झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 (JIIPP), नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर मीट में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा निवेशकों के बीच कहा गया था कि झारखण्ड आगे बढ़ना चाहता है. प्रचुर संसाधनों का सदुपयोग कर राज्य को विकास की ओर ले जाना चाहता है. इस प्रयास में आप सभी निवेशकों का सहयोग अपेक्षित है. सरकार ने कदम बढ़ा दिया है. जो अब नहीं थमेंगे. झारखण्ड में माइंस और मिनरल के इर्द गिर्द बातें सोची गई. जो पूर्व की तरह कार्य करती रहेंगी. इसके अतिरिक्त टूरिज्म, रिन्यूबल एनर्जी, फ़ूड प्रोसेसिंग, शिक्षा, ऑटोमोबाइल, फार्मा, टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी तेजी से कार्य होंगे. राज्य में रोजगार सृजन हेतु सरकार उद्योग का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा था कि हेड ऑफ ब्यूरोक्रेसी के नाते मैं निवेशकों को आश्वस्त करता हूं कि राज्य की कार्यपालिका तक निवेशकों की पहुंच आसान होगी. झारखण्ड सरकार में प्रोएक्टिव अप्रोच के साथ काम करने वाले अधिकारी हैं, जो समस्या समाधान के उद्देश्य से काम करते हैं. नीति के क्रियान्वयन में समस्या का सामना निवेशकों को नहीं करना पड़ेगा. निवेशकों के लिए झारखण्ड सबसे बेहतर अवसर है.
ज्ञात हो, उस कार्यक्रम के अंतर्गत डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड एवं उद्योग विभाग व झारखण्ड सरकार के बीच 758 करोड़ निवेश का एमओयू हुआ था. उस एमओयू के अनुसार सीमेंट प्लांट की स्थापना हेतु डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड को तय समय सीमा के अंतर्गत भूमि का आवंटन, अधिपत्य एवं आवंटित भूखंड का लीज डीड प्राधिकार के स्तर से संपन्न कर दिया गया है. जिसके तहत करीब 577 करोड़ का निवेश सुनिश्चित हो गया है. सीमेंट संयंत्र की स्थापना का कार्य नवंबर 2021 में प्रारंभ होगा, जिसकी उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 2.0 मिलियन टन का होगा. सरकार ने संयंत्र स्थापना के लिए कंपनी को बोकारो जिला के बालीडीह में 16 एकड़ भूमि उपलब्ध कराया है.