन में बढोतरी

झारखण्ड : हेमन्त सरकार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रहा है -मछली उत्पादन में फिर बढोतरी. अनाज लूट पर सरकार सख्त. राज्य के 50 पंचायतों को बनाया जाएगा मोडल.

रांची : सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृव में झारखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्थ लगातार मजबूती की दिशा में बढ़ रहा है. इसके लिए राज्य सरकार की कई योजनायें व नातियां धरातल पर सक्रीय है. जिसका फला-फल अब स्पष्ट तौर मछली पालन तक में भी दिखने भी लगा है. ज्ञात हो, जो झारखण्ड प्रदेश कल तक मछली खपत के मद्देनजर अन्य राज्यों पर आश्रित था, उस झारखण्ड में मछली उत्पादन के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

हेमन्त सत्ता में ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रहा मजबूत -मछली उत्पादन में बढोतरी

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भी राज्य में 23 हजार टन अधिक मछली का उत्पादन हुआ है. नतीजतन, राज्य में मछली के भाव में गिरावट आई है. और अब राज्य की अधिक संख्या मछली का सेवन कर पा रहे हैं. आंकड़ों की माने तो प्रति व्यक्ति मछली की उपलब्धता 10.61 किग्रा है. जो राष्ट्रीय औसत के 9 किग्रा से अधिक है. हेमन्त सरकार के कृषि क्षेत्र में आधुनिक पद्धति आपने व किसान समेत मत्स्य पालकों को नियमित प्रशिक्षण देने के फैसले के कारण या संभव हो रहा है.

राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर हेमन्त सरकार गंभीर

ज्ञात हो, हेमन्त सरकार में राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है. इसके तहत सरकार न केवल पीवीटीजी को घर तक अनाज का पैकेट मुफ्त पहुंचाती है, इसके संचालन की समीक्षा भी समय-समय पर करती रहती है. समीक्षा में पाया गया कि पूर्वी सिंहभूम में 1199, गिरिडीह में 2577, गुमला में 1938, हजारीबाग में 1014 और लोहरदगा जिले में 1045 राशनकार्ड को बिना कोई दस्तावेज के पीवीटीजी की श्रेणी में पंजीकृत कर दिया गया है.

राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कमजोर जनजातीय समूहों तक पहुँचने वाली अनाज की लूट के लिए आहार पोर्टल में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. पोर्टल से लाभुकों में कई गैर पीवीटीजी को भी पीवीटीजी के रूप में पंजीकृत करने का मामला सामने आया है. मामले प्रकाश में आते ही राज्य सरकार ने तत्काल गंभीरता दिखाई और साइबर अपराध के पहलु पर जांच के आदेश दिए. सीआईडी की साइबर शाखा ने सम्बंधित मामले में जांच प्रक्रिया आरम्भ कर दी है.

हेमन्त सरकार राज्य के 50 पंचायतों को बनाया जाएगा मोडल

सीएम सोरेन राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु सभी संभावनाओं पर कार्य कर रहे हैं. इस कड़ी में झारखण्ड के विधायक व सीएसओ फोरम के सदस्यों ने केरल का दौरा किया था. उन्होंने वहां की पंचायती राज व्यवस्था को नजदीक से समझा है. और उनकी कीला से बात भी हुई. मसलन हेमन्त सरकार के द्वारा झारखण्ड के 50 पंचायतों को मॉडल बनाने का फैसला लिया गया है. इसके लिए केरला इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (कीला) की मदद ली जायेगी.

इस सम्बन्ध में निशा उरांव, निदेशक, पंचायती राज के द्वारा बताया गया है कि पहले चरण में राज्य के 50 पंचायतों को मॉडल पंचायत के रूप में विकसित कर उसे आइएसओ प्रमाण पत्र दिलाने के लिए चिह्नित किया जा रहा है. इसमें वैसे पंचायतों को चुना जा रहा है, जहां के मुखिया या उनकी व्यवस्था बेहतर है. सीएसओ से भी सहयोग के लिए आग्रह किया गया है. दूसरे चरण में इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी. कीला से सहयोग लेने का कारण यह भी है कि केंद्र ने भी कीला को अधिकृत किया है.

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