कृषि को बढ़ावा देकर पलायन रोकने की दिशा में बढ़ी हेमन्त सरकार – किसानों ने अपनाया बहुफसलीय खेती

  • बहुफसलीय खेती की ओर अग्रसर राज्य के किसान
  • कृषि को बढ़ावा देने से राज्य में रुकेने लगा पलायन 
  • 50 हजार से अधिक किसान परिवार हुए लाभान्वित 

रांची : ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार करने के मद्देनजर, हेमन्त सरकार कृषि को लेकर ज़मीनी कार्य करती दिख रही है. जिससे राज्य के किसान बहुफसलीय खेती को आसानी से अपना रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बजट में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की, जिसका असर दिखने लगा है. जिसमे अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का सबसे अधिक योगदान रहा है. और झारखण्ड के किसानों के लिए लाभदायक साबित हुआ है. राज्य के किसानों को सिंचाई के क्षेत्र में सहयोग देने के लिए शुरू की गयी लिफ्ट सिंचाई प्रणाली, ऐसे किसानों को मदद कर रही है जो डीजल पंप, अन्य पारंपरिक संसाधन, बोरिंग सिस्टम आदि का खर्च नहीं उठा सकते. 

पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था को सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई से बदला गया 

झारखण्ड के सिमडेगा जैसे जिले में सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली लागू की गई है. जिससे जिले के हजारों किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान की जा रही है. इससे गरीब किसानों का जीवन बदला है. ज्ञात हो, पहले सिंचाई सुविधा कम होने के कारण राज्य में  किसान वर्ष में सिर्फ एक फसल ही पैदा कर पाते थे. लेकिन, सौर-आधारित सिंचाई सुविधा की मदद से अब वह बहुफसलीय खेती कर रहे हैं. पहले जहां किसान खेती के लिए मानसून की बाट जोहते थे. और एक खेती कर लेने के बाद आजीविका की तलाश में उन्हें अन्य राज्य पलायन करना पड़ता था. लेकिन, आधुनिक ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली की स्थापना से किसान बहुफसलीय खेती कर पा रहे है. जिससे राज्य में पलायन दर कम हुआ है और फसलों का उत्पादन बढ़ा हैं. 

50 हजार से अधिक परिवार योजना से हुए हैं लाभान्वित 

इस परियोजना की स्थापना राज्य सरकार की देखरेख में एटीएमए, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी द्वारा की गई है. और निगरानी भी इन्हीं के द्वारा की जा रही है. जो नवीनतम तकनीकों को अपनाने के साथ कृषि को बढ़ावा देती है. परियोजना पर काम अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ. सिर्फ सिमडेगा जिले में 105 से अधिक सौर-आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है.

ग्राम सभा से सिंचाई सुविधा का जाना हाल, फिर शुरू की परियोजना

लिफ्ट सिंचाई परियोजना

राज्य के किसान खेती के लिए मानसून के दौरान ही प्रमुख रूप से सक्रिय रहते थे. सरकार ने समस्या पर गहनता से विचार किया. राज्य भर के ग्राम सभाओं से बात की. जिससे स्पष्ट हुआ कि सिंचाई सुविधा की कमी के कारण किसान केवल धान की ही खेती कर पाते हैं. और अन्य फसलों के उत्पादन करने में खुद को असमर्थ पाते है, जिससे उनके पास पलायन ही एक रास्ता शेष बचता है. इसके बाद सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई परियोजना को घरातल पर उतारा गया. जिसके अक्स में किसान नयी प्रणाली की मदद से साल में दो-तीन फसलों की खेती करने सक्षम हुए. जिससे किसानों की आय में गुणात्मक वृद्धि हुई है. और राज्य का कोढ़, पलायन दर में कमी देखने को मिला.

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