केन्द्रीय उपकर्मों के दादा गिरी के बावजूद हेमंत सरकार कोविड सर्किट के रूप में जनता के साथ

केन्द्रीय उपकर्मों के दादा गिरी के बावजूद हेमंत सरकार कोविड सर्किट के रूप में दूसरी राह बना जनता के साथ खड़ी. इतिहास हेमंत सरकार को देगी शत प्रतिशत अंक

कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर झारखंड में ऑक्सीजन की कमी हो. मरीज के परिजन ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटके. सरकारी आंकड़ों में, राज्य में 40 फीसदी मौत ऑक्सीजन की कमी से हो. बावजूद इसके केन्द्रीय उपक्रम दादागिरी कर झारखंड के घरेलू जरूरतों को नजरअंदाज कर ऑक्सीजन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को भेजे. और इसी क्रम में ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन 46.34 टन जीवन रक्षक गैस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक भेजने की हकीकत का पर्दाफाश हो. तो केन्द्रीय दादागिरी की हकीकत को समझा जा सकता है. ऐसे में सवाल हो सकता है झारखंड के इस कसमसाहट को सरकार कैसे बयान करे. और भाजपा इकाई की राजनीति की कैसे व्याख्या हो. 

इस कसमसाहट को जनता जैसे चाहे वैसे महसूस कर सकती है. लेकिन हेमंत सरकार इस त्रासदीय दौर में रास्ते बंद किये जाने के बावजूद दूसरी राह बना जनता के मदद को आगे बढ़ रही हैं. भविष्य में इतिहास के पन्नों को टटोला जाएगा तो हेमंत सोरेन के पुरुषार्थ को शत प्रतिशत अंक मिलेंगे. केन्द्र ने रोड़ा अटकाया तो झारखंड सरकार कोविड सर्किट के माध्यम से जंग को आगे बढ़ा लिया. और  सरकार मरीजों को सुविधाएं देने के लिए नए रूप से तैयार हो कर सामने आयी. साथ ही डायन-बिसाही जैसे समस्याओं के निराकरण को भी कदम बढ़ा दिया है. पुलिस मुख्यालय हाइकोर्ट द्वारा निर्देश 14 बिंदुओं पर योजना तैयार कर आगे बढ़ चुकी है. 

कोविड सर्किट के  रूप में हेमंत सरकार फिर जनता के साथ

मसलन, कोविड सर्किट के तहत रांची व जमशेदपुर के अस्पतालों में मरीजों को अगर ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध नहीं होता है, तो उन्हें निकटतम जिले में यह सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. कोरोना मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने को लेकर सीएम जहाँ एक तरफ लगातार प्रयासरत हैं. वहीं राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर हो रही हत्या की रोकथाम के लिए भी यह सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस, सीआइडी और स्पेशल ब्रांच संयुक्त रूप से काम करेंगे.

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