हेमंत सत्ता में महज 24 घंटे में शुरू हुआ ऑक्सीजन का उत्पादन – भाजपा में दिखी खीज

24 घंटे में ऑक्सीजन का उत्पादन शरू होने हडबडाई भाजपा. दीपक प्रकाश का बयान मोदी सत्ता के विफलताओं के खीज भर है. त्रासदी के दौर में भाजपा मदद करने के बजाय फिर उतरी ओंछी राजनीति पर. मुख्यमंत्री ने सेना से मदद क्या मांग लिया भाजपा के लिए सिस्टम ही मर गया है. राज्य के डॉक्टर, कोरोना वारियर सभी अपना शत प्रतिशत दे रहे हैं. लेकिन तंत्र में काबिज संघ मानसिकता भाजपा के इशारे पर अपना योगदान नहीं दे रहे. और भाजपा उन्हीं के मदद से कर रही हैं गन्दी राजनीति.  

  • 23 जिलों में कुल 1824 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है
  • अलग से 300 ऑक्सीजन बेड बढ़ाये गये हैं.
  • 300 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

 

देश के भीतर मोदी सत्ता का सच इस रूप में उभरे. जहाँ प्रधान सेवक से लेकर गृह मंत्री मंत्री से लेकर तमाम तमाम पद व तंत्र चुनाव जीतने के खातिर खुद को झोंक दे. गैर भाजपा शासित प्रदेशों की केंद्रीय उपेक्षा के बावजूद भाजपा शासित राज्यों को नाकामी छुपाने के मद्देनजर शमशान की हकीकत पर्दा के तौर पर उभरे. तो उस मोदी सत्ता के हकीकत को समझने के लिए कोई रॉकेट साइंस आवश्यकता नहीं. उपलब्धियों को भुनाने की हड़बड़ी में उस सत्ता ने वैक्सीन प्रकरण में जितनी तीक्ष्णता दिखाई. वह तीक्ष्णता उसने वैक्सीन लग चुके लोगों को कोरनटाइन करने में नहीं दिखाई. नतीजतन कोरोना त्रासदी नयी वेब के हकीकत के रूप में वापस लौटी.

मोदी सत्ता में कभी मेडिकल क्षेत्र को मजबूती देने की इच्छाशक्ति नहीं दिखी

इतनी बड़ी माहमारी के दौर से इस देश को गुजरने के बावजूद मोदी सत्ता में कभी मेडिकल क्षेत्र को मजबूती देने की इच्छाशक्ति नहीं दिखी. अस्पतालों में ऑक्सीजन मुहैया हो इसके लिए एक अदद ऑक्सीजन प्लांट के बारे में भी उस सरकार ने कभी नहीं सोचा. गैर भाजपा शासित राज्य में, भाजपा इकाइयों ने केवल वहां की सत्ता द्वारा खड़ी की गयी इंफ्रास्ट्रक्चर को आईटी सेल के माध्यम से केंद्र की उपलब्धि बताती रही. 

मोदी सत्ता यदि कोरोना को लेकर गंभीर होती तो सिर्फ तीन बेतुके प्रोजेक्ट में पैसे न लगा देश के मेडिकल क्षेत्र लगाती 

पिछले 1 बरस में इस देश में लगातार मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस की जाती रही. उस वक्त भी मोदी सरकार केवल हाथ पर हाथ रखे बैठी रही. और देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपने चहेते कॉर्पोरेट मित्रों को कैसे सौपे, जुगत भिडाती रही. और कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे नियमों को ताक पर रखते हुए, चुनाव में खुद को झोंकती रही. उस सत्ता का एक दिलचस्प सच यह भी है. जहाँ उस सत्ता द्वारा सिर्फ तीन बेतुके प्रोजेक्ट में लगाए गए पैसे को देश के मेडिकल क्षेत्र में. जैसे मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने में खर्च किया जाता. तो आज की तारीख में इस देश के भीतर में जितने भी हॉस्पिटल है उसमें ऑक्सीजन की कमी नहीं होती.

झारखंड सरकार का त्रासदी से आत्मनिर्भर हो लड़ना देश भर में एक आईना

महामारी से निबटने के लिए केंद्र की उपेक्षा के बावजूद झारखंड सरकार का त्रासदी से आत्मनिर्भर हो लड़ना, देश भर में एक आईना हो सकता है. ज्ञात हो महज 24 घंटे में ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हो चुका है. भाजपा सत्ता के विसर्जन के उपरांत राज्य की हकीकत जांच लैब या मशीन उपलब्धता के मद्देनजर शून्य था. जबकि मौजूदा हेमंत सत्ता के दौर में 24 है. और बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इससे इनकार नहीं कि जांच की गति में गुणात्मक वृद्धि हुई है. सामान्य बेड संख्या 9707 हो चुकी है. ऑक्सीजन सपोर्ट बेड के संख्या 3802 हो चुकी है.ICU / NICU बेड की संख्या 2077 है. और वेंटिलेटर बेड की संख्या 634 हो चुकी है. और संसाधन को देखते हुए बढाए जा रहे हैं.

महामारी से निबटने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सेना से भी सहयोग मांगा है. सेना अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है. लेकिन रक्षा मंत्रालय अबतक इस पर विचार कर रहा है. कोरोना के इस विकट काल में लोगों को मदद मिल सके इसके लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है. 23 जिलों में कुल 1824 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. रांची में अलग से 300 ऑक्सीजन बेड बढ़ाये गये हैं. 300 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. 

राज्य में कुल कुल बेड जिलावार  : 

रांची 300 रिम्स, बोकारो 174 बीजीएच बोकारो, चतरा 50 सदर ग्रे ट्रिक वार्ड, दुमका 70 नये भवन में, गिरिडीह 50 एएनएम हॉस्टल, गोड्डा 50 सदर अस्पताल, गुमला 50 नर्सिंग कौशल कॉलेज, हजारीबाग 90 शेख भिखारी, जामताड़ा 50 जिला अस्पताल, खूंटी 50 एमसीएच 1 और 2, कोडरमा 50 सदर अस्पताल, लातेहार 90 डीसीएचसी राजहर, देवघर 50 पीएचइडी बासुडीह, जसीडीह, धनबाद 82 पीजी ब्लॉक, एसएनएमसीएच, पू सिंहभूम 263 कोविड अस्पताल(85),एमजीएम(63), टिनप्लेट(17),टीएमएच(88), 

गढ़वा 50 पीएचसी करई, सीएचसी मंझियांव, लोहरदगा 50 समर्थ विद्यालय, हिरही, पाकुड़ 50 एएनएम ट्रेनिंग स्कूल, पलामू 50 जीएनएम कॉलेज, रामगढ़ 50, सीएल अस्पताल, टाटा हॉस्पिटल घाटो, रजरप्पा, साहिबगंज 75 एडीएच राजमहल(50), सदर अस्पताल (25), सरायकेला 50 सदर 

मोदी सत्ता की विफलता का खीज का आईना भर है झारखंड में भाजपा का बयान 

ऐसे वक़्त में भाजपा का झारखंड में कहना कि सिस्टम मारा हुआ इसलिए राज्य में मौते हो रही है. अपने आप में हास्यास्पद है. और वह मोदी सत्ता की विफलता का खीज का आईना भर हो सकता है. और जब राज्य मदद की जरूरत है तो भाजपा फिर एक बार ऐसे माहौल में गन्दी राजनीति से बाज नहीं आ रही है. 

मसलन, जब वह कहते हैं कि कुव्यवस्था के कारण कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस राज्य का सिस्टम मरा हुआ है इसलिए लोग मर रहे हैं। तो दरअसल वह साफ़ तौर पर मोदी सत्ता के विफलताओं को गिनवाना हो सकता है. और जो मैकेनिज्म पर ठीक से काम न करने का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल वहां संघ मानसिकता ले नकारे लोग काबिज हैं. जिनको बहुत मेहनत कर संघ ने अपनी सत्ता के दौरां काबिज किया था. ऐसे वक़्त में राजनीति छोड़ भजपा को मदद के लिए आगे आना चाहिए.

  

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