वर्त्तमान भाजपा शक्तियों के आसरे अपने समक्ष हर विचार को झुकाने की कवायद करते दिखती है. जिससे उसे दिक्कत है, हो सकती है या उसके बलि से उसकी मंशा सधता हो, ठिकाने लगाने के तरफ बढ़ चली है. अपने नेताओं तक को नहीं छोड़ रहे.
रांची : वर्मान में भाजपा आइडियोलॉजी की लूट मंशा पूँजी के आसरे लोकतांत्रिक फर्श पर ओंधे मुंह पड़ा है. वह देश के तमाम बहुजन विचारधाराओं को कुचलने पर आमाद हैं. चाहे वह विचार संघ या उसके दल से ही क्यों ना हो. महाराष्ट्र उदाहरण बन स्पष्ट रूप में देश के सामने है. ज्ञात हो, वर्त्तमान भाजपा देश के संस्थानिक शक्तियों के आसरे अपने समक्ष हर तबके के बहुजन आवाज या बहुजन की हिमायती आवाज को केवल नतमस्तक करने की कवायद करते दिख रही है. चाहे वह उसके ही दल से क्यों न हो. इसका स्पष्ट उदाहरण झारखण्ड में रघुवर दास जैसे पूर्व मुख्यमंत्री के पर कतरने के रूप में देखा जा सकता है.
ताबड़तोड़ ईडी छापेमारी के तहत हीरा भगत की स्थिति भी यही इशारा कर सकती है. इस फेहरिस्त में भी भाजपा नेताओं के खातों को जब्त करने की मंशा समझी जा सकती है. कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहाँ दिसंबर 2021 में ईडी को 200 करोड़ रुपए समेत कई आभूषण मिले थे. झारखण्ड में सुमन सिंह हो या प्रेम प्रकाश, या कोई और, ईडी की कार्रवाई में सभी के तार झारखण्ड भाजपा नेताओं से जुड़ते दिखे. देश भर में चल रही ईडी के कार्रवाई से भाजपा नेताओं से जुड़े लोगों के पास छुपी राशि को निकालने के यह प्रक्रिया निरंतर चल रही है.
नुपुर शर्मा जहां फ्रिंज एलिमेंट की उपाधि देते हुए, अपने तथाकथित गोदी पत्रकार तक को सिरे से निगलने लगी है
जिससे उसे दिक्कत है, हो सकती है या फिर उसके बलि से उसकी मंशा सधता हो, सबको ठिकाने लगाने के तरफ बढ़ चली है. उस आइडियोलॉजी का यह सिलसिला नुपुर शर्मा जहां फ्रिंज एलिमेंट की उपाधि देते हुए, अपने तथाकथित गोदी पत्रकार तक को सिरे से निगलने लगी है. मसलन, भाजपा में काबिज वर्तमान आइडियोलॉजी पूँजी के आसरे तमाम बहुजनों अथवा बहुजनों के हिमायिती विचारों को रोंद देने के राह बढ़ चली है. जो देश के समक्ष गंभीर सावल बन खड़ा है. जल्द ही देश के थिंकटैंको को नए विचार के साथ सामने आना न केवल जरुरी है, देश हित में भी है.