हेमन्त सोरेन देश के ऐसे सीएम जो बढ़ती महंगाई के कुप्रभाव को ‘भ्रूण हत्या’-‘बाल विवाह’ जैसे अपराध के बढ़ावे के रूप में देखते हैं

झारखण्ड : सीएम सोरेन ने सदन में स्पष्ट कहा – देश में महंगाई को संतुलित नहीं किया गया तो ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान बेमायने हो जायेंगे. कुपोषण का प्रसार होगा, कुपोषण मुक्ति के प्रयास विफल होगे. आर्थिक अभाव में बेटियों का गला घोंटा जायेगा. ‘भ्रूण हत्या’-‘बाल विवाह’ जैसे अपराध को बढावा मिलेगा

भाजपा की गलत नीतियों से बढ़ी बेहतहाशा महंगाई ने मध्यम वर्ग का तोड़ा कमर, राज्य सरकारों के राहत पहुँचाने का हर प्रयास विफल

राँची : देश में बेतहाशा बढती महंगाई से गरीब-मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित है. उसके सारे गुना-गणित, जोड़-घटाव की कमर टूट गई है. भयावह परिस्थिति से प्रतीत होता है कि भाजपा की केन्द्रीय मोदी सरकार महंगाई नियंत्रण में विफल है. बढ़ती महंगाई का मुख्य कारक पेट्रोलियम पदार्थों -जैसे पेट्रोल-डीजल के दामों में बेलाग वृद्धि व आवश्यक वस्तुओं की मांग-आपूर्ति में अंतर को समझा जा रहा है. चूँकि महंगाई का जनक सरकार की ही नीतियां ही रही है. नतीजतन, बेलगाम महंगाई के विरोध में विपक्ष समेत आम जनता सड़कों पर उतरने को विवश है.

केंद्र सरकार को चाहिए कि महंगाई रोकने हेतु तत्काल सख्त कदम उठाएं. अगर ऐसा नहीं हुआ है, तो देश के समक्ष अपराधिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं. केन्द्रीय सरकार और भाजपा शाषित राज्य भले इसके दुष्परिणाम से अभिज्ञ हो या जान बुझ कर आंखे मूँद रखी हो, लेकिन गैर भाजपा शासित राज्य आने वाली समस्याओं से डर रहे हैं. ज्ञात हो, बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पहली बार महंगाई से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर स्पष्ट बोले. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा जनता को राहत दी जा रही है लेकिन बेतहाशा बढती महंगाई में सभी प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.

बढती महंगाई के कारण आने वाके दिनों में भ्रूण हत्या, बाल विवाह जैसे अपराध बढ़ेंगे. कुपोषण मुक्ति के सभी प्रयास विफल साबित होंगे – मुख्यमंत्री  

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बढती महंगाई के कारण कई समस्याएं खड़ी होंगी. भ्रूण हत्या, बाल विवाह से जंग समाज हार जाएगा. राज्य सरकारों के समक्ष बढ़ते अपराध चुनौतियाँ पेश करेंगे. राज्य-देश को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ेगा. महंगाई बढ़ने के कारण कुव्यवस्थाएं बढ़ेंगी. आजादी के बाद से अबतक हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की लड़ाई लड़ ही रहे हैं. पर महंगाई के कारण सब खत्म हो जाएगा. बेटियों को और अधिक बोझ समझा जाएगा. आर्थिक अभाव में उन्हें कोई नहीं पढ़ाएगा. भाजपा के ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान समाप्त हो जाएंगे. बढ़ती महंगाई की चपेट में सबसे पहले आदिवासी, दलित, पिछड़े व सभी गरीब वर्ग आएंगे. 

कोरोना त्रासदी में भी केन्द्रीय सत्ता ने मध्यम वर्ग, किसान, गरीबों को भगवान भरोसे छोड़ा

सीएम पहले कई बार कह चुके हैं कि केंद्र सरकार की नीतियों से महंगाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. कोरोना संक्रमण काल में तो कई बार देखने को मिला कि मध्यमवर्गीय परिवार, मजदूर, किसान, गरीब को केंद्र ने भगवान भरोसे छोड़ दिया था. जबकि झारखण्ड सरकार ने राज्यवासियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला. महंगाई की वजह पेट्रोलियम पदार्थों की कीमटन में वृद्धि है. इससे कमाई किसकी हो रही है, किसी से छुपा नहीं है. राज्य सरकार को तो जीएसटी का पैसा भी नहीं मिल रहा है. सीएम ने कहा कि हम अपनी तरफ से प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन अगर देश डूबा तो पता नहीं हमारे प्रयासों का क्या होगा.

सभी को राहत दिलाने के लिए हेमन्त सरकार बना रही कार्ययोजनाएं, धरातल पर दिख रहा लाभ 

मध्यम और कमजोर वर्ग को महंगाई की ज्यादा मार न झेलना पड़ें, इसके लिए हेमन्त सरकार में कई पहल हुई है. सीएम ने कहा है कि सभी वर्ग के जनता को राहत देने हेतु कार्ययोजनायें बनायी जा रही हैं. इसी कार्ययोजना का हिस्सा है, जहाँ राज्य के गरीब वर्ग को दुपहिया वाहनों के पेट्रोल पर 25 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी दिया जा रहा है. मनरेगा योजना में मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से ही किया है. झारखंड के गरीब मजदूरों को 198 रुपये की बजाय 225 रुपये का मेहनताना मिला है. मनरेगा मज़दूरों की मजदूरी का यह नई दर 1 अप्रैल 2021 से ही लागू हो गयी है. अति गरीब को मात्र 10 रुपए में धोती-साडी दी जा रही है.

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