भविष्य को चुनौतियों को देखते हुए हेमन्त सोरेन ने युवाओं को दी स्टार्टअप की सलाह, ‘सीएम रोजगार सृजन योजना’ से स्वरोजगार का काम हुआ आसान
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखंड के सही मायने में दूरदर्शी युवा मुख्यमंत्री हैं. वे राज्य हित में वैसे कामों को करना ज्यादा पसंद करते हैं, जिससे झारखंडियों का आर्थिक विकास संभव हो. विशेषकर उनकी सोच युवाओं के प्रति हमेशा ही कुछ ज्यादा पॉजिटिव दिखता है. भविष्य को देखकर ही बीते दिनों अपने चाईबासा दौरे में उन्होंने युवाओं को सलाह दी थी कि वे नौकरी करने के साथ अपना कोई काम क्यों नहीं शुरू करते. सीएम ने कहा था कि नौकरी तो पैसे कमाने के लिए की जाती है, तो ऐसे में बेरोजगार युवा स्टार्टअप के बारे में क्यों नहीं सोचते.
वह अपने स्किल पर ध्यान दें और इस दिशा में भी आगे बढ़ें. हालांकि भविष्य को देखकर उनकी इस बेहतर सोच को भी प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने राजनीतिक रूप दे दिया. भले ही उसकी सरकार पकौड़े बेचने को राजगार मानती हो. अगर राज्य के युवा मुख्यमंत्री के सोच को गंभीरता से सोचेंगे, तो उन्हें हकीकतन ‘सीएम रोजगार सृजन योजना’ में उनका भविष्य दिखेगा. दरअसल स्टार्टअप की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने कई मौके पर युवाओं को कहा है कि उनकी सरकार युवाओं को अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण देने का काम कर रही है. और वर्तमान में इसके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं.
रोजगार देने के लिए 25 लाख रुपये तक का दिया जा रहा है ऋण
मुख्यमंत्री द्वारा स्टार्ट अप करने की सलाह इसलिए दियागया था क्योंकि उनकी सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की गयी है. यह योजना सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी वादों का एक हिस्सा है. योजना के तहत राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार देने के लिए 25 लाख रुपये तक के लोन-ऋण का प्रावधान किया गया है. इसमें सरकार युवाओं को न सिर्फ सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध करवायेगी, बल्कि उसमें 40% तक अनुदान भी दे रही है. योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को परिवहन आदि के लिए वाहन खरीदने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.
भोजनालय, पोल्ट्री फार्म और डेयरी फार्म खोलनेव अन्य उत्पाद के लिए 5 लाख रुपये का ऋण
सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू ‘आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार’ के लिए शनिवार को हजारीबाग पहुंचे मुख्यमंत्री ने फिर से स्वरोजगार के लिए युवाओं को ऋण देने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार राज्य में भोजनालय, पोल्ट्री फार्म और डेयरी फार्म खोलने और उनके उत्पादों के लिए बाजार बनाने के लिए पांच लाख रुपये का ऋण देगी.
दूसरे राज्यों में भी झारखंडियों को खड़ा कर पाएंगा यह स्टार्टअप
हेमन्त सरकार ने पहले ही राज्य की नौजवानों को दूसरे राज्यो में भी अपना स्टार्टअप खड़ा करने के लिए सहयोग करने का फैसला किया हुआ है. सरकार ने फैसला किया हुआ है कि रांची में स्थित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क में वर्चुवल इनक्यूवेशन भी कराएगी. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर को देख योजना में थोड़ा विलंब हो रहा है. लेकिन सरकार ने इसे करने का मन बनाया लिया है. इस जगह पर युवाओं के आइडियाज को सुना जाएगा और उन्हें प्रबंधन गुरुओं के सहायता से कारोबारी मॉडल के स्तर तक विकसित किया जाएगा.
स्वरोजगार के साथ निवेश बढ़ाकर रोजगार सृजन पर भी दे रही जोर
स्वरोजगार के साथ राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हेमन्त सरकार “झारखंड इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन एक्ट-2021” लाने जा रही है. उद्योग विभाग इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है. एक्ट के तहत राज्य में नए उद्योग को स्थापित करने, उद्योग नीति के तहत उद्योगों को लाभ देने, निवेश को बढ़वा देने और रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा.
अपने शासन में तो बीजेपी ने नहीं दिया रोजगार, हेमन्त ने तो कोरोना संकट में दिया रोजगार
विज्ञापनों के ज़रिये रघुबर सरकार अपनी पीठ थपथपा तो चुकी थी लेकिन बीजेपी ने अपने शासन में कितना रोजगार दिया, वह किसी से छिपी नहीं है. नियुक्ति के नाम पर केवल धांधली हुई. नौकरी के नाम पर युवाओं को 7000 से 8000 रुपये का रोजगार देकर बेंगलुरू जैसे मेट्रो सिटी भेजा गया. शायद ही किसी सरकारी विभाग में नियुक्ति देने का काम हुआ. जबकि केंद्र में बीजेपी की ही सरकार थी. दूसरी तरफ कोरोना संकट आने पर जब केंद्र ने राज्य सरकार को किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं दी, तो मुख्यमंत्री ने अपने बेहतर रणनीति से राज्य के लोगों को रोजगार देने का काम किया. किसी को भी भूखे नहीं मरने दिया. इस उपलब्धि को बीजेपी नेता शायद अब तक पचा नहीं पाये हैं.