झारखण्ड : प्रवासी कामगारों के सुरक्षित प्रवासन हेतु गुमला में खुला सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन केंद्र. दुमका और पश्चिमी सिंहभूम में जल्द स्थापित होगा केंद्र. आकांक्षा से निःशुल्क मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं छात्र…
झारखण्ड : राज्य में रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर श्रमिकों का पलायन अन्य राज्यों में होता है. विडंबना है कि 21 वर्षों में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा व जवाबदेह पलायन में कोई ठोस नीति नहीं बनाया जा सकी. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कार्यकाल में दिसंबर 2021 में इस दिशा में सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव (एसआरएमआइ) के रूप में सराहनीय पहल हुआ है. कुछ ऐसी ही स्थिति राज्य के गरीब युवा छात्रों की भी रही है. उन्हें भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों के लिए अन्य राज्यों के तरफ रुख करना पड़ा है.
मसलन, हेमन्त सरकार में राज्य के गरीब प्रवासी कामगार, प्रतियोगिताओं की तैयारी करने वाले युवाओं-छात्रों के उज्जवल भविष्य व सुविधा के लिए कई संवेदनशील कदम उठाये गए हैं और कई कदम निरंतर उठाये जा रहे. इस कड़ी में, प्रवासी कामगारों के सुरक्षित प्रवासन हेतु गुमला से सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन केंद्र की शरुआत हुई है. तो दूसरी तरफ युवाओं के लिए आकांक्षा योजना के तहत इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतु मुफ्त आवासीय कोचिंग, अध्ययन सामग्री और सीखने के अनुकूल माहौल प्रदान करने का सराहनीय प्रयास भी हुआ है.
प्रवासी कामगारों के सुरक्षित प्रवासन के लिए सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव
झारखण्ड राज्य के प्रवासी श्रमिकों-कामगारों के सुरक्षित प्रवासन की दिशा में हेमन्त सरकार द्वारा सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन के रूप में जिम्मेदार इनिशिएटिव लिया गया है. ज्ञात हो सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन केंद्र का शुरुआत गुमला से हुआ है. दुमका और पश्चिमी सिंहभूम में एसआरएमआइ केंद्र की स्थापना जल्द होगी. तथा अन्य जिलों में भी इसका विस्तार होगा. यह केंद्र जिला श्रम एवं रोजगार कार्यालय के तत्वावधान में जिला स्तरीय सहायता प्रकोष्ठ के रूप में तथा जिला श्रम एवं रोजगार अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करेगा.
इस केंद्र के माध्यम से गुमला के अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों और उनके परिवारों की पहचान कर उसे सामाजिक सुरक्षा से जोड़ा जा सकेगा. यह मानवीय कार्य जिला उपायुक्त तथा अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर अंजाम तक पहुंचाया जायेगा. श्रमिकों-कामगारों के पंजीकरण भी सुविधा केंद्र में ही हो पायेगा. पंजीकरण की उदेश्य पूर्ति की दशा में समय-समय पर शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा.
क्या है एसआरएमआइ और झारखण्ड में यह कैसे कार्य करेगा?
वर्तमान में एसआरएमआइ पायलट प्रोजेक्ट के तहत दुमका, पश्चिमी सिंहभूम तथा गुमला के श्रमिकों के पलायन को ध्यान में रखकर नीति बनायी गयी है. इन तीन जिलों से दिल्ली, लेह-लद्दाख व केरल से रोजगार के लिए गये प्रवासी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार हो रहा है. सम्बंधित राज्यों से समन्वय स्थापित कर प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक, आर्थिक और कानूनी मदद प्रदान दी जायेगी.
- संस्थागत नीति और परिचालन ढांचे के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा.
- योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण, उनके डेटाबेस की निगरानी और विश्लेषण के आधार पर जिला स्तर पर व्यवस्थित योजना तैयार किया जाएगा ताकि, राज्यस्तरीय रोजगार योजना से जोड़कर उन्हें सक्षम बनाया जा सके.
- सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन प्रथाओं के आसपास जन जागरूकता अभियान /कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों को जागृत किया जाएगा.
- श्रमिकों के लिए शिकायत निवारण सहायता केंद्र के रूप में यह कार्य करेगा.
- जिले में प्रवास सर्वेक्षण कराना एवं श्रमिकों के प्रवास के पैमाने और प्रवृत्ति को समझना.
क्या है आकांक्षा योजना? कैसे निःशुल्क मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं बच्चे?
हेमन्त सरकार में संचालित आकांक्षा योजना के तहत राज्य के कक्षा 11वीं और 12वीं के बच्चे हायर सेकेण्ड्री की पढाई जारी रखते हुए, मेडिकल व इंजीनियरिंग की निःशुल्क कोचिंग प्राप्त कर सकते हैं. सरकार के इस प्रयास के प्रतिफल में 2021 में आकांक्षा से कोचिंग प्राप्त कर जेईई एडवांस में 4 स्टूडेंट्स का सेलेक्शन. एक स्टूडेंट का सेलेक्शन आईआईआईटी में, एक का सेलेक्शन बीआईटी में और एक स्टूडेंट का सेलेक्शन एम्स जैसे संस्थान में हुआ है. सरकार के इस योजना के तहत अबतक 269 स्टूडेंट ने इंजीनियरिंग, 280 स्टूडेंट्स ने मेडिकल की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग प्राप्त की है.
आकांक्षा योजना के तहत इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करेने वाले छात्रों को मुफ्त आवासीय कोचिंग, अध्ययन सामग्री और सीखने का अनुकूल माहौल प्रदान किया जाता है. आकांक्षा आवासीय कोचिंग में प्रवेश के लिए झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए चयन परीक्षा आयोजित होता है. और रांची स्थित आकांक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय चयन परीक्षा आयोजित होता है. रांची जिला स्कूल, रांची स्थित भवन में स्थित आकांक्षा केंद्र में उपलब्ध उत्कृष्ट फैकल्टी के माध्यम से कोचिंग प्रदान किया जाता है.
इस योजना के प्रारंभ में 40 छात्रों को इंजीनियरिंग बैच के लिए और 40 को मेडिकल के लिए चुना गया था. जो अब बढ़ कर मेडिकल के लिए 75 और इंजीनियरिंग के लिए 100 हो गया है. चयनित बच्चों को 11वीं और 12वीं कक्षा की शिक्षा के साथ-साथ कोचिंग भी प्रदान की जाती है. छात्रों को केंद्र में प्रतिस्पर्धा का माहौल, मुफ्त पाठ्यपुस्तक, मुफ्त आवास, कंप्यूटर शिक्षा और सर्वश्रेष्ठ कोचिंग सुविधा प्रदान की जाती है और प्रत्येक छात्र को टैब प्रदान किया गया है.
आकांक्षा योजना के तहत सरकार की भविष्य की योजन
इस योजना के तहत सत्कार का रातू स्थित डाइट परिसर में कक्षा आठवीं से दसवीं के 100 बच्चों को निःशुल्क आवासीय एनटीएसई एवं ओलिंपियाड की कोचिंग देने की योजना है. लॉ कॉलेज में नामांकन हेतु 11वीं के 50 और 12वीं 50 बच्चों को CLAT और एनडीए की कोचिंग देने की योजना है. इन सभी छात्रों को मुफ्त पाठ्यपुस्तक, मुफ्त आवास, कंप्यूटर शिक्षा और सर्वश्रेष्ठ कोचिंग सुविधा समेत अन्य सुविधा प्रदान की जायेगी.