झारखण्ड : किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये ऋण माफ़ – प्रतिदिन 906 किसान पा रहे लाभ

झारखण्ड : कोरोना काल जैसे विकट दौर में शुरू हुई कृषि ऋण माफ़ी योजना वर्तमान में कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूती करने जैसे उद्देश्य जा जुड़ा है. 1529.01 करोड़ रुपये ऋण माफ़ हुआ. प्रतिदिन 906 किसानों को मिल रहा है लाभ.

रांची : एक तरफ राज्य के किसान पर कोरोना महामारी की मार पड़ रही थी. तो दूसरी तरफ उन्हें ऋण चुकता न कर पाने का भय सत्ता रहा था. कुल मिला उनका जीवन त्रासदी की तरफ रफ़्तार से बढ़ रहा था. केंद्र के तीन काले क़ानून के अक्स में केंद्र से मदद की आस भी ख़त्म हो चली थी. ऐसे संकट भरे दौर में हेमन्त सरकार का सीमित संसाधनों के बीच राज्य के लाखों किसानों की कर्ज माफ़ी के मंशा के साथ आगे आना. किसानों के लिए नव जीवन ही माना जा सकता था. और लोकतंत्र की भी.

ज्ञात हो, हेमन्त सरकार का इस दिशा में शुरूआती दौर में बजट में कर्ज माफ़ी के लिए 2,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया. सरकार अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना की दिशा में बढ़ चली थी. सरकार शुरूआती दौर में 25,000 रुपए से कम ऋण लेने वाले किसानों के ऋण माफ़ी की दिशा में बढ़ी. उसके बाद 50,000 या अधिक ऋण लेने वालों की बारी आयी. झारखण्ड राज्य में लगभग 5 लाख किसान कर्ज में थे. झारखण्ड सरकार का कृषि ऋण माफ़ी योजना अल्पावधि कृषि ऋण धारक कृषकों को राहत देना एक मुहीम बन गया.

कृषि ऋण माफ़ी योजना कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने जैसे उद्देश्य जा जुड़ा है

योजना के तहत फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार हुआ. और धीरे-धीरे यह प्रयास नई फसल के लिए ऋण प्राप्ति सुनिश्चित करना, कृषक समुदाय के पलायन को रोकना और कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करना जैसे उद्देश्य के रूप में उभरा है. लक्ष्य का पीछा करते हुए सरकार 423 दिन पूर्ण हो गये हैं. और वर्तमान में सरकार प्रतिदिन 906 किसानों को योजना का लाभ दे रही है. प्रतिदिन 3.34 करोड़ रुपए का ऋण माफ़ हो रहा है.

ज्ञात हो, 31 मार्च 2022 तक 3,83,102 किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये के ऋण माफ़ किए गये हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,22,238 लोगों को योजना का लाभ दिया गया. इस वित्तीय वर्ष में कुल 494.96 करोड़ वितरित किये गए. वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के 2,60, 864 किसान योजना से लाभान्वित हुए. इस वित्तीय वर्ष में 1034.05 करोड़ रुपये का भुगतान शुरू किया गया है.

झारखण्ड के किसानों की उन्नति में किसान कॉल सेंटर बन रहा सहायक

राज्य की हेमन्त सराकर किसान कॉल सेंटर के माध्यम से भी किसानों के कृषि ऋण माफ़ी योजना सम्बंधित समस्या का समाधान कर रही है. गिरिडीह निवासी दिलीप कुमार भारती ने अपने नाम से कृषि ऋण माफी के लिए आवेदन किया था, इस संदर्भ में उन्होंने झारखण्ड सरकार की हेल्पलाइन सुर्वे शिकायत प्रबंधन प्रणाली (HSGMS) में, शिकायत संख्या – 2707 के तहत  शिकायत दर्ज की. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा गिरिडीह से संपर्क कर उनकी समस्या का समाधान सफलतापूर्वक हुआ. दिलीप की ही तरह जामताड़ा के शिवनारायण मुर्मू, पलामू के पंचम बिहारीलाल गुप्ता समेत अन्य किसानों का ऋण माफ़ी सम्बंधित समस्या का समाधान हुआ है.

झारखण्ड राज्य के किसानों को मिला रहा है योजना का लाभ

ऋण माफ़ी योजना के वे लाभुक हो सकते हैं, जो रैयत-किसान अपनी भूमि पर स्वयं कृषि करते है. गैर-रैयत-किसान, जो अन्य रैयतों की भूमि पर कृषि कार्य करते हैं उस किसान झारखंड राज्य का निवासी होना चाहिए. किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. किसान के पास वैध आधार नम्बर होना चाहिए. एक परिवार से एक ही फसल ऋण धारक सदस्य पात्र होंगे. आवेदक मान्य राशन कार्डघारक होने चाहिए. आवेदक किसान केडिट कार्डघारक होने चाहिए. आवेदक को अल्पविधि फसल ऋणधारक होना चाहिए. फसल ऋण झारखण्ड में स्थित अर्हताधारी बैंक से निर्गत होना चाहिए. आवेदक के पास मानक फसल ऋण खाता होना चाहिए.

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