मानव तस्करी पर हेमंत सरकार सख्त, एएचटीयू गठन का आदेश

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन से पहले 60 लड़कियों का करा चुकी हैं सरकार एयरलिफ्ट

राँची। भाजपा की 14 वर्षों के शासन के बावजूद झारखंड एक अत्यंत पिछड़ा राज्य है। गठन के समय से ही यह राज्य मानव तस्करी जैसे कोढ़ से ग्रसित है। गरीबी के कारण हजारों की संख्या में झारखंडी बच्चे विशेष कर लड़कियाँ मानव तस्करी का हिस्सा रही है। वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी झारखंड के अपने भाई-बहनों का यह दर्द कई मंचों से जाहिर कर चुके हैं। 

जाहिर है लंबे समय तक भाजपा के सत्ता रहने के बावजूद झारखंड का यह जख्म ठीक होने के बजाय इसका बिलबिलाया पस (मवाद) दर्शाता है कि भाजपा को इसके ख़ात्मे से कभी कोई मतलब नहीं रहा। सिवाय एक विदेशी लूटरे के भांति प्रदेश के संसाधन लूट से मतलब रखी रही। मसलन, राज्य की हेमंत सरकार मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाई है। ज्ञात हो कि 24 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को मंजूरी दे दिया गया है।

8 जिले में हैं कार्यरत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, हेमंत सरकार का 4 में गठन का आदेश

सीएम ने राज्य के लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद एएचटीयू का गठन संभव होगा। एएचटीयू अवैध मानव व्यापार की रोकथाम के लिए काम करेगा। मानव तस्करी के शिकार लोगों की रक्षा एवं उससे जुड़े मामलों की जाँच और अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार करेगा। 

बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत राज्य के सभी जिलों में एएचटीयू का गठन किया जाना है। राजधानी रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा तथा दुमका जिले में एएचटीयू थाने कार्यरत हैं। हेमंत सरकार उसे जिन्मेंदा करते हुए एनी शेष 12 जिलों में भी इसे खोलने की प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रही है।

 हेमंत सरकार 60 लड़कियों की करा चुकी हैं एयरलिफ्ट

मानव तस्करी को लेकर हेमंत सरकार संवेदनसील दिखती है। ज्ञात हो कि बीते जुलाई माह में हेमंत सरकार ने राज्य की कुल 60 बेटियों और दो बेटों को एयरलिफ्ट करा दिल्ली से झारखंड ला चुकी है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी सरकार ने पीड़ितों को एयरलिफ्ट करा बचाया है। 

प्लेसमेंट एजेंसियां गरीबी का फायदा उठा झारखंड की इन बच्चियों को दलालों द्वारा झांसा दे दिल्ली मंगवाया था। जहाँ दलालों ने महज चंद रुपयों में अपने ईमान का सौदा कर झारखंड की बेटियों को बेच दिया था। और ख़रीदार इन्हें आया बना घरेलू काम में झोंका रखा था। इनमें ज्यादातर बच्चियां साहिबगंज जिले की थी। झारखंड लौटने के बाद बेटियों ने अपने साथ हुए शारीरिक और मानसिक यातनाएं व इस गंदे खेल का पर्दाफास किया है।

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