झारखण्ड : अलग राज्य आन्दोलन के जीवित सभी आंदोलनकारियों को तथा मृत के पुत्र-पुत्रियों या आश्रितों हेमंत शासन में मिल रहा हक-अधिकार, सम्मान व आर्थिक मजबूती. यकीन नहीं तो आंकड़े देखें.
राँची : सीएम हेमन्त सोरेन के शासनकाल में आंदोलनकारियों को मुक़म्मल पहचान मिलना दर्शाता है कि वह न केवल झारखण्ड के गौरवपूर्ण इतिहास के प्रति समर्पित हैं, अपने वादे के भी पक्के हैं. सीएम ने कहा था कि वह अपने शासनकाल में, पूर्व की सामन्तवादी सरकारों में जानबूझ कर विसारे गए झारखण्ड अलग राज्य आंदोलन के हर आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें पूरा मान-सम्मान व अधिकार दिलाएंगे जिसके वह अधिकारी हैं.
लेकिन, सीएम सोरेन का कार्यकाल इस मामले में अपने ही वादे से एक कदम आगे दिखता है. उनकी कार्य प्रणाली न केवल नए सिरे से आंदोलनकारियों का पहचान कर उनकी आर्थिक मजबूतीकरण भी सुनिश्चित करती दिखी है, उन सैनिकों को भी सम्मान मिल रहा है, जो एकीकृत बिहार के समय से विसार दिए गए थे. ज्ञात हो, तीन साल पहले, 3 जून से राज्य आंदोलन के आंदोलनकारियों का चिन्हितीकरण कार्य़ शुरू हुआ था. जो समय के साथ तेजी पकडती गई है.
आंदोलनकारियों को लिए अब तक करीब छह करोड़ रुपए जारी
राज्य में अबतक कई जिलों में आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें आर्थित राहत पहुंचायी गयी है. महज 10 माह में राज्य सरकार ने इसके लिए करीब 6 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की है. जिला उपायुक्तों द्वारा चिन्हित आंदोलनकारियों को इस राशि से राहत पहुंचायी जा रही है. बीते 14 मार्च को आंदोलनकारियों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1.70 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
सिमडेगा (97 हजार) जमशेदपुर (8.40 लाख), देवघर (4.50 लाख), चतरा (96 हजार), गोड्डा (4.08 लाख), कोडरमा (12.10 लाख), रांची (15.94 लाख), रामगढ़ (7.75 लाख), लोहरदगा (3.17 लाख), हजारीबाग (32.60 लाख) रुपए शामिल हैं. 7 दिसंबर 2022 को आंदोलनकारियों के लिए कुल 4.14 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे. इसमें धनबाद, जमशेदपुर, देवघर, बोकारो, गोड्डा, गिरिडीह, गुमला, दुमका, हजारीबाग, कोडरमा, जामताड़ा, लातेहार जैसे जिले शामिल हैं.
आंदोलनकारियों को सम्मान में राज्य सरकार द्वारा लिए गए दो फैसले महत्वपूर्ण
- अलग झारखण्ड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सैनानी का दर्जा दिलाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इससे पहले सरकार दूसरे राज्यों की स्थिति का अध्ययन कराएगी.
- आंदोलन के क्रम में जेल जाने वाले आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन के तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. छह माह से अधिक जेल काटने वालों को 7000 रुपये, तीन से छह तक जेल में रहने वालों को 5000 रुपये. तीन माह से कम समय जेल काटने वाले आंदोलनकारियों को 3500 मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया गया है. आंदोलनकारी की मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रितों को यह लाभ मिलेगा.