बीजेपी नेता के रिश्तेदार के यहाँ ईडी द्वारा करोड़ो रूपये की बरामदगी -यह रिश्ता क्या कहलाता है?

झारखण्ड : पूजा सिंघल मामले को ठन्डे बसते में डाल दूसरी रणनीति पर अमल करना दर्शात है कि बहुजन-आदिवासी विचारों को कुचलने हेतु भाजपा को कोई भी राह अपनाने से चुक नहीं रहे. चाहे राह एक तरफा ही क्यों ना हो. ऐसा क्यों? थिंकटैंको के लिए सवाल?

राँची : ओपरेशन झारखण्ड के तहत पूजा सिंघल मामले में हो रही ईडी कार्रवाई की हर डगर मुख्यमंत्री हेमन्त सरकार तक पहुँचने के बजाय रघुवर दास रूपी पगडण्डी से होते हुए बीजेपी के दहलीज तक पहुँच रही थी. जो बीजेपी आइडियोलॉजी को उसके रणनीति से दूर लिए जा रही थो. और सरयू राय सरीखे झारखण्ड के बुद्धिजीवी साक्ष्यों के सहारे रास्ते में दीवार बन खड़े दिखे. तो ऐसे में उस आइडियोलॉजी द्वारा मामले को याचिका के आसरे ठन्डे बसते में डाल, मंशा पूर्ति में दूसरी रणनीति पर अमल करना ही बेहतर समझा गया है. 

ज्ञात हो, मीडिया में खबर है कि झारखण्ड में ताबड़तोड़ छापेमारी के क्रम में ईडी की टीम द्वारा किसी हीरा भगत के यहाँ से करोड़ों रुपये की बरामदगी की गई हैं. तनुज खत्री का ट्वीट उस आइडियोलॉजी के मंशा का पर्दाफास करती दिखती है. ट्वीट में लिखा गया है कि “आज इडी को झारखण्ड से किसी हीरा भगत के यहाँ करोड़ो रुपये की राशि मिलने की जानकारी मीडिया में आ रही है. और यह भी सुनने में आ रहा है कि हीरा भगत, बिहार से भाजपा एमएलसी दिलीप जायसवाल के ससुर हैं. इडी की हर एक कार्रवाई भाजपा के दरवाज़ा तक पहुँच रही है”.

विधायक सरयू राय का भाजपा आइडियोलॉजी के मंशा पर गंभीर सवाल उठाती तंज

साथ ही भाजपा के मंत्री सह वर्तमान विधायक सरयू राय का तंज भी भाजपा आइडियोलॉजी के मंशा पर स्पष्ट सवाल उठाती है. सरयू राय द्वारा ट्वीट मव कहा गया है कि “ ED @HemantSorenJMM के प्रतिनिधि तक पहुँच गई. अगली राहें इस चौराहा से निकलेंगी. जिन जिनके यहाँ छापेमारी हुई है, उनकी खदान लीज पुरानी हैं. गत सात वर्षों में वैध-अवैध खनन के साथ वे पथ के बड़े ठेकेदार बन गये हैं. समाजसेवी के आवरण में सत्ता के निकटतम संबंधी से लाखों कंबल बँटवाते रहे हैं.

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