झारखण्ड : एक तरफ सीएम दाना चक्रवात की मॉनिटरिंग करते दिखे, तो दूसरी तरफ बारिश के बीच जनता की मांग पर कल्पना सोरेन पहुंची गांडेय. टोले दर टोले जनता के हुजूम ने किया स्वागत.
रांची : भारत की आधी आबादी जब अपने मान सम्मान की रक्षा को कमर कसती है तो न दिन को दिन समझती है और न रात को रात. झारखण्ड में विपक्ष को इस सच से दो-चार होना पड़ रहा है. और यही झारखण्ड चुनाव का मौजूदा सच हो चला है. एक तरफ राज्य भर में दाना चक्रवात के कारण राज्य भर में बारिस हो रहा है और ठण्ड दस्तक दे रही है. लेकिन, कल्पना सोरेन बारिस के बीच अपने विधानसभा क्षेत्र गांडेय पहुँच चुकी है. और जन पुकार पर वह गिरिडीह जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा कर सकती हैं.

इस चुनावी अभियान का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि इस मौसम में भी सभा में पहुँचने वाली जनता का हुजूम में महिलाओं का अनुपात अधिक देखा जा रहा है. और यही नहीं हर सभा में मौजूद महिलायें खुद को कल्पना सोरेन की सिपाही मान रहीं है. भीड़ में पता ही नहीं चलता कौन जनता है, कौन कार्यकर्ता है और कौन नेता. कल्पना सोरेन को मजबूरन कुर्सी पर चढ़ कर उन्हें संबोधित करना पड़ रहा है. कल्पना सोरेन स्थानीय जुबान में सरकार और बतौर विधायक खुद के कार्यों को जनता के बीच रख रहीं हैं और हेमन्त दुबारा का नारा गूंज रहा है.
मसलन, यह स्थिति तब है जब सीएम हेमन्त सोरेन अभी स्वयं मैदान में नहीं उतरे हैं. झारखण्ड में आधी आबादी की चेतना विकास के बढ़ते ग्राफ को देख कर जहाँ विपक्ष दहशत में है और उसे केंद्र के बड़े नामों के साथ, 40 स्टार प्रचारकों की टीम राज्य में उतारना पड़ रहा है. और वहीँ दूसरी तरफ सीएम भी अचंभित हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा है कि मंईया सम्मान सभाओं में मिल रहे राज्य की माताओं-बहनों का प्यार से ह्रदय अभिभूत है. आप हैं तो हम हैं.