बेलाम महंगाई में केवल हेमन्त सरकार में सभी वृद्ध व गरीब, नि:शक्त व निराश्रित – विधवा, एकल व परित्यक्त महिलाओं का हित सोचा गया. सभी वर्गों को यूनिवर्सल पेंशन योजना से जोड़ने की कावाद एक दूरदर्शी सोच व प्रसंशनीय कदम
राँची : देश में बढती महंगाई के बीच गरीब-मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित है. चूँकि महंगाई का जनक सरकार की नीतियां ही रही है. ऐसे में गरीब मध्यम वर्ग के सारे गुना-गणित, जोड़-घटाव की कमर टूट चुकी है. भयावह परिस्थिति में जब कमेरा खुद की व अपने परिवार के ही खर्चे उठाने में आसमर्थ हैं तो वृद्ध, विधवाओं व्का एकल महिलाओं का क्या हाल होगा, अंदाजा भर भी नहीं लगाया जा सकता. धार्मिक-सांस्कृतिक मोदी सरकार में इनकी जिन्दगी ही बेमानी हो चली है.
महंगाई नियंत्रण में विफल केन्द्रीय मोदी सरकार में न तो इन बदनसीब के बारे में अबतक सोचा गया है और ना ही इसके जीवन-यापन की दिशा में कोई सकारात्मक पहल हुई है. इन्हें केन्द्रीय मोदी सत्ता ने राम भरोसे छोड़ दिया हैं. ज्ञात हो, इस सन्दर्भ में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा देश भर में यूनिवर्सल पेंशन की मांग उठाई गई थी. चूँकि यह आवाज़ गैर भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उठा था, नतीजतन प्रस्ताव को केंद्र द्वारा अनसुना कर दिया गया.
केन्द्रीय सरकार और भाजपा शासित राज्य भले इसके दुष्परिणाम से अभिज्ञ हो या जान बुझ कर आंखे मूँद रखी हो, लेकिन झारखण्ड जैसे गैर भाजपा शासित राज्य में इस समस्या को गंभीरता से लिया जाना, किसी सरकार का मानवीय व लोकतांत्रिक चेहरा हो सकता है. ज्ञात हो, बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा पहली बार महँगाई से उत्पन्न समस्याओं पर स्पष्ट बोला गया था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत राज्य के सभी वृद्ध, विधवा व एकल महिलाओं को ऐसी विकट परिस्थिति में पेंशन देंगे.
सभी वृद्धजनों व गरीब, नि:शक्त और निराश्रित जिनमें विधवा, एकल व परित्यक्त महिलाओं को पेंशन का लाभ
नेक नीयत, मानवता व लोकत्रंत्र के संवैधानिक मूल्यों के अक्स में झारखण्ड सरकार की यूनिवर्सल पेंशन योजना वन नेशन वन प्लान की उस समझ को जनहित में आईना दिखाती है. सामाजिक सुरक्षा के तहत यूनिवर्सल पेंशन योजना को सरल बनाया जाना दर्शाता है कि जन हित में लिए जाने वाले फैसलों का रूप ऐसा ही हो सकता है. ज्ञात हो, यूनिवर्सल पेंशन योजना में एपीएल और बीपीएल कार्ड की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. इसके तहत अब 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों व गरीब, नि:शक्त और निराश्रित जिनमें विधवा, एकल व परित्यक्त महिलाओं को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा. साथ ही महीने की 5 तारीख को उनके बैंक खाता में यह राशि उन्हें प्राप्त होगा.
महंगाई में सभी वर्गों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ने की कावाद निश्चित रूप से एक दूरदर्शी सोच वह प्रसंशनीय कदम
राज्य के मध्यम और कमजोर वर्ग को महंगाई की ज्यादा मार न झेलना पड़ें, इसके लिए हेमन्त सरकार में यूर्सल पेंशननिव योजना जैसे कई कदम पहले ही उठा लिये गए हैं. इस विकट परिस्थिति में, झारखण्ड सरकार में सभी वर्गों के जरूरतमंद को यूनिवर्सल पेंशन योजना से जोड़ने की कवायद निश्चित रूप से एक दूरदर्शी सोच वह प्रसंशनीय कदम है. ज्ञात हो, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से इस पेंशन योजना का क्रियान्वयन हो रहा है. सीएम द्वारा स्वयं कहा जाना कि सभी वर्ग के जनता को राहत देने हेतु कार्य योजनायें बनायी जा रही हैं निश्चित रूप से एक लोकतांत्रिक सरकार की छवि उकेरती है.