झारखण्ड : कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं तथा कार्य प्रगति की हुई समीक्षा 

कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग समीक्षा : प्रखंडों में मेला आयोजित कर किसानों को केसीसी से जाएगा जोड़ा. किसान पाठशाला के जरिए मिलेगी बीज व अन्य कृषि सामग्री. खाद वितरकों की संख्या बढ़ेगी. ग्रामीण किसानों के उत्पादों को बाजार पहुंचाने हेतु होगी गुड्स ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था. ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में पशुपालकों को बनाया जा रहा सशक्त. कृषि विकास व किसान समृद्धि सरकार की प्राथमिकता. विभाग द्वारा नए सिंगल विंडो सिस्टम का हुआ ऑनलाइन उद्घाटन.

राँची : झारखण्ड में हेमन्त सरकार द्वारा ग्रामीण समेत राज्य की अर्थ्व्याथ के मजबूतीकरण में, राज्य की रीढ़ कृषि विकास व किसान समृद्धि को विशेष प्राथमिकता दिया गया है. इस कड़ी में कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई. समीक्षा बैठक में उपरोक्त उदेश्यों की पूर्ति में मुख्यमंत्री सोरेन द्वारा कई ठोस दिशा निर्देश दिए गए. किसान क्रेडिट कार्ड, पशुधन विकास योजना, बीज-खाद वितरण, कोल्ड स्टोरेज, लैम्प्स पैक्स, व्यापार मंडल और सहकारी समितियों के कार्य, जल स्रोतों के पुनरुद्धार जैसे आयामों से संबंधित योजनाओं एवं कार्य प्रगति विशेष मुख्यमंत्री का विशेष जोर रहा.

कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि राज्य के आर्थिक विकास के मद्देनजर कृषि बिकास और किसान समृद्धि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता व जिम्मेदारी है. सथी ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में किसान-पशुपालकों को सशक्त बनाना जरूरी है. किसान-पशुपालकों के सशक्तिकरण हेतु सरकार में कई योजनाएं चल रही है. अतः इन योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित किये जाने की दिशा में ठोस प्रयास हो..  

प्रखंडों में केसीसी मेले का होगा आयोजन व किसान पाठशाला का होगा बेहतर संचालन 

मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के सभी प्रखंडों में केसीसी मेला आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से जोड़ लाभ देने का निर्देश दिया गया. बैंकों के द्वारा प्रतिदिन जारी केसीसी की मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज़्म बनाने को कहा गया है. मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29.38 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ने का लक्ष्य है. और राज्य के 17.76  लाख किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया जा चुका है.

मुख्यमंत्री द्वरा कहा गया कि राज्य के कृषि-किसान सशक्तिकरण में किसान पाठशाला एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका बेहतर संचालन होना चाहिए.  किसान पाठशाला के संचालन का जिम्मा प्रोग्रेसिव किसानों को देने की दिशा में कार्य योजना जल्द तैयार हो. किसान पाठशाला के जरिए किसानों को बीज व अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में पहल हो. वर्तमान में राज्य में 17 किसान पाठशाला खोले गए हैं और इस वित्तीय वर्ष में 50 किसान पाठशाला खोलने का लक्ष्य है.

पशु मित्र-चरवाहों को पशुओं के पालन का जिम्मा, हर हाल में रुकेगी खाद की कालाबाजारी

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना : ग्रामीण इलाकों में किसान-पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिए पशुधन का बहार इस्तेमाल हो इस दिशा में गांव में पशुओं के पालन का जिम्मा पशु मित्रों अथवा चरवाहों को देने के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया है. इन्हें प्रोत्साहन राशि दिया जायेगा और इसकी नियमित निगरानी होगी.

खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गंभीरता दिखाई गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को खाद की किल्लत न हो, इस दिशा पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए. किसानों को सुगमता से खाद उपलब्ध ही इस दिशा में व्यवस्था सुनिश्चित हो. खाद वितरण के लिए नए लाइसेंस जारी कर राज्य में खाद वितरकों की संख्या बढाने की दिशा में कार्य हो.

कृषि बाजार बनाने पर जोर – हाट बाजार के लिए गुड्स ट्रांसपोर्ट की होगी व्यवस्था 

कृषि उत्पादों के भंडारण की बजाय उसके बाजार में पहुंचाने की बेहतर व्यवस्था होगी. इस दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा कृषि बाजार बनाने पर जोर दिया गया. ताकि किसान अपने उत्पादों को आसानी से बाजार पहुंचा सकें. किसानों को उत्पाद का बेहतर मूल्य मिले, इस दिशा में भी ध्यानदिए जाने का निर्देश दिया गया. सरकार के द्वारा बनाए गए गोदाम का संचालन का जिम्मा मार्केटिंग फेडरेशन को सौंपने की दिशा में कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया.

ग्रामीण इलाकों में माल परिवहन की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से किसान अपने उत्पादों को सुगमता से बाजार नहीं ला पाते. इस दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों  को निर्देश दिया गया कि गुड्स ट्रांसपोर्ट की बेहतर व्यवस्था तैयार करें,  ताकि ग्रामीण इलाकों में हाट-बाजार के दिन किसान अपने उत्पादों को गुड्स ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सुगमता से ला सके.

जल स्रोतों होंगे विकसित – कोल्ड स्टोरेज का जल्द होंगे निर्माण व क्रियाशील. बीज उत्पादकों को मिलेगा प्रोत्साहन 

राज्य में बेहतर फसल उत्पादन के लिए जल स्रोतों की उचित व्यवस्था हो. इस दिशा में भी मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है. राज्य में सभी जल स्रोतों का जीर्णोद्धार होगा. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 1262 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसमें 686 का कार्य पूर्ण हो चुका है. डीप बोरिंग के 3729 में से 1038 का जीर्णोद्धार हो चुका है. 

ज्ञात हो राज्य में कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं. इस दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो. अधिकारियों द्वारा बताया कि राज्य में 5000 एमटी के 19 कोल्ड स्टोरेज में दो का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 30 एमटी के 139 और 5 एमटी के 57 कोल्ड स्टोरेज निर्माणाधीन हैं.

राज्य में बीज उत्पादकों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाने का निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया है. किसानों द्वारा उत्पादित बीज को सरकार खरीदेगी और किसानों के बीच वितरित करेगी. झारखंड सीड कॉरपोरेशन को क्रियाशील बनाने में बिज उत्पादकों को प्रत्साहन देने का निर्देश अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया है.

कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा नए सिंगल विंडो सिस्टम हुआ ऑनलाइन उदघाटन 

मुख्यमंत्री द्वारा कृषि विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम का ऑनलाइन उदघाटन किया गया. इस सिंगल विंडो से बीज, सहकारी समितियां, खाद और कीटनाशक से जुड़ी योजनाओं और तमाम कार्यों को ऑनलाइन जोड़ा गया है.

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