हेमंत के प्रयासों ने पहले कोरोना काल में दिया महिलाओं को काम, अब स्वावलंबी और आत्मनिर्भरता के लिए एसएचजी पर जोर

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का जनता से किए वादों को पूरा करने की कवायद जारी

सरकार की प्रयास लाएगी रंग – ऑनलाइन बाजार में बिकने को जल्द उपलब्ध होंगे एसएचजी के उत्पाद 

राँची। राज्य की वैसी झारखंडी महिलायें जिनकी जीविका उनके परिवारों पर निर्भर है, उन्हें स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्ममंत्री हेमंत सोरेन सक्रियता काम कर रहे हैं। इस प्रयोजन हेतु हेमंत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय स्वंय सहायता समूहों (एसएचजी) पर विशेष जोर दे रहे हैं। 

ज्ञात हो कि कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों ने राज्य की अधिकांश महिलाओं को काम मुहैया करवाया। अब सीएम राज्य के महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ज़ोर दे रहे हैं। 

जेएमएम के घोषणा पत्र में भी जिक्र था कि स्वंय सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए ग्राम संगठनों में सुसज्जित कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण सह उत्पादन कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके संकेत अपने दुमका दौरे के दौरान दिया है।  

हेमंत ने कहा निभाएंगे वादा – मिलेगा रोज़गार

दुमका में आयोजित कार्यक्रम में, स्वंय सहायता समूहों (सखी मंडल) से जुड़ी महिलाओं को संबोधित करते सीएम श्री सोरेन ने अस्वस्थ किया कि वे जनता से किए वादे निभाएंगे। इसी दौरान कोरोना कहर में बंद पड़ी एक सिलाई सेंटर खुलवाया। वहां 30 सिलाई मशीनें लगायी गयी है। हेमंत ने कहा कि इस पहल से क्षेत्र की महिलाएं प्रशिक्षित हो सकेगी। जिससे तकरीबन 600 महिलाओं को रोज़गार मुहैया होगा। 

सरकार की योजना से एसएचजी के प्रोडक्टस ऑनलाइन बाजार में बिकने होंगे उपलब्ध 

एसएचजी महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए हेमंत सरकार एक नयी योजना लाने जा रही है। बहुत जल्द सरकार एसएचजी द्वारा निर्मित उत्पाद को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (बाजार) पर उपलब्ध कराने की तैयारी में है। जिला प्रशासन के प्रयासों से पहले ही खूंटी जिले में इसकी शुरुआत हो चुकी है। जहाँ महिलाएं सखी बॉस्केट मोबाइल एप्प द्वारा प्राप्त ऑनलाइन आर्डर के माध्यम से गांवों में राशन की होम-डिलीवरी कर रही है। 

इसका दो तरफ़ा फायदा देखने को मिला है। एक तो कोरोना संकट में लोग घरों से बाहर निकलने से बच पा रहे हैं। और दूसरा घर बैठे ऑनलाइन तरीके से लोगों को एसएचजी द्वारा राशन व सब्जियां मिल पा रहा है। ग्रामीण विकास विभाग की मानें, तो खूंटी के सदर प्रखंड के अनगड़ा ग्राम की दो सखी मंडल ने राशन के होम-डिलीवरी की योजना बनायी। उनकी योजना की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते अप्रैल माह में 1500 से ज्यादा लोगों को अपनी सेवाएं देकर करीब 5 लाख रूपये का व्यापार किया है। 

मुख्यमंत्री के सहयोग से कोरोना काल में भी झारखंडी महिलाएं नहीं रही मोहताज 

मुख्यमंत्री

देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हर संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री सोरेन राज्यवासियों के साथ खड़े दिखे हैं। जब कोरोना संक्रमण का प्रकोप पूरे राज्य में चरम पर था। लॉकडाउन की वजह से लोगों को रोज़गार मिलना तो दूर नौकरियाँ गवांनी पड़ रही थी। उस दौरान भी राज्य की महिलाएं बेरोज़गारी नहीं रही। क्योंकि सीएम ने न केवल स्वंय सहायता समूहों के द्वारा महिलाओं को काम उपलब्ध कराया, बल्कि कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के संचालन का जिम्मा भी महिलाओं को ही दिया।

पूरे कोरोना काल में स्वंय सहायता समूहों से जुड़े सखी मंडलों की महिलाओं ने मास्क और सैनिटाइजर का निर्माण किया। इससे इस संकट की घड़ी में उन्हें आर्थिक संकट न के बराबर झेलना पड़ा। दाल-भात योजना, दीदी किचन योजना का काम इन्हीं महिलाओं को दिया गया। दोनों ही योजनाओं की काफी प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री ने स्वंय कहा कि कोरोना काल में सखी मंडल की दीदियों ने हजारों मास्क तैयार कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं।

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